January 6, 2023
नव वर्ष शुभागमन पर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल रामपुर की काव्य गोष्ठी संपन्न
January 1, 2023
एक कामना नए साल में
December 30, 2022
श्रीमती हीराबेन जी के देवलोक गमन पर भारत विकास परिषद रामपुर की श्रद्धांजलि सभा
काव्य धारा की एक अनौपचारिक पारिवारिक काव्य गोष्ठी
December 28, 2022
टैगोर काव्य गोष्ठी : ग़ज़ल पर चर्चा
December 23, 2022
वाह रे ! सर्दी
December 22, 2022
टैगोर काव्य गोष्ठियों की श्रृंखला में एक और शानदार गोष्ठी संपन्न
December 21, 2022
अतिथि साहित्यकारों के सम्मान में पल्लव काव्य मंच की गोष्ठी
December 20, 2022
सदीनामा अख़बार में छपीं दो ग़ज़लों का आनंद लें
December 19, 2022
नई ग़ज़ल
December 16, 2022
शौर्य चक्र विजेता फौजी बलिदानी रंजीत सिंह
December 15, 2022
मानवता की पीड़ा आज हुई है बहुत घनी
December 13, 2022
"अर्पण-एक साहित्यिक यात्रा" संस्था का पहला भव्य साहित्यिक आयोजन
December 10, 2022
यादों के झरोखों से (कड़ी - ६)
December 8, 2022
आज कुछ यों भी : बहारों का इशारा हो गया है
December 3, 2022
"आओ ख़ुशी तलाश करें" ग़ज़ल संग्रह (ग़ज़लकार : ओंकार सिंह ओंकार ---- समीक्षक : ओंकार सिंह विवेक)
December 2, 2022
"साधना के पथ पर" : काव्य संग्रह (समीक्षक : श्री रविप्रकाश)
December 1, 2022
दिसंबर का महीना
November 27, 2022
मूल्यों का अवसान
November 24, 2022
कुछ पढ़ने की आदत डालें (स्मृतियों के बहाने)
कुछ पढ़ने की आदत डालें
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--- ओंकार सिंह विवेक
यों तो ब्लॉगर पर मैंने एकाउंट 2017 में बना लिया था परंतु उस पर विधिवत लिखना अप्रैल,2019 से ही शुरु कर पाया। इससे पहले अपने बैंक कार्यकाल में अति व्यस्तता के चलते कुछ नहीं लिख पाया।बैंक में रहा तो भी अपना काम पूरी शिद्दत से किया। अपनी रुचि का प्रदर्शन बढ़-चढ़कर करने से वहां भी मुझे उच्च प्रबंधतंत्र की मेहरबानी से अपनी हॉबी का काम ही मिलता रहा जैसे सर्कुलर ड्राफ्टिंग, उच्च विभागों को लेटर ड्राफ्टिंग या बैंक में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाने में सहयोग करना और विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करना आदि-आदि।
(बैंक कार्यकाल के समय की मधुर स्मृति : १)
पढ़ने और पढ़ाने का शौक़ रहा है सो मेरी इस प्रतिभा को पहचानकर मैनेजमेंट ने मुझे बैंक के प्रशिक्षण केंद्र का एसोशिएट डायरेक्टर भी बनाया।बैंक में रहते हुए पढ़ने और पढ़ाने का मेरा वह कार्यकाल बहुत शानदार बीता।उन दिनों अपने उच्च अधिकारियों के कहने पर बैंक की प्रगति को निरूपित करता हुआ एक गीत भी मैंने लिखा था जिसे आकाशवाणी रामपुर-उoप्रo के कलाकारों द्वारा कंपोज करके गाया भी गया था।बैंक के अध्यक्ष महोदय को वह गीत इतना पसन्द आया था की काफी दिन तक उसे बैंक के प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण के लिए आने वाले बैंकर्स को सुनवाया भी जाता था।
(बैंक कार्यकाल के समय की मधुर स्मृति : २)
