March 27, 2021

होली है भई होली है!

न ख़ुशियाँ ईद की कम हों न होली-रंग हो फीका,
रहे  भारत के  माथे पर इसी तहज़ीब का  टीका।
गले  मिलते  रहें  सब लोग शिकवे भूलकर सारे,
सदा  सद्भावना  से  युक्त  हो माहौल बस्ती  का।
         ----ओंकार सिंह विवेक
🇬🇼  दोहे : होली है 🇬🇳

            ---ओंकार सिंह विवेक
🇬🇳
दीवाली   के   दीप  हों  , या   होली   के   रंग,
इनका आकर्षण तभी ,जब हों प्रियतम संग।
🇬🇳
रस्म  निभाने  को  गले , मिलते  थे  जो  यार,
अपनेपन  से  वे  मिले ,  होली  अबकी  बार।
🇬🇳
होली  का  त्योहार  है , हो  कुछ  तो  हुड़दंग,
हमसे   यह   कहने   लगे ,  नीले - पीले  रंग।
🇬🇳
महँगाई  ने  जेब  को ,जब  से  किया उदास,
गुझिया की जाती रही,तब से सखे  मिठास।
🇬🇳
              ----ओंकार सिंह विवेक, रामपुर                                        
                                      
        

    🌷मुक्तक: होली है🌷
       ---ओंकार सिंह विवेक
🇬🇳🇬🇳🇬🇳🇬🇳🇬🇳🇬🇳🇬🇳🇬🇳🇬🇳🇬🇳🇬🇼
 रंग- अबीर- गुलाल  उड़ाएँ ,  होली  है,

 गुझिया  खाएँ और खिलाएँ , होली है।

 बस मृदुता का भाव  रखें  मन के अंदर,

 कटुता  का  हर भाव जलाएँ, होली है।
🇬🇼🇬🇼🇬🇼🇬🇼🇬🇼🇬🇼🇬🇼🇬🇼🇬🇼🇬🇼🇬🇼
             ----ओंकार सिंह विवेक
सभी चित्र:गूूूगल से साभार

3 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (28-03-2021) को   "देख तमाशा होली का"   (चर्चा अंक-4019)    पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --  
    रंगों के महापर्व होली और विश्व रंग मंच दिवस की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-    
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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  2. मुग्ध करती रंग बिखेरती रचनाएं - - शुभकामनाओं सह।

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    रंगों के महापर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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