December 30, 2022

काव्य धारा की एक अनौपचारिक पारिवारिक काव्य गोष्ठी

मित्रो नमस्कार 🙏🙏🌹🌹
दिनांक 25 दिसंबर, 2022 को आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था काव्यधारा रामपुर ,उत्तर प्रदेश की उत्तराखंड प्रांतीय शाखा रुद्रपुर द्वारा श्री रामेश्वर सिंह जी (काव्यधारा की सक्रिय सदस्य श्रीमती रीता सिंह जी के पिताश्री) के निवास डायनामिक कॉलोनी रुद्रपुर पर तुलसी जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती के उपलक्ष में संस्था-संस्थापक श्री जितेंद्र कमल आनंद जी की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी आयोजित की गयी। कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष श्री जितेंद्र कमल आनन्द, मुख्य अतिथि श्री रामेश्वर सिंह,विशिष्ट अतिथि द्वय श्री सुबोध शर्मा व श्री राम रतन यादव द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। 
तत्पश्चात हल्द्वानी से आई कवयित्री  डाॅ गीता मिश्रा 'गीत' ने मां सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर काव्य गोष्ठी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।काव्य गोष्ठी में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से रचनाकार उपस्थित हुए । सभी रचनाकारों ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई, पंडित मदन मोहन मालवीय, गुरु गोविंद सिंह व माँ तुलसी जयंती पर अपनी शानदार रचनाएं प्रस्तुत कीं। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक रामेश्वर सिंह एवं श्रीमती दया सिंह जी और कवि सुबोध कुमार शर्मा एवं विवेक बदल बाजपुरी तथा डॉ उमाशंकर साहिल 'कानपुरी ' को शॉल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । 
खटीमा से आये कवि रामरतन यादव "रतन" ने रचना पाठ करते हुए कहा:
सरहद पे कभी देश की टिकने नहीं देंगे ,
दुश्मन को  कहीं  राह  भी ,मिलने नहीं देंगे।
माँ भारती के बेटों से  बचके न जाएगा, 
मारेंगे खोज-खोज के ,छिपने नहीं देंगे।

गीता मिश्रा गीत जी, हल्द्वानी ने कहा :
धीर रख मन भटक मत,तू गह चरण श्रीराम के।
 शुद्ध कर आत्मा स्वयं,तब जा शरण श्री धाम के।

चन्दौसी से डाॅ रीता सिंह जी ने  कहा--
हरा भरा है उपवन मेरा ,जहाँ हँसता है नित सवेरा ।

रामपुर से आए ग़ज़लकार ओंकार सिंह विवेक ने स्मृतिशेष श्री अटल बिहारी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए ये दोहे प्रस्तुत किए :

नैतिक मूल्यों का किया, सदा मान-सम्मान।
दिया अटल जी ने नहीं,ओछा कभी बयान।।

चलकर पथ पर सत्य के, किया जगत में नाम।
अटल बिहारी आपको, शत-शत बार प्रणाम।।
संस्था-अध्यक्ष श्री जितेंद्र कमल आनंद जी ने हिंदी के प्रति अपने उद्गार कुछ यों व्यक्त किए :
संस्कृति अपनी हिंदी से है, हिंदी से पहचान है।
हिंदी का फहराता झण्डा, प्यारा हिंदुस्तान है।
इस अवसर पर रामपुर से रामकिशोर वर्मा,रागिनी गर्ग, रश्मि चौधरी, राजवीर सिंह राज, सुरेंद्र अश्क, लालकुआँ से सत्यपाल सिंह सजग, उमाशंकर साहिल , गदरपुर से सुबोध कुमार शर्मा शेरकोटी जी , बाजपुर से विवेक बादल बाजपुरी, सुशील कुमार ,मुक्ता चंदेल ,हेमेंद्र कुमार ,याशिका ,राकेश ,सरिता, पुष्प चौहान, मनस्वी ,कृष्ण दत्त शर्मा, जोगिंदर सिंह, नीलम आदि उपस्थित रहे। अंत में संस्था अध्यक्ष श्री जितेंद्र कमल आनंद जी ने उपस्थित कवियों का आभार व्यक्त किया। काव्य गोष्ठी का कुशल संचालन सुश्री पुष्पा जोशी प्राकाम्या जी ने  किया।
 गोष्ठी के आयोजकों डॉक्टर रीता सिंह जी और उनके पिता श्री रामेश्वर सिंह जी और अन्य परिजनों ने बहुत ही आत्मीय भाव से मेहमानों की आवभगत करते हुए सुरुचिपूर्ण जलपान और दोपहर का भोजन कराया।उनके परिजनों से मिलकर किसी को यह नहीं लगा की हम इस परिवार के लोगों से पहली बार मिल रहे हैं। काफ़ी देर तक एक-दूसरे से अनौपचारिक माहौल में बातचीत होती रही। लोगों  ने जिस उत्साह और धैर्य से कवियों को सुना उससे मानव जीवन और कविता के अंतर्संबंधों  की गहराई का पता चलता है।
इस अवसर पर मुझे अपने प्रथम ग़ज़ल संग्रह "दर्द का एहसास" की कुछ प्रतियां भी आदरणीया डॉक्टर रीता सिंह जी के परिजनों को भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
   ---- ओंकार सिंह विवेक 

4 comments:

  1. Attew sundar aayojan,vah vah

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    1. हार्दिक आभार।

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    2. शानदार कवरेज! उत्कृष्ट आयोजन की सभी सम्मानित आत्मीय जनों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ 😊😊💐💐🙏🙏🙏

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    3. हार्दिक आभार आपका।

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