बुधवार दिनांक २१ दिसंबर,२०२२ को वरिष्ठ साहित्यकार श्री रवि प्रकाश जी द्वारा राजकली देवी शैक्षिक पुस्तकालय (टैगोर स्कूल), पीपल टोला में शुरू की गई टैगोर काव्य गोष्ठी श्रृंखला की एक और शानदार गोष्ठी संपन्न हुई।
धीरे-धीरे इस आयोजन श्रृंखला से सृजनात्मक साहित्य में रुचि रखने वाले बहुत से लोग जुड़ते जा रहे हैं जो इस बात को दर्शाता है कि अच्छे साहित्य के पठन-पाठन और श्रवण में आज भी लोगों की रुचि कम नहीं हुई है।यह एक अच्छा संकेत है।
इस बार की काव्य गोष्ठी में कविगण रामकिशोर वर्मा, ओंकार सिंह विवेक, अनमोल रागिनी चुनमुन तथा रश्मि चौधरी ने अपने काव्य पाठ के माध्यम से सामाजिक सरोकारों और मानवीय संवेदनाओं का जो चित्रण किया उसने आमंत्रित श्रोताओं को बार-बार तालियां बजाने के लिए प्रेरित किया।
इससे कवियों का उत्साहवर्धन हुआ। ऐसे दृश्य कविता और जीवन के अंतर्संबंध को रेखांकित करते हैं।
ऊपर चित्र में : कार्यक्रम संचालक श्रीमती नीलम गुप्ता
काव्य पाठ करते हुए कवयित्री अनमोल रागिनी चुनमुन ने कहा :
सब झूठे रिश्ते हैं,
घाव करें गहरे-
पग-पग पर रिसते हैं।
रहना कब आजीवन,
देह किराए की-
क्षणभंगुर है जीवन।
कवयित्री रश्मि चौधरी ने अपने उद्गार कुछ यों व्यक्त किए :
सपने हकीकत में ढलने लगे
पांव से छाले निकलने लगे
काव्य पाठ करते हुए रचनाकार रामकिशोर वर्मा जी ने कहा :
जैसे को तैसा करें, तब होगा कल्याण ।
रावण या फिर कंस पर, बरसे यों ही बाण ।।
मेरे द्वारा भी अपनी नई ग़ज़ल के कुछ अशआर और गंगा मां पर कुछ दोहे प्रस्तुत किए गए :
मुंह पर तो कितना रस घोला जाता है,
पीछे जाने क्या-क्या बोला जाता है।
होता था पहले मेयार कभी इनका,
अब रिश्तों को धन से तोला जाता है।
काव्य पाठ करते हुए कविगण:
अवसर के कुछ और छाया चित्र :
श्री रवि प्रकाश जी की अनुपस्थिति में आज की काव्य गोष्ठी का सफल संचालन भाजपा नेत्री श्रीमती नीलम विवेक गुप्ता जी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर टैगोर स्कूल की हेड मिस्ट्रेस कुमारी श्रीजा गुप्ता, श्रीमती पारुल अग्रवाल, ज्ञानेश गुप्ता, विवेक गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
प्रस्तुतकर्ता : ओंकार सिंह विवेक
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
धन्यवाद आदरणीय ओंकार सिंह विवेक जी
ReplyDeleteकृपया उपस्थिति बनाए रखने का कष्ट करें
रवि प्रकाश रामपुर
🌹🌹🙏🙏
DeleteGreat
ReplyDelete🙏🙏
DeleteBahut sundar aayojan,vah vah
ReplyDeleteहार्दिक आभार।
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