December 13, 2022

"अर्पण-एक साहित्यिक यात्रा" संस्था का पहला भव्य साहित्यिक आयोजन

मित्रो नमस्कार 🌹🌹🙏🙏

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था "अर्पण-एक साहित्यिक यात्रा" के सूत्राधार आदरणीया डॉक्टर अर्चना गुप्ता जी और डाक्टर पंकज दर्पण जी के स्नेह निमंत्रण पर संस्था के प्रथम साहित्यिक अनुष्ठान में सहभागिता का अवसर प्राप्त हुआ।मुरादाबाद के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज एम आई टी में आमंत्रित श्रोताओं तथा सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति में बहुत ही व्यवस्थित और गरिमापूर्ण कार्यक्रम रहा।कार्यक्रम में मुरादाबाद के अतिरिक्त आस- पास के जनपदों तथा उत्तराखंड राज्य से भी कई वरिष्ठ साहित्यकारों ने सहभागिता की।कार्यक्रम में इंडोनेशिया से श्रीमती वैशाली रस्तोगी जी भी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम में काव्य पाठ करने वाले साहित्यकारों को प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
डॉक्टर अर्चना गुप्ता जी तथा डॉक्टर पंकज दर्पण जी ने संस्था के उद्देश्य और भावी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए साहित्यकारों से सद्भावना के साथ इस साहित्यिक यात्रा में जुड़ने का आह्वान किया।श्री दर्पण जी ने कहा कि राजनीति से दूर रहते हुए नि:स्वार्थ भाव से साहित्य साधना को महत्व देने वाले साहित्यकारों का इस यात्रा में स्वागत है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से संस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक विस्तार देने की योजना है।सभी ने करतल ध्वनि से इस घोषणा का स्वागत किया।
जिस संस्था को श्री दीपक बाबू, सीoएo तथा आदरणीया अनीता गुप्ता जी जैसी विद्वान साहित्य और कला प्रेमी व्यक्तित्व संरक्षक के रूप में अपना आशीर्वाद प्रदान करने के लिए आगे आए हों उस संस्था का भविष्य निश्चित ही उज्ज्वल होगा। ऐसा मेरा मानना है।आशा है यह संस्था विवादों से परे रहकर समान विचारधारा के साहित्यकारों के पारस्परिक सहयोग से साहित्य के क्षेत्र में कुछ नया करेगी।
मैं मजरूह सुल्तानपुरी साहब के इस शेर के साथ संस्था की उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करता हूं:

          मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल,मगर-
          लोग  साथ  आते गए और कारवां  बनता गया।
                                    --- मजरूह सुल्तानप







प्रतुत्तकर्ता : ओंकार सिंह विवेक
(सर्वाधिकार सुरक्षित )

6 comments:

  1. सुन्दर सफल सटीक सार्थक समारोह की सभी को शुभकामनाएँ

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  2. Excellent work sir ji 🙏🙏🙏

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