April 6, 2021
आओ टीका लगवाएँ : कोरोना को निबटाएँ
March 30, 2021
ठोकर खाने से
ग़ज़ल**ओंकार सिंह विवेक
मोबाइल 9897214710
कौन भला रोकेगा उसको मंज़िल पाने से,
जिसका साहस जाग उठा हो ठोकर खाने से।
बात समझकर भी जो ढोंग करें नासमझी का,
होगा भी क्या ऐसे लोगों को समझाने से।
मत पूछो कितनी तस्कीन मिली है इस दिल को,
इक बेकस की ओर मदद का हाथ बढ़ाने से।
कैफ़े से मँगवाए चाऊमिन - पिज़्ज़ा - बर्गर ,
कैसे बेहतर हो सकते हैं घर के खाने से।
गीता के उपदेशों ने वो संशय दूर किया,
रोक रहा था जो अर्जुन को वाण चलाने से।
जो वो सोचे कितने पंछी बेघर कर डाले,
आँधी को फ़ुरसत ही कब है पेड़ गिराने से।
जब दिल से दिल का ही सच्चा मेल नहीं होता,
क्या हासिल है फिर लोगों के हाथ मिलाने से।
--ओंकार सिंह विवेक
सर्वाधिकार सुरक्षित
March 27, 2021
होली है भई होली है!
March 25, 2021
जनता तो बेचारी थी बेचारी है
ग़ज़ल***ओंकार सिंह विवेक
मोबाइल 9897214710
🗯️
इसको लेकर ही उनको दुश्वारी है,
जनता में क्यों अब इतनी बेदारी है।
🗯️
तुम क्या जानो दर्द किराएदारों का,
यार तुम्हारा बँगला तो सरकारी है।
🗯️
कोई सुधार हुआ कब उसकी हालत में ,
जनता तो बेचारी थी , बेचारी है।
🗯️
शकुनि बिछाता है वो ही चौसर देखो,
आज महाभारत की फिर तैयारी है।
🗯️
नाम कमाएँगे ये ख़ूब सियासत में,
नस-नस में इनकी जितनी मक्कारी है।
🗯️
औरों-सा बनकर पहचान कहाँ होती,
अपने - से हैं तो पहचान हमारी है।
🗯️
----ओंकार सिंह विवेक
March 22, 2021
विराट कवि सम्मेलन और साहित्यकार सम्मान समारोह
March 17, 2021
भव्य कवि सम्मेलन शेरकोट, बिजनौर
March 15, 2021
सदभाव रहेगा
March 10, 2021
खटकता है वो कोठी की नज़र में
March 8, 2021
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर
March 4, 2021
दर्द मज़लूम का
ग़ज़ल-ओंकार सिंह विवेक
मोबाइल 9897214710
💥
बदला रातों - रात उन्होंने पाला है ,
शायद जल्द इलक्शन आने वाला हैI
💥
झूठे मंसब पाते हैं दरबारों में,
और सच्चों को होता देश-निकाला है।
💥
भूखे पेट जो सोते हैं फुटपाथों पर,
हमने उनका दर्द ग़ज़ल में ढाला है।
💥
सोचो घर में बेटी के जज़्बात भला,
माँ से बेहतर कौन समझने वाला है।
💥
यार उसूल परस्ती और सियासत में,
तुमने ख़ुद को किस मुश्किल में डाला है।
💥
नीचे तक पूरी इमदाद नहीं पहुँची,
ऊपर आख़िर कुछ तो गड़बड़झाला है।
💥
-----ओंकार सिंह विवेक
March 2, 2021
ग़ज़ल प्रतियोगिता परिणाम
February 28, 2021
गूगल-ज्ञानी
February 27, 2021
"अभिनंदन ऋतुराज" - संगीत के बहाने
February 23, 2021
मेल-मिलाप कराने का माहौल बनाते हैं
February 22, 2021
अपनी हिंदी और ऋतुराज वसंत के बहाने
February 20, 2021
दर्द का अहसास
February 18, 2021
February 11, 2021
February 7, 2021
February 1, 2021
January 30, 2021
January 23, 2021
January 20, 2021
January 15, 2021
January 12, 2021
"हस्ताक्षर" की काव्य गोष्ठी
January 7, 2021
January 6, 2021
नया साल होगा
January 2, 2021
December 24, 2020
स्व0श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी,स्व0श्री मदन मोहन मालवीय जी एवं स्व0 श्री धर्मवीर भारती जी को श्रद्धा सुमन
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