September 26, 2023

झुमका गिरा रे! बरेली के बाज़ार में ------

प्रणाम मित्रो 🌹🌹🙏🙏


झुमका गिरा रे! बरेली के बाज़ार में, झुमका गिरा रे!
फ़िल्म "मेरा साया" का यह सुपर हिट गीत किसकी ज़बान पर चढ़कर नहीं बोलता।हम सभी जानते हैं कि यह गाना अपने ज़माने की मशहूर फ़िल्म अभिनेत्री साधना पर फिल्माया गया था।
 गाने के ये  बोल और इन पर साधना जी की दिलकश अदाकारी आज भी लोगों को दीवाना बनाए हुए है।इस गाने को सुनते ही बरेली शहर की याद आना स्वाभाविक है।
हाल ही में मैंने बरेली प्रवास के दौरान बरेली के झुमका तिराहे का भ्रमण किया तो सोचा इस तिराहे के बारे में आपके साथ भी कुछ विचार साझा किए जाएं।
इस फिल्मी गाने की मार्फत बरेली की पहचान बन चुके झुमके के नाम पर बरेली नगर के प्रवेश द्वार पर ही बरेली विकास प्राधिकरण द्वारा झुमका तिराहे का निर्माण कराया गया है।यह तिराहा बहुत ही सुंदर और भव्य बनाया गया है। यह चौराहा २०० मीटर दूर से ही दिखाई देने लगता है। 
जैसे- जैसे हम इसके पास आते हैं इसे निहारने और इसके साथ फोटो खिंचवाने की उत्सुकता बढ़ती जाती है।हाल ही में बॉलीवुड इंडस्ट्री के दिग्गज रणवीर सिंह और आलिया भट्ट भी अपनी नई फिल्म "रॉकी और रानी" के प्रमोशन के सिलसिले में इस तिराहे पर आए थे और झुमके के साथ अपनी फोटो खिंचवाकर तथा यहां प्रशंसकों से मिलकर इस झुमका शहर बरेली के लोगों को अपनी शुभकामनाएं दी थीं।
प्राप्त सूचनाओं के आधार पर यहां स्थापित किए गए विशाल झुमके को पीतल और तांबे से बनाया गया है।झुमके की ऊंचाई लगभग १८ फीट है तथा भार लगभग २०० किलो अर्थात २ क्विंटल है।इस तिराहे को बनाने में लगभग १८ लाख रुपए की लागत आई है।
नेशनल हाईवे २४ पर स्थित इस तिराहे से एक रोड लखनऊ की और जाती है तो दूसरी  दिल्ली की तरफ़ जाती है।तीसरा रास्ता सीधे बरेली नगर की तरफ़ जाता है।चूंकि यह तिराहा नेशनल हाइवे पर बना हुआ है सो इस रास्ते से गुज़रते हर यात्री की नज़र इस पर पड़ती है इसलिए हर कोई यहां रुककर झुमके को पास से देखना चाहता है। अत: यहां हमेशा खूब चहल-पहल रहती है।
आपका जब कभी दिल्ली लखनऊ हाईवे पर इधर से गुज़रना हो तो झुमका तिराहे पर रुककर बरेली की पहचान इस सुंदर और विशाल झुमके को निहारना न भूलें।
   --- ओंकार सिंह विवेक 