जब महसूस हुआ कि अब मुझे अपनी रुचि के काम कविता/शायरी और कंटेंट राइटिंग आदि में ही अधिक रमना चाहिए तो मैंने अच्छी भली सेवा अवधि शेष रहते हुए भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ग्रहण कर ली। परिवार ने भी मेरी रुचि को देखते हुए इस कठिन निर्णय लेने में मुझे अपना नैतिक समर्थन प्रदान किया। इस प्रकार मार्च 2019 में मैंने बैंक से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ग्रहण कर ली।उसके बाद मंचों पर कविता पाठ,मंच संचालन और कंटेंट राइटिंग आदि के अपनी रुचि के कामों में मस्त और व्यस्त हूं। अब ब्लॉग पर भी पूरी तरह सक्रिय हूं।कम से कम एक पोस्ट तो रोज़ ब्लॉग पर पोस्ट कर ही देता हूं।
(बैंक कार्यकाल के समय की मधुर स्मृति : ३) (अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बैंक के चेयरमैन साहब के साथ)
इस बीच मेरा पहला ग़ज़ल संकलन 'दर्द का एहसास' भी आ चुका है।दूसरे संकलन की तैयारी भी लगभग पूरी है। आजकल इस संकलन के लिए कोई उपयुक्त नाम सोच रहा हूं।आप लोग भी कोई अच्छा नाम सुझाइए।
भूमिका बनाने में थोड़ा विषयांतर होता प्रतीत हो रहा है अत: सीधे विषय पर आता हूं। बात ब्लॉग लेखन से शुरु की थी सो बताता चलूं कि मेरे ब्लॉग पर आपको मानवीय संवेदनाओं को छूती हुई मेरी ग़ज़लों के साथ-साथ तमाम विधाओं जैसे गीत,नवगीत,दोहे और मुक्तक आदि में मानवीय सरोकार से जुड़ा सृजन पढ़ने को मिल जाएगा। इसे पढ़कर आप ख़ुद को इससे जुड़ा हुआ पाएंगे ऐसी मुझे आशा है।इतना ही नहीं मेरे ब्लॉग पर आपको सामयिक विषयों पर लेख,संस्मरण और कविसम्मेलनों की जीवंत रिपोर्ट्स के साथ-साथ अच्छे साहित्यकारों की पुस्तकों की समीक्षाएं भी पढ़ने को मिल जाएंगी।यहां आपको ऐसे लोगों के जीवन-संघर्ष के बारे में भी पढ़ने को मिल जाएगा जो अपनी मेहनत के बल पर फर्श से अर्श तक पहुंच गए हैं।कुछ ऐसे लोगों के बारे में भी पढ़ने को मिल जाएगा जो समाज सेवा जैसे अच्छे काम कर रहे हैं। ग़रज़ यह कि मेरे ब्लॉग पर हर व्यक्ति को उसकी रुचि के अनुसार कुछ न कुछ पढ़ने को मिल ही जाएगा। बस शर्त एक ही है कि इस सबसे रूबरू होने के लिए आपको पढ़ने की आदत डालनी होगी।
अत आपसे अनुरोध है कि मेरे ब्लॉग पर पहुंचें और अपनी रुचि के अनुसार चुनाव करके कॉन्टेंट का आनंद लें तथा कोमेंट करके बताएं कि रचना/लेख/आलेख आपको कैसा लगा और भविष्य में आप किस तरह का कॉन्टेंट चाहते हैं।
विशेष : ब्लॉग खोलने पर आपको मेरे ब्लॉग के दाईं तरफ़ फॉलोअर्स के फोटोज़ के नीचे follow ऑप्शन दिखाई देगा उसको दबाकर अगला स्टेप आने पर उसे ओके कर दीजिए ताकि आप इसे फॉलो करके अपनी रुचि के अनुसार सूची में से कोई भी रचना पढ़ सकें।
मेरे यू ट्यूब चैनल के लिए👇
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ओंकार सिंह विवेक
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शुभ प्रभात मित्रो 🌹🌹🙏🙏 संगठन में ही शक्ति निहित होती है यह बात हम बाल्यकाल से ही एक नीति कथा के माध्यम से जानते-पढ़ते और सीखते आ रहे हैं...