बहुुुत कम लोग ऐसे होते हैैं जिनको अपनी रुचि के अनुुुसार जॉब मिलता है।अक्सर देेखने में आता है कि लोगो को अपनी रुचि से मेल न खाते हुए कार्य ही करने पड़ते हैं।घर को चलाने के लिए अक्सर ऐसा करना आवश्यक होता है।जिन लोगों को रुचि के अनुसार कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है वे बहुत ही भाग्यशाली होते हैं निश्चित तौर पर ऐसे लोगों की क्षमता प्रारम्भ से ही बहुत अधिक बढ़ी हुई रहती है क्योंकि रोज़ी रोटी के लिए भी वे अपनी रुचि का कार्य ही कर रहे होते है ।जिन लोगों को रुचि के विपरीत मिले कार्य को करना पड़ता है उनको उसी कार्य में मन लगाकर पूरी एकाग्रता के साथ अपना सौ प्रतिशत देने का प्रयास करना पड़ता है और करना भी चाहिए।जब हमारे पास कोई विकल्प नहीं तो फिर उसी कार्य को हमें अपनी रुचि का बनाकर आनंद के साथ उस कार्य का निष्पादन करना चाहिए।जीवन में यही सफलता का सबसे बड़ा मंत्र है।कुछ लोग अपनी रुचि के प्रति हद दर्जे का जुनून और दृढ़ इच्छाशक्ति रखते हैं और जीवन मेंजोखिम उठाने का साहस रखते हैं।ऐसे लोग कई बार रुचि का न होने के कारण जमा जमाया काम भी छोड देते हैं और अपनी रुचि के कार्य में नए सिरे से ख़ुद को आज़माने का साहस दिखा पाते हैं।अपनी जोख़िम लेने की क्षमता के कारण वे अपने पैशन को फॉलो करके जीवन में सफलता की नई ऊँचाइयाँ पाने में सफल भी हो जाते हैं।
बस इसी का नाम जीवन है और यह जीवन ऐसे ही चलता रहता है।
ग़म की पैहम बारिशों में मुस्कुराना चाहिए,
मुश्किलों को अज़्म की क़ूवत दिखाना चाहिए।
-----///////ओंकार सिंह विवेक
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (16-09-2020) को "मेम बन गयी देशी सीता" (चर्चा अंक 3826) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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हार्दिक आभार आदरणीय
ReplyDeleteआदरणीय ओंकार सिंह "विवेक" जी, आपके जीवन यात्रा के बारे में जानकर बहुत खुशी हुई। आपने सेवा निवृत्ति काल के पहले है, अपना समय अपने पैशन, अपनी कविता को देने के लिये वी आर एस ले लिया, यह कोई धुन का पक्का व्यक्ति ही कर सकता है। आपकी सुखद साहित्यिक यात्रा की अग्रिम शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteमैंने आपका ब्लॉग अपने रीडिंग लिस्ट में डाल दिया है। कृपया मेरे ब्लॉग "marmagyanet.blogspot.com" अवश्य विजिट करें और अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराएं।
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सादर!--ब्रजेन्द्रनाथ
आदरणीय आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से अभिभूत हूँ
ReplyDeleteअवश्य ही आपके सृजन से लाभान्वित होऊँगा🙏🌷
Prernadaaee
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
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