November 27, 2023

इज़हारे-ख़याल : एक तरही ग़ज़ल

शुभ प्रभात मित्रो 🌹🌹🙏🙏

कई दिनों बाद एक तरही ग़ज़ल सृजित हुई है।आपकी प्रतिक्रियाओं हेतु प्रस्तुत कर रहा हूं:

मिसरा'-ए-तरह 👉 मैनें खुद से भी दोस्ती की है
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ग़ज़ल -- ओंकार सिंह विवेक 
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सब  ख़ता  इसमें  आदमी की है,
साँस उखड़ी जो  ये  नदी  की है।

वो जो  सच  की  दुहाई  देता था,
झूठ   की   उसने  पैरवी  की  है।

धूप का  क्यों  न  ख़ैर मक़्दम हो,   
ठंड  भी  तो  ये  जनवरी  की  है। 
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ताड़  तिल  का  बना  के  छोड़ेगा,
जैसी फ़ितरत उस आदमी की है।

हौसले  को  सलाम  है   गुल   के,
एक   पत्थर   से   दोस्ती  की  है।      

फूल-फल  ही  नहीं  दिए  केवल,
छाँव  भी   पेड़  ने   घनी  की है।

जो  ग़ज़ल  हम  सुना रहे हैं तुम्हें,
बस मुकम्मल अभी-अभी की है।
          @ओंकार सिंह विवेक

November 23, 2023

पल्लव काव्य मंच रामपुर (उoप्रo)का शारदीय काव्य महोत्सव

नमस्कार मित्रो 🌹🙏

साहित्यकार अपने सृजन से समाज,देश और दुनिया को जोड़ने की बात करता है। साहित्यकार का ज़ात-बिरादरी और देशों की सीमाबंदियों से कोई सरोकार नहीं होता। वह अपने विराट चिंतन और जन कल्याणकारी सृजन से देश और दुनिया को दिशा देने का पुनीत कार्य करता है।कुछ ऐसा ही विश्वव्यापी सद्भावना का संदेश लेकर विराटनगर नेपाल से दो वरिष्ठ साहित्यकार अपनी धर्म पत्नियों के साथ रामपुर पधारे।
नेपाली तथा हिंदी भाषाओं के इन वरिष्ठ साहित्यकारों डॉक्टर घनश्याम परिश्रमी जी तथा डॉक्टर देवी पंथी जी के सम्मान में पल्लव काव्य मंच रामपुर द्वारा शानदार शारदीय काव्य महोत्सव का आयोजन किया गया।२२ नवंबर,२०२३ को माया देवी धर्मशाला रामपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में विदेशी तथा स्थानीय साहित्यकारों के साथ पड़ोस के नगरों संभल और बहजोई के साहित्यकारों ने भी सहभागिता की।
कार्यक्रम के पहले चरण का शुभारंभ पूर्व में त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमाण्डू, नेपाल में सेवारत रह चुके इन दो साहित्यकारों के सम्मान में शानदार कवि सम्मेलन
से हुआ।
कविता पाठ करते हुए सम्भल से पधारे व्यंग्य कवि अतुल शर्मा ने कहा- भ्रष्टाचारी दम भरते हैं सत्ता के प्रभावों में/लोकतंत्र फिर बिक जाता है औने-पौने भावों में।
राजीव शर्मा ने कहा- रामपुर की खास निशानी चाकू मेरा नाम/इसी शहर में बनता हूँ मैं यही मेरी पहचान। 
कविता पाठ करते हुए पँवासा के ज्ञानप्रकाश उपाध्याय ने कहा- खून की हर बूँद से लिख देंगे हिंदुस्तान/तुझपे समर्पित मेरा दिल मेरी जान। 
पल्लव काव्य मंच के उपाध्यक्ष ग़ज़लकार ओंकार सिंह विवेक ने तंज कसते हुए कहा- लुत्फ़ क्या आएगा शराफ़त में/आप अब आ गये सियासत में। 
अध्यक्ष शिव कुमार चन्दन ने कहा-चल पड़ी अनवरत फिर चली हर नदी/पहले गन्तव्य से कब रुकी हर नदी। 
बहजोई से कवि दीपक गोस्वामी चिराग ने बेटियों को नसीहत करते हुए कहा- मात-पिता के प्रेम का रख गौरैया मोल/धरती के भगवान हैं मात-पिता अनमोल। 
रश्मि चौधरी ने कहा- कुछ बोझ दिल से उतारा जाए/उसे एक बार फिर पुकारा जाए। 
शायर प्रदीप राजपूत माहिर ने कहा- आपका साथ ही जब मयस्सर नहीं/ये मुक़द्दर तो कोई मुक़द्दर नहीं। 
कवि सचिन सार्थक ने कहा-प्यार खामोशियाँ प्यार है बोलना/प्यार काँधों पे सिर रख के है डोलना। 
शायर अश्क रामपुरी ने फरमाया- आँधियों का का दम निकाला जाएगा/ अब दिए में ख़ून डाला जाएगा। 
विनोद शर्मा ने मानवता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा-जहाँ इंसानियत की रौशनी हो/वहीं काबा है अपना सर झुका लो।  
अनमोल रागिनी ने कहा- मत देना कर्तव्य है मतदाता अधिकार/मत देने से ही बने लोकतंत्र सरकार। 
डॉo प्रीति अग्रवाल ने कहा- पैसा है बहुमूल्य रखना इसका मान/बिन पैसे पाता नहीं कोई भी सम्मान।
विराटनगर नेपाल से आये डॉ देवी पंथी ने कहा- झूम के सावन आया देखो तो/बादल ने पानी बरसाया देखो तो।
 लुम्बिनी प्रदेश नेपाल से डॉ घनश्याम परिश्रमी ने कहा- कविता अरुणोदय की लाली/कविता बनती पूजन थाली।
 डॉ देवी पंथी ने नेपाल में ग़ज़ल के उद्भव और विकास पर प्रकाश डालते हुए वहां इस विधा के तेज़ी से लोकप्रिय होने का भी ज़िक्र किया।
 डॉ घनश्याम परिश्रमी ने नेपाल में हिन्दी और नेपाली भाषा के सह-अस्तित्व और विकास से अवगत कराया।
नेपाल से ही आयीं राधिका पंथी और राधा न्यौपाने ने भी अपना काव्यपाठ प्रस्तुत किया। 
कार्यक्रम के अंत में नेपाल एवं बाहर से आये साहित्यकारों को शॉल, प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सीताराम शर्मा, हरीश सक्सेना, गोविंद शर्मा, सुनील वैश्य, रामसागर शर्मा, जावेद रहीम, नवीन पाण्डे, राजवीर सिंह राज़, अशोक सक्सेना, हरीश सक्सेना आदि उपस्थित रहे। संचालन महासचिव प्रदीप राजपूत माहिर ने किया।
कार्यक्रम की स्थानीय समाचार पत्रों द्वारा सुंदर कवरेज के लिए पल्लव काव्य मंच रामपुर उनका हार्दिक आभार प्रकट करता है।

