संगठन में ही शक्ति निहित होती है यह बात हम बाल्यकाल से ही एक नीति कथा के माध्यम से जानते-पढ़ते और सीखते आ रहे हैं।कथा कुछ इस प्रकार है :
"एक किसान के पुत्र जब युवा हो गए तो उसने उन्हें अपने पास बुलाकर पहले एक-एक लकड़ी अलग-अलग देकर तोड़ने के लिए कहा।सभी बेटों ने अपनी-अपनी लकड़ी को आसानी से तोड़ दिया।बाद में उसने लकड़ियों का गट्ठर बनाकर दिया और उन्हें बारी-बारी से या सामूहिक प्रयास द्वारा उस गट्ठर को तोड़ने के लिए कहा।भरसक प्रयास करके भी वे उस लकड़ी के गट्ठर को नहीं तोड़ पाए।
इसका सार समझाते हुए किसान ने बेटों से कहा कि यदि तुम लोग भी अलग -अलग रहोगे तो कोई भी आसानी से तुम्हें परास्त कर देगा और यदि लकड़ियों के इस गट्ठर की तरह एक साथ रहोगे तो कोई भी कभी नहीं हरा पाएगा।लड़कों को एकता/संगठन का महत्व समझ आ चुका था।"
संगठन के महत्व को बताने के लिए इससे अच्छा कोई और उदाहरण नहीं हो सकता। अपनी एकता और संगठन की शक्ति को प्रदर्शित करते हुए प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति के तत्वावधान में 2 फरवरी ,2023 को रामपुर के मंथन रेस्टोरेंट में समिति की स्थानीय इकाई के कुशल संयोजन में बैंक के सेवानिवृत्त साथियों की एक शानदार बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में ख़ासी तादाद में रुद्रपुर,बिलासपुर और रामपुर के साथियों द्वारा उत्साहपूर्वक सहभागिता की गई।बैठक में मुरादाबाद से समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार तोमर तथा महासचिव इरफ़ान आलम ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। बैंक के रामपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक विश्नोई जी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहे। सभा को संबोधित करते हुए श्री विश्नोई जी ने कहा कि व्यक्ति के पद और पदस्थान भले ही बदल जाएं परंतु आदमी को कभी नहीं बदलना चाहिए।उन्होंने आश्वस्त किया कि सेवानिवृत्त साथियों का उनके स्तर पर जो भी काम होगा उसका प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाएगा।
साथियों को संबोधित करते हुए इरफ़ान आलम साहब ने कहा कि सेवानिवृत्त साथियों को जागरूक करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए।हम संगठित रहकर ही अपने मुद्दों की ओर विभाग के ज़िम्मेदार उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।
उन्होंने साथियों से अपनी वार्षिक सदस्यता राशि को अपडेट रखने और नए साथियों से सदस्यता ग्रहण करने की अपील की।
बैंक के बहुत वरिष्ठ सेवानिवृत्त साथी रामवीर सिंह यादव ने कहा कि संगठन की शक्ति को बढ़ाने के लिए साथियों को तन मन और धन से आगे आना चाहिए।उन्होंने समिति की आगामी बैठक अपने निवास पर आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा।
कार्यक्रम में अध्यक्ष श्री अनिल कुमार तोमर द्वारा स्थानीय
इकाई के गठन की घोषणा भी की गई।अंत में स्थानीय सचिव ए एम ख़ान और कोषाध्यक्ष फ़कीर चंद द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया।सभा के अंत में दिवंगत साथियों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण करके सभा के विसर्जन की घोषणा की गई।
मैं अपने इस दोहे के साथ वाणी को विराम देता हूं :
रहे अगर हम संगठित, सुनी जाएगी बात।
वरना सुधरेंगे नहीं, मित्रो कुछ हालात।।
----ओंकार सिंह विवेक
Jay ho
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