March 15, 2021

सदभाव रहेगा

ग़ज़ल---ओंकार सिंह विवेक

 💥
 जब   मन   में  औरों  को  नीचा  दिखलाने  का  भाव  रहेगा,
 तो  ख़ुद  के  अंदर  भी  तय है ,  पलता  एक  तनाव  रहेगा।
💥
 कब   तक  मत - पंथों  को  लेकर  होता  ये  टकराव  रहेगा,
 कब  तक  सहमा  और  डरा सा आपस का सदभाव रहेगा।
💥
 पहले तो  लड़वाएगा ज़ालिम  आपस   में   हम   दोनों   को,
 फिर  दुनिया  को  दिखलाने  को  करता बीच-बचाव रहेगा।
💥
 क्या पैग़ाम  जहाँ   को  देंगे  सोचो हम फिर  यकजहती का,
 जब   हम   लोगों  में  ही  होता  इस  दर्जा  बिखराव  रहेगा।
💥
 यार   नहीं   देखी  जाती   अब तो  इन    फूलों   की   बेनूरी,
 आख़िर कब तक और ख़िज़ाँ का गुलशन में ठहराव रहेगा।
💥
 इस  नस्ल-ए-नौ  के  तेवर  तो   हमको  ये   ही  बतलाते  हैं,
 अब  जल्दी  सिस्टम  में  शायद होकर कुछ बदलाव रहेगा।
💥
                                                   ----ओंकार सिंह विवेक
 

11 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (17-03-2021) को    "अपने घर में ताला और दूसरों के घर में ताँक-झाँक"   (चर्चा अंक-4008)    पर भी होगी। 
    --   
    मित्रों! कुछ वर्षों से ब्लॉगों का संक्रमणकाल चल रहा है। आप अन्य सामाजिक साइटों के अतिरिक्त दिल खोलकर दूसरों के ब्लॉगों पर भी अपनी टिप्पणी दीजिए। जिससे कि ब्लॉगों को जीवित रखा जा सके। चर्चा मंच का उद्देश्य उन ब्लॉगों को भी महत्व देना है जो टिप्पणियों के लिए तरसते रहते हैं क्योंकि उनका प्रसारण कहीं हो भी नहीं रहा है। ऐसे में चर्चा मंच विगत बारह वर्षों से अपने धर्म को निभा रहा है। 
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --  

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  2. यार नहीं देखी जाती अब तो इन फूलों की बेनूरी,
    आख़िर कब तक और ख़िज़ाँ का गुलशन में ठहराव रहेगा।
    💥

    वाह बहुत खूबसूरत ग़ज़ल

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  3. यार नहीं देखी जाती अब तो इन फूलों की बेनूरी,
    आख़िर कब तक और ख़िज़ाँ का गुलशन में ठहराव रहेगा।
    💥

    बहुत खूबसूरत ग़ज़ल .

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  4. वाह!गज़ब लिखा आपने आदरणीय सर।
    सादर

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  5. बहुत ही सुन्दर हृदय स्पर्शी रचना

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  6. बेहतरीन रचना

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  7. यार नहीं देखी जाती अब तो इन फूलों की बेनूरी,
    आख़िर कब तक और ख़िज़ाँ का गुलशन में ठहराव रहेगा।
    💥

    बहुत खूब

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  8. यार नहीं देखी जाती अब तो इन फूलों की बेनूरी,
    आख़िर कब तक और ख़िज़ाँ का गुलशन में ठहराव रहेगा।
    💥

    बहुत खूब

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  9. बहुत बहुत सुंदर सृजन।

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  10. बहुत सुंदर सार्थक।

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