February 16, 2023

साहित्यिक सफ़रनामा (यात्रा श्री नाथद्वारा राजस्थान की)

प्रणाम मित्रो 🌹🌹🙏🙏

हिंदी सेवी संस्थाओं में साहित्य मंडल,नाथद्वारा ज़िला राजसमंद, राजस्थान का महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी स्थापना सन् 1937 ई. में की गयी थी। इस संस्था ने हिन्दी के उन्नयन तथा हिंदी सेवियों को जोड़ने का स्तुत्य प्रयास किया है।त्रैमासिक पत्रिका 'हरसिंगार' के माध्यम से यह संस्था हिंदी की अभूतपूर्व सेवा कर रही है।प्रसिद्ध साहित्यकार श्री भगवती प्रसाद देवपुरा जी की स्मृति में उनके सुपुत्र श्री श्याम प्रकाश देवपुरा जी हिंदी तथा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्धन और उन्नयन का बहुत ही सार्थक प्रयत्न कर रहे हैं।उनके सदप्रयासों को सादर नमन।
संस्था द्वारा 14 फरवरी,2023 को श्री नाथद्वारा में आयोजित एक भव्य साहित्यिक कार्यक्रम में मुझे हिंदी देवनागरी में प्रकाशित हुए मेरे पहले ग़ज़ल संग्रह "दर्द का एहसास" के लिए श्री रणछोडलाल ठक्कर स्मृति सम्मान,2023 तथा हिंदी साहित्य मनीषी की मानद उपाधि से विभूषित किया गया।सम्मान स्वरूप मुझे उपाधि पत्र,शॉल,उत्तरी,मेवाड़ी पगड़ी,श्री नाथजी का प्रसाद एवम् छवि,नारियल,कंठ हार तथा नक़द धनराशि प्रदान की गई। इसके लिए मैं संस्था तथा इसके प्रधानमंत्री श्री श्याम प्रकाश देवपुरा जी का हार्दिक आभार प्रकट करता हूं।

पूज्य   पिता  का   कर  रहे,जग  में  ऊंचा नाम।
श्रीमन साधक श्याम जी,शत-शत तुम्हें प्रणाम।।
        ओंकार सिंह विवेक (सर्वाधिकार सुरक्षित)
श्री श्याम प्रकाश देवपुरा जी के साहित्य के प्रति अनुराग और उनके आतिथ्य भाव को देखकर दिल उनके प्रति श्रद्धा से भर गया।कार्यक्रम के एक सत्र में ब्रज भाषा कवि सम्मेलन में विद्वान साहित्यकारों की कथ्य और शिल्प की दृष्टि से सशक्त प्रस्तुतियां देखकर मन बहुत प्रसन्न हुआ।वहां हो रहे साहित्यिक विमर्श को देखकर अच्छा लगा कि ब्रज भाषा के संवर्धन को लेकर धरातल पर बहुत ही ठोस कार्य हो रहा है। ऐसे पावन कार्य हमें हमारी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के प्रति आश्वस्त करते हैं।
इस साहित्यिक यात्रा के बहाने मुझे विश्व प्रसिद्ध श्री नाथद्वारा मंदिर में श्री नाथ जी के दर्शन करने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ।
उल्लेखनीय है कि नाथद्वारा पुष्टिमार्गीय वैष्‍णव सम्‍प्रदाय की प्रधान (प्रमुख) पीठ है। यहाँ नंदनंदन आनंदकंद श्रीनाथजी का लगभग 337 वर्ष पुराना भव्‍य मन्‍दिर है जो करोड़ों वैष्‍णवों की आस्‍था का प्रमुख स्‍थल है। प्रतिवर्ष यहाँ देश-विदेश से लाखों वैष्‍णव श्रद्धालु आते हैं। 
इस साहित्यिक आयोजन में सहभागिता हेतु हमने जब अपने गृह नगर रामपुर से यात्रा प्रारंभ की तो रास्ते में कई सुखद अनुभव हुए जिन्हें आपके साथ साझा करना तो बनता ही है।
 ( ट्रेन की प्रतीक्षा में हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन दिल्ली पर)
इस यात्रा में मेरे साथ रामपुर उत्तर प्रदेश से रचनाकर अनमोल रागिनी चुनमुन और उत्तराखंड से गीता मिश्रा गीत और पुष्पा जोशी प्राकाम्य भी रहीं।रागिनी जी की सुपुत्री दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में अध्ययनरत हैं।वह हमारे लिए राजमा-चावल लेकर हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंची।सब ने बड़े प्रेम से भोजन ग्रहण किया और बिटिया से बहुत देर तक उसकी पढ़ाई और भविष्य की योजनाओं को लेकर वार्तालाप किया।
शाम को हम सब लोग लगभग 12 घंटे के सफ़र के लिए मेवाड़ एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुए जिससे हमें मावली,राजस्थान पहुंचना था।
ट्रेन में हमें बहुत ही मिलनसार भाई श्री राहुल जी और कोटा के बहुत ही हंसमुख स्वभाव के भाई श्री अशोक जैन जी मिले।इन लोगों के साथ बहुत ही आत्मीयता पूर्ण बातें करते हुए सफ़र कब समाप्त हो गया कुछ पता ही नहीं चला।
उन लोगों ने हमसे रचनापाठ का भी अनुरोध किया जिसे   कोई भी टाल नहीं सका। दोनों ही सज्जनों ने हम सब की रचनाओं को बहुत सराहा जिससे बहुत उत्साहवर्धन हुआ।उन लोगों से विदा लेते वक्त किसी मशहूर शायर का यह शेर अनायास ही होठों पर आ गया
   कितने हसीन लोग थे जो मिलके एक बार,
   आंखों में जज़्ब हो गए दिल में समा गए।
                                           अज्ञात
     (दिल्ली से मावली तक ट्रेन यात्रा के दौरान मिले मस्तमौला स्वभाव के धनी कोटा के भाई अशोक जैन जी)