प्रस्तुति : ओंकार सिंह विवेक
ग़ज़लकार/समीक्षक/कंटेंट राइटर/ब्लॉगर

November 15, 2023

त्योहार के बहाने

नमस्कार मित्रो 🌹🌹🙏🙏

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दीपों का त्योहार दीपावली आया और चला गया। कुछ बस्तियों में ख़ूब धूम-धड़ाका हुआ।कुछ घरों में हज़ारों की आतिशबाज़ी आई और स्वाहा कर दी गई। अमीरों के यहाँ मिठाइयों/ड्राई फ्रूट्स और गिफ्ट्स के जमकर आदान-प्रदान हुए।
.        (चित्र : गूगल से साभार) 
दूसरी तरफ़ कुछ बस्तियों में वो धूम-धड़ाका या उत्साह का माहौल देखने को नहीं मिला जो होना चाहिए था। निर्धन फुटपाथ पर फड़ लगाकर सामान ही बेचते रहे ताकि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर सकें।
समाज में इस आर्थिक क्षमता या परचेसिंग पॉवर में हद दर्जे की असमानता/असंतुलन को देखकर ह्रदय बहुत व्यथित हुआ।इसके पीछे संसाधनों का असमान वितरण/अभाव, सामाजिक स्तर/सामाजिक विसंगति या अर्थशास्त्र के तमाम तर्क हो सकते हैं जिन पर बुद्धिजीवी लंबी बहसें कर सकते हैं।
.      (चित्र : गूगल से साभार)
तथ्य और कारण कोई भी हों परंतु दीपावली पर जब एक तरफ़ भरपूर मस्ती और एक तरफ़ मायूसी देखी तो कवि मन से दो दोहे सृजित हुए जो आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं :
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महलों में ही बँट गया,सब का  सब उजियार।
झोपड़ियों में रह गया,फिर वह ही अँधियार।।

सजने  दो  जिनके  लिए, सजें हाट - बाज़ार।
अपनी  तो  है  जेब  पर, भारी  हर  त्योहार।।
               @ओंकार सिंह विवेक 

November 7, 2023

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी दिल्ली का काव्य प्रतिभा सम्मान समारोह ,2023

