March 2, 2021

ग़ज़ल प्रतियोगिता परिणाम

प्रतिष्ठित साहित्यिक समूह "अनकहे शब्द" का मेरी ग़ज़ल को प्रथम पुरस्कार प्रदान करने हेतु हार्दिक आभार
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("अनकहे शब्द" की वॉल से साभार)

दोस्तो हम हाज़िर है ग़ज़ल प्रतियोगिता-68 के परिणाम लेकर। हम मंच के हमारे सभी सक्रिय साथियो का भी दिल की तमामतर गहराइयों से शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने हमारी ग़ज़ल प्रतियोगिता -68में भाग लेकर इस मंच को नई ऊँचाइयाँ प्रदान की  दोस्तो इस बार भी बहुत ही बड़ी तादाद में और बहुत उम्दा ग़ज़लें  मंच पर हैं ये हमारे उस्ताद शायर आदरणीय Mukhtar Tilhari साहब का कहना है। चयन प्रक्रिया बड़ी मुश्किल हो जाती है जब इतनी अच्छी ग़ज़लें मंच पर हों ।भाई जी बड़ी मेहनत के साथ आपकी ग़ज़लें पढ़ते हैं और परिणाम देते हैं ।हम उनका भी तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं ये आप और हम सबकी बड़ी उपलब्धि है सभी विजेताओं के लिए  ढेर सारा शुक्रिया तो बनता ही है है साथ ही ढेरों बधाई...और शुभकामनाएं....💐💐💐💐
तो लीजिये अब पेश हैं विजेताओं के नाम....
ग़ज़ल प्रतियोगिता-68 के विजेता

~~प्रथम~~
माहिर रज़ा फिरोजाबादी
मुदस्सिर हुसैन
ओंकार सिंह विवेक 
सरफ़राज़ कुशलगढ़ी
अबरार अहमद

~~द्वितीय~~
अनीस अरमान
रुबी कमल
असीम आमगांवी
नफ़ीस वारसी
एल एन कोष्टी

~~तृतीय~~
वासिफ़ क़मर
कविता सिंह
सुशील तिवारी सरस
शशांक ठाकुर साहिल
अदीब दमोही
ज़िया अख़्तर
आप सभी विजेताओं को अनकहे शब्द परिवार के सभी एडमिनस और सभी सदस्यों की और से हार्दिक हार्दिक हार्दिक बधाइयाँ ......मंच आप सभी की उत्तरोत्तर उन्नति की मंगल कामना करता है बहुत बहुत बधाई आप सभी को 🌹🌷🌹🌷🌹🌷

आप सभी के सहयोग, स्नेह और सफलता के लिए एक बार पुनः आप सभी को हार्दिक हार्दिक बधाई और आभार ! 

-----अनकहे शब्द समूह ----

मेरी जिस ग़ज़ल को पहला इनआम हासिल हुआ वो यहाँ पेश है

7 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (03-03-2021) को     "चाँदनी भी है सिसकती"  (चर्चा अंक-3994)    पर भी होगी। 
    --   
    मित्रों! कुछ वर्षों से ब्लॉगों का संक्रमणकाल चल रहा है। आप अन्य सामाजिक साइटों के अतिरिक्त दिल खोलकर दूसरों के ब्लॉगों पर भी अपनी टिप्पणी दीजिए। जिससे कि ब्लॉगों को जीवित रखा जा सके। चर्चा मंच का उद्देश्य उन ब्लॉगों को भी महत्व देना है जो टिप्पणियों के लिए तरसते रहते हैं क्योंकि उनका प्रसारण कहीं हो भी नहीं रहा है। ऐसे में चर्चा मंच विगत बारह वर्षों से अपने धर्म को निभा रहा है। 
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --  

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  2. हार्दिक बधाई आदरणीय सुन्दर और भावप्रवण ग़ज़ल।

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  3. हार्दिक बधाई आदरणीय बहुत ही सुन्दर रचना

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  4. सुन्दर प्रस्तुति

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