इन दिनों की कड़क सर्दी में कल रात हमारी कॉलोनी के पास चौराहे का दृश्य :
कल शाम थोड़ा अंधेरा घिरने पर अपनी कॉलोनी से बाहर चौराहे की तरफ़ गर्म कपड़ों से लदे जब घूमने निकले तो कुछ ऐसा👍 नज़ारा दखाई दिया।
आजकल ठंड अपने शबाब पर है। धुंध और कोहरे में दुर्घटनाएं भी हो रही हैं।सभी साथियों से अनुरोध है कि पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।यों तो यह मौसम स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम माना जाता है परंतु घूमना-फिरना और व्यायाम आदि की गतिविधियां कम हो जाने के कारण कुछ शारीरिक परेशानियां बढ़ने का भी अंदेशा रहता है। सांस और ह्रदय संबंधी रोगियों को इस मौसम में ख़ास तौर पर ध्यान रखने की ज़रूरत होती है क्योंकि तापमान अप्रत्याशित रूप से कम हो जाने के कारण ख़ून गाढ़ा होने लगता है जो ह्रदय संबंधी परेशानियों के बढ़ने का कारण बनता है।
लीजिए मौसम के अनुरूप कुछ दोहों का लुत्फ़ उठाइए:
सर्दी के दोहे
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(सर्वाधिकार सुरक्षित)
थोड़ा-सा साहस जुटा , किए एक-दो वार।
कुहरा लेकिन अंत में , गया सूर्य से हार।।
सर्द हवा ने दे दिया , जाड़े का पैग़ाम।
मिल जाएगा कुछ दिनों,कूलर को आराम।।
हाड़ कँपाती ठंड में, खींचेंगे सब कान।
गीजर अपने स्वास्थ्य का,रखना थोड़ा ध्यान।।
मूँगफली कहने लगी , सुन ले ए बादाम।
करती हूँ कम दाम में,तुझ-सा ही मैं काम।।
--- ओंकार सिंह विवेक
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
मूँगफली कहने लगी , सुन ले ए बादाम।
ReplyDeleteकरती हूँ कम दाम में,तुझ-सा ही मैं काम।।
.... सच सबका दिन आता है एक दिन ..
🌹🌹🙏🙏
Deleteबहुत सुंदर दोहे।
ReplyDeleteआभार आदरणीया।
Deleteसामयिक एवं सुन्दर
ReplyDeleteअतिशय आभार आपका।
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (25-12-2022) को "अटल होते आज अगर" (चर्चा अंक-4630) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार आदरणीय 🌹🌹🙏🙏
Deleteसर्दी में उत्साह जगती सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteHardik aabhar aapka
DeleteBahut sundar
Deleteआभार
DeleteBahut sundar aur samyik
ReplyDeleteधन्यवाद आपका।
DeleteVah,kya sardi hai
ReplyDeleteहार्दिक आभार
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