May 27, 2021
May 21, 2021
अँधेरे से ही तो उजाला है
शुभ प्रभात मित्रों🙏🙏
शीर्षक पढ़कर आपको लगा होगा कि यह कैसी अटपटी-सी
बात है।यदि हम गहराई से सोचें तो इस कथन के पीछे छुपी
सच्चाई समझ में आ जाएगी।जब व्यक्ति अँधेरों में घिरता है
तभी उसे प्रकाश का महत्व समझ आता है और वह दीप जलाने
की बात सोचकर उसके लिए प्रयास करता है।अगर अँधेरा न हो
तो हम दीप जलाने की बात क्योंकर सोचेंगे।अतः अँधेरा तो एक प्रकार से हमें दिये जलाने की प्रेरणा देता है,हमें इसका अहसानमंद
होना चाहिए।
यही बात जीवन में आने वाली तमाम विपदाओं और परेशानियों पर भी लागू होती है।हम परेशानियाँ उठाकर ही सुखों का महत्व
समझते हैं।दुःखों की कसौटी पर कसे जाने के उपरांत ही हमें सुखों में आनंद की अनुभूति होती है।
---ओंकार सिंह विवेक
May 17, 2021
दोहे : गंगा मैया
दोहे : गंगा माई
**********
----©️ ओंकार सिंह विवेक
💥
जटा खोलकर रुद्र ने , छोड़ी जिसकी धार,
नमन करें उस गंग को , आओ बारंबार।
💥
भूप सगर के पुत्र सब , दिए अंततः तार,
कैसे भूलें हम भला , सुरसरि का उपकार।
💥
यों तो नदियों का यहाँ , बिछा हुआ है जाल,
पर गंगा माँ - सी हमें , मिलती नहीं मिसाल।
💥
मातु - सदृश भी पूजता , मैली करता धार,
गंगा - सॅंग तेरा मनुज , यह कैसा व्यवहार।
💥
दिन-प्रतिदिन दूषित करे , मानव उसकी धार,
पर फिर भी आशा रखे , गंगा देगी तार।
💥
आज धरा पर देखकर , गंगा का संत्रास,
शिव जी भी कैलाश पर , होंगे बहुत उदास।
💥
सच्चे मन से प्रण करें , हम सब बारंबार,
नहीं करेंगे अब मलिन , देवनदी की धार।
💥
चला-चलाकर नित्यप्रति, अधुनातन अभियान,
स्वच्छ करेंगे गंग को , मन में लें हम ठान।
💥
May 8, 2021
Subscribe to:
Posts (Atom)
Featured Post
साहित्यिक सरगर्मियां
प्रणाम मित्रो 🌹🌹🙏🙏 साहित्यिक कार्यक्रमों में जल्दी-जल्दी हिस्सेदारी करते रहने का एक फ़ायदा यह होता है कि कुछ नए सृजन का ज़ेहन बना रहता ह...
-
बहुुुत कम लोग ऐसे होते हैैं जिनको अपनी रुचि के अनुुुसार जॉब मिलता है।अक्सर देेखने में आता है कि लोगो को अपनी रुचि से मेल न खाते...
-
शुभ प्रभात मित्रो 🌹🌹🙏🙏 संगठन में ही शक्ति निहित होती है यह बात हम बाल्यकाल से ही एक नीति कथा के माध्यम से जानते-पढ़ते और सीखते आ रहे हैं...
-
🌹🌼🍀🌲☘️🏵️🌴🥀🌿🌺🌳💐🌼🌹🍀🌲☘️🏵️🌴🥀🌿🌺🌳💐🌼🌹🍀🌲☘️🏵️🌴🥀🌿🌺🌳💐🌼🌹🍀 ३० अक्टूबर,२०२३ को रात लगभग आठ बजे भाई प्रदीप पचौरी जी का ...