नमस्कार मित्रो 🌹🌹🙏🙏


हिंदुस्तानी भाषा अकादमी दिल्ली का पुस्तक विमोचन और 
ग़ज़लकार सम्मान समारोह,2023
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 स्व वित्तपोषित संस्था हिंदुस्तानी भाषा अकादमी दिल्ली द्वारा 5 नवंबर, 2023 को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केंद्र में ग़ज़ल संग्रह "गुलदस्ता-ए-ग़ज़ल" का विमोचन, ग़ज़लकार सम्मान तथा पुस्तक में चयनित ग़ज़लकारों के ग़ज़ल पाठ का एक शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मशहूर उस्ताद शायर सीमाब सुल्तानपुरी जी ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की और 'गुलदस्ता-ए-गज़ल' साझा ग़ज़ल-संग्रह को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ग़ज़ल-गुरु श्री देवेंद्र मांझी जी मुख्य अतिथि के रूप में मंचासीन रहे। विशेष अतिथि के रूप में सर्वभाषा ट्रस्ट के निदेशक डॉ. केशव मोहन पांडे इस समारोह में शामिल थे।
बताते चलें कि ग़ज़ल संग्रह हेतु लगभग 170 से 175 ग़ज़लकारों ने अपनी रचनाएँ प्रेषित की थीं जिनमें से 50 ग़ज़लकारों की दो-दो श्रेष्ठ ग़ज़लों का चयन किया गया था।सौभाग्य से मुझे भी इस संग्रह में छपने का अवसर प्राप्त हुआ।
समारोह में मेरठ के वरिष्ठ साहित्यकार श्री बृजराज किशोर 'राहगीर' को हिंदुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान -2023 प्रदान करने के साथ ही पुस्तक में छपे अन्य श्रेष्ठ ग़ज़लकारों को भी  सम्मानित किया गया।यह सम्मान उन्हें ग़ज़ल विधा के उस्ताद शायर श्री देवेंद्र मांझी एवं सीमाब  सुल्तानपुरी जी द्वारा प्रदान किए गए। 
सभी चयनित रचनाकारों को मिले सम्मान विशेष है क्योंकि यह एक पारदर्शी और पूर्ण निष्पक्ष प्रक्रिया के बाद प्रदान किए गए हैं।
 अकादमी द्वारा इससे पूर्व में साहित्य की गीत विधा पर यह सम्मान दिया गया था। 
 कार्यक्रम में अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अकादमी की कार्यपद्धति और इसकी भावी योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था की कार्यकारिणी के सदस्य- सुश्री संजय गरिमा, डा.सोनिया अरोड़ा और समन्वयक विनोद पाराशर जी ने किया।
भारतीय भाषाओं के उन्नयन एवं संवर्धन को समर्पित संस्था 'हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के इस पुनीत कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है।समारोह में देश भर से आए हुए श्रेष्ठ ग़ज़लकारों से मिलने का अनुभव बहुत सुखद रहा।
कार्यक्रम में आमंत्रित तथा सम्मानित करने के लिए मैं अकादमी के प्रमुख श्री सुधाकर पाठक जी तथा श्री विनोद पाराशर जी का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूं 🙏🙏
 --- ओंकार सिंह विवेक
ग़ज़लकार/समीक्षक/कंटेंट राइटर/ब्लॉगर





November 1, 2023

(यादगार लमहे)भाई प्रदीप पचौरी का सेवा निवृत्ति समारोह

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३० अक्टूबर,२०२३ को रात लगभग आठ बजे भाई प्रदीप पचौरी जी का फोन आया कि कल मैं बैंक-सेवा से निवृत्ति प्राप्त कर रहा हूं।इस अवसर पर मैंने बैंक के साथियों के लिए डिनर पार्टी का आयोजन किया है जिसमें आप सादर आमंत्रित हैं। मैंने उन्हें जीवन की अगली पारी के लिए शुभकामना देते हुए सहर्ष आने की स्वीकृति दी।
अगले दिन दोपहर में पुन: भाई पचौरी जी और प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक की मुख्य शाखा के क्षेत्राधिकारी प्रिय प्रिंस कुमार का फोन आया कि सर आपको कार्यक्रम कंडक्ट भी करना है।मुझे ख़ुशी हुई कि बैंक से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्राप्त करने के चार साल बाद भी वर्तमान बैंक कर्मी मुझे उतना ही स्नेह देते हैं।मुझे बैंक सेवा में बिताए अपने वे पुराने दिन याद आ गए जब मैं अपने सहकर्मियों के साथ प्रथमा बैंक क्षेत्रीय कार्यालय में ऐसे तमाम कार्यक्रम सफलता पूर्वक कंडक्ट किया करता था।बैंक के मुख्य कार्यालय मुरादाबाद के ट्रेनिंग सेंटर का एसोशिएट डायरेक्टर रहते हुए भी ऐसे तमाम कार्यक्रम कंडक्ट करने का अवसर प्राप्त होता रहता था जिसके प्रतिफल में अपने उच्चाधिकारियों से प्रशंसा भी प्राप्त होती थी।
अब और अधिक विषयांतर न करते हुए मुद्दे पर आता हूं।३१ अक्टूबर,२०२३ को शाम लगभग साढ़े सात बजे बैंक की मुख्य शाखा रामपुर में भाई प्रदीप पचौरी जी की विदाई पार्टी का आयोजन किया गया।