September 13, 2023

हिंदी दिवस विशेष : सितारे हिंदी के

नमस्कार मित्रो 🌹🌹🙏🙏
हिंदी भाषा के सर्वत्र प्रभाव और इसके अधिकांश भारतीय प्रांतों में बोले जाने के कारण १४ सितंबर,१९४९ को स्वतंत्र भारत की संविधान सभा ने हिंदी को केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा अर्थात राजभाषा बनाने का निर्णय लिया था।हिंदी को राजभाषा /आधिकारिक भाषा बनवाने में हिंदी के मूर्धन्य  विद्वान व्यौहार राजेंद्र सिंह जी के नेतृत्व में काका कालेलकर,आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी तथा सेठ गोविंददास जी जैसे साहित्यकारों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इन्हीं के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप १४ सितंबर,१९४९ को हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। व्यौहार श्री राजेंद्र सिंह जी के ५०वें जन्मदिवस अर्थात १४ सितंबर,१९५३ से भारतवर्ष में प्रत्येक १४ सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का निश्चय किया गया।हिंदी देश की राजभाषा तो बन गई परंतु अभी इसे राष्ट्र भाषा का दर्जा दिया जाना शेष है।देश के कई प्रांतों में अभी सरकारी कामकाज वहां की क्षेत्रीय भाषा तथा अंग्रेज़ी भाषा में ही होता है। इसलिए हिंदी भाषा को अभी राष्ट्र भाषा घोषित नहीं किया जा सका है।
हिंदी को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं।इस दिशा में बहुत गंभीर और सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं जिन्हें निम्न बातों से समझा जा सकता है:
* भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर विश्व पटल पर अपना लोहा मनवाया था।
*हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अक्सर ही हिंदी में संबोधन करते हुए देखे जा सकते हैं।
*हिंदी गद्य तथा पद्य के साहित्यकार हिंदी भाषा की समृद्धि और प्रचार प्रसार में अपना निरंतर योगदान दे रहे हैं।
* देश की प्रतिष्ठित आई ए एस (Earlier ICS)परीक्षा जो पहले केवल अंग्रेज़ी माध्यम से ही आयोजित की जाती थी अब अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों ही भाषाओं में आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में हिंदी माध्यम से बैठने वाले अभ्यर्थियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है।
*हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिताओं/संगोष्ठियों और हिंदी विचार गोष्ठियों आदि के आयोजन से हिंदी का सतत् प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
*हिंदी भाषा में हजारों/लाखों की संख्या में आज यू ट्यूब चैनल्स हैं जिनके मिलियंस सब्सक्राइबर्स हैं।यह हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है।
*आज हिंदी में तमाम वेबसाइट्स और ऐप्स मौजूद हैं,पॉडकास्ट ट्यूटोरियल्स उपलब्ध हैं।हिंदी ब्लॉगिंग की लोकप्रियता भी निरंतर बढ़ रही है।
*आज मंदारिन और अंग्रेज़ी के बाद हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। 
*Google adsense भी इस बात को स्वीकार करता है कि आजकल लोग गूगल पर हिंदी में विज्ञापन और अन्य कंटेंट पढ़ना अधिक पसंद करते हैं।
*दैनिक जागरण १३सितंबर,२०२३ की रिपोर्ट के अनुसार आज दुनिया के सौ से अधिक देशों में हिंदी भाषा का प्रयोग हो रहा है।
वर्ष २०१७ से २०२२ के बीच हिंदी समेत अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के कंटेंट का बाज़ार ६०प्रतिशत की दर से बढ़ा है। 
ये सब आंकड़े हिंदी भाषा के भविष्य को लेकर बहुत शुभ संकेत देते हैं।
आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि हम सबके सद्प्रयासों के चलते हमारे राष्ट्र की गौरव हिंदी भाषा शीघ्र ही राष्ट्र भाषा का दर्जा पाकर अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी धाक जमाने में सफल होगी।
         @
        दुनिया  में भारत के  गौरव, मान और सम्मान की,
        आओ बात करें हम अपनी, हिंदी के यशगान की।
                                    @ओंकार सिंह विवेक 
जय हिंदी 🙏🙏🌹🌹जय भारत🇮🇳🇮🇳



September 7, 2023

श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष

 मित्रो श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व की आप सभी को हार्दिक बधाई 🌹🌹🙏🙏

आज ही के दिन योगेश्वर श्री कृष्ण जी ने अधर्म के समूल नाश हेतु धरा पर अवतार लिया था। योगीराज की लीलाएं जीवन जीने की कला सिखाती हैं। श्री कृष्ण के गीता में दिए गए उपदेश हमें सुख-दुःख में समभाव रखते हुए कर्म किए जाने की प्रेरणा देते हैं। आइए श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को कर्तव्य पथ पर अग्रसर होने हेतु दिए गए उपदेशों को आत्मसात करते हुए हर्षोल्लास के साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाएं।

जय श्री कृष्ण 🌹🌹🙏🙏

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कहे गए मेरे कुछ दोहों का आनंद लीजिए :
दोहे : श्री कृष्ण जन्माष्टमी 
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         -- @ओंकार सिंह विवेक 
लिया   द्वारकाधीश  ने,जब   पावन   अवतार।
स्वत: खुल  गया  कंस  के,बंदीग्रह  का  द्वार।।

काम न आई  कंस  की, कुटिल एक भी  चाल।
हुए कृष्ण जी अवतरित,बनकर उसका काल।।

बाल  रूप  में   आ   गए, उनके   घर  भगवान।
नंद-यशोदा   गा   रहे,मिलकर   मंगल    गान।।

जिसको  सुनकर  मुग्ध थे,गाय-गोपियाँ-ग्वाल।
छेड़ो वह  धुन आज  फिर ,हे गिरिधर गोपाल।।
  
दुष्टों   का   कलिकाल  के, करने    को   संहार।
चक्र सुदर्शन  कृष्ण   जी, पुन: लीजिए   धार।।

कर्मयोग   से    ही   बने, मानव   सदा   महान।
यही   बताता   है   हमें, गीता   का   सद्ज्ञान।।

लेते   रहिए   नित्य प्रति, वंशीधर   का    नाम।
बन   जाएंगे    आपके, सारे    बिगड़े    काम।।
                              @ओंकार सिंह विवेक

(चित्र : गूगल से साभार)

   

September 3, 2023

🇮🇳🇮🇳एक देशभक्ति गीत 🇮🇳🇮🇳

नमस्कार मित्रो🌹🌹🙏🙏


आज दो अंतरों के एक देशभक्ति दोहा गीत का आनंद लीजिए :
@
हम भारत के वीर हैं, अलग हमारी शान।
कम होने  देंगे नहीं,कभी  देश का मान।।

    आँख उठाएगा अगर, दुश्मन इसकी ओर।
    नहीं  मिलेगा  देखने,उसको अगला भोर।।

मिट जाएगी विश्व के, नक्शे से पहचान।
कम होने देंगे नहीं --------

     बड़ी- बड़ी उपलब्धियां, बड़े- बड़े हैं काम।
     शांति और सदभाव  का, देता  है पैग़ाम।।

जग में फिर क्यों हो नहीं, भारत का गुणगान।।
कम होने देंगे नहीं -------
        @ओंकार सिंह विवेक 


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साहित्यिक सरगर्मियां

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