मंच पर कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण भाई प्रदीप पचौरी जी के साथ क्षेत्रीय प्रबंधक संजय जौहरी जी,वरिष्ठ प्रबंधक हरनंदन गंगवार जी तथा मुख्य शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक सौरभ कुमार अमरनानी जी विराजमान रहे। सर्वप्रथम मंचासीन महानुभावों द्वारा बुके तथा फूल मालाओं से भाई प्रदीप पचौरी जी का स्वागत किया गया।उसके बाद कार्यक्रम में उपस्थित अन्य सभी बैंक कर्मियों तथा पचौरी जी के परिजनों एवं रिश्तेदारों द्वारा मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मैंने पचौरी जी के ३७ वर्ष २ माह के कार्यकाल पर सूक्ष्म प्रकाश डालते हुए वक्ताओं को अवसर के अनुकूल विचार व्यक्त करने के लिए मंच पर आमंत्रित किया। हरनंदन गंगवार , प्रदीप यादव तथा प्रिंस कुमार आदि ने इस अवसर पर बोलते हुए बैंक स्टाफ के साथ पचौरी जी के सरल व्यवहार और सहयोग को लेकर प्रशंसा करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं।
मुख्य शाखा रामपुर के प्रबंधक सौरभ जी ने रामपुर शाखा में पचौरी जी के सूक्ष्म कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं।रामपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक संजय जौहरी साहब ने पचौरी जी से अपने पुराने जुड़ाव को लेकर कई संस्मरण सुनाए तथा उनकी क्रिकेट में रुचि और इसमें उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया।जौहरी साहब ने बैंक की ओर से भविष्य में भी पचौरी जी को हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया।
पचौरी जी के परिजनों और रिश्तेदारों द्वारा भी इस अवसर पर पचौरी जी के साथ जुड़े कई संस्मरण और अनुभव साझा करते हुए उनके आत्मीयतापूर्ण व्यवहार की प्रशंसा की गई।इस अवसर पर सभी लोग काफ़ी भावुक नज़र आए जो स्वाभाविक भी है।अपने भावुक संबोधन में सेवानिवृत्ति प्राप्त कर रहे भाई प्रदीप पचौरी ने कहा कि मैंने अपनी सामर्थ्य के अनुसार बैंक को अपना सौ प्रतिशत देने का पूरा प्रयास किया।कुछ परेशानियां भी आईं और कटु अनुभव भी हुए परंतु उनको कार्य का अंग मानते हुए स्वीकार किया ।उन्होंने सभी से मिले सहयोग के लिए आभार प्रकट किया।अंत में बैंक की ओर से क्षेत्रीय प्रबंधक,शाखा प्रबंधक तथा अन्य बैंक स्टाफ द्वारा पचौरी जी को मोमेंटो, शॉल और गिफ्ट आदि प्रदान किए गए।शाखा प्रबंधक द्वारा सभी का आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।
शाखा से विदाई के बाद भाई प्रदीप पचौरी जी द्वारा सब के लिए सूर्या बैंक्वेट हॉल में एक शानदार डिनर पार्टी का आयोजन किया गया।इस पार्टी में पुराने तमाम साथियों से भेंट करके मन को प्रसन्नता हुई। ऐसे आयोजनों में सम्मिलित होने का एक फ़ायदा यह भी होता है कि जिन लोगों से पारिवारिक व्यस्तताओं के चलते व्यक्तिगत रूप से मिलना नहीं हो पाता उनसे भेंट हो जाती है और घर-परिवार में सबकी  ख़ैरियत भी पता चल जाती है।इस दृष्टि से यह अवसर उपलब्ध कराने के लिए भाई प्रदीप पचौरी का अतिरिक्त हार्दिक आभार प्रकट करना बनता है।
नीचे इस अवसर पर साथियों के साथ लिए गए कुछ छायाचित्र प्रस्तुत हैं :


अंत में अपने इस दोहे के माध्यम से पचौरी जी को जीवन की अगली पारी के लिए शुभकामना देते हुए उनके दीर्घायु होने की कामना करता हूं :

     हर विपदा-बाधा मिटे,हो जीवन  ख़ुशहाल।
     मित्र पचौरी है दुआ,आप  जिएं सौ  साल।।
              @ ओंकार सिंह विवेक 
प्रस्तुति :
ओंकार सिंह विवेक
ग़ज़लकार/समीक्षक/कंटेंट राइटर/ब्लॉगर

विशेष :
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