मावली जंक्शन पहुंचने पर हमें साहित्य मंडल श्री नाथद्वारा, जो वहां से लगभग 28 किलोमीटर दूर है,ले जाने के लिए मंडल की बस तैयार खड़ी मिली।बस में देश के कई प्रांतों से आए साहित्यकार मौजूद थे।सभी साहित्यिक विचार-विमर्श करते हुए लगभग आधे घंटे में श्री नाथद्वारा पहुंच गए।
कार्यक्रम स्थल पर शानदार तैयारियां और अनुशासित संचालन देखकर मन बहुत प्रसन्न हुआ।श्री श्याम प्रकाश देवपुरा जी और उनकी टीम का तालमेल और समर्पित सेवा भाव देखते ही बनता था।यों तो मैंने राष्ट्रीय स्तर पर बहुत से साहित्यिक आयोजनों में सहभागिता की है परंतु यहां का प्रबंधन बेजोड़ कहा जा सकता है।
ओंकार सिंह विवेक
(सर्वाधिकार सुरक्षित)

February 12, 2023

एक साहित्यिक विमर्श

प्रणाम मित्रो 🌹🌹🙏🙏


कल दिनांक 11फरवरी,2023 को रामपुर के एक अच्छे ग़ज़लकार भाई सुरेंद्र अश्क रामपुरी जी का फोन आया कि आज भाई राजवीर सिंह राज़ (उदीयमान ग़ज़लकार) के यहां चलकर बैठते हैं।कुछ साहित्यिक विमर्श और एक काव्य गोष्ठी/शेरी नशिस्त का विचार है।इस नेक और अपनी रुचि के कार्यक्रम के लिए भला मैं कैसे मना कर सकता था। कुछ ही देर में हम लोग राजवीर सिंह जी के यहां पहुंच गए। काफ़ी देर तक एक दूसरे के घर-परिवार की कुशल क्षेम पूछने के बाद बात साहित्यिक गतिविधियों पर आकर टिक गई।
हम तीनों ही लोग इस बात पर सहमत नज़र आए कि साहित्य भी समाज सेवा का एक माध्यम है अत: इस तरह के क्रियाकलापों  में आपसी गुटबाज़ी या तंग नज़रिए का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। एक ही शहर में कई साहित्यिक मंच हो सकते हैं परंतु उनमें आपसी वैमनस्य बिल्कुल नहीं होना चाहिए।शहर में साहित्यिक गतिविधियों में पारदर्शिता का पालन करते हुए एक दूसरे के मंचों के कार्यक्रम में खुले दिल से हिस्सेदारी करनी चाहिए और साल में एक बार सभी को सामूहिक रूप से भी कोई बड़ा साहित्यिक आयोजन करना चाहिए।ऐसा करने से इस क्षेत्र में इन मंचों से जुड़े हर साहित्यकार को बड़े स्तर पर अपनी  पहचान बनाने के अधिक अवसर मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इस महत्पूर्ण विषय पर आम राय से यह तय हुआ कि शहर के सभी साहित्यिक मंचों के पदाधिकारियों से इस विषय पर वार्तालाप किया जाना चाहिए। मानना या न मानना लोगों पर निर्भर करता है परंतु पहल तो की ही जा सकती है।इससे सही अर्थों में साहित्यिक गतिविधियों को विस्तार मिलेगा।
इस बीच मेज़बान राजवीर सिंह जी के परिजनों द्वारा उत्तम जलपान की व्यवस्था भी कर दी गई।जलपान के पश्चात एक सुंदर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया ।
गोष्ठी में सरस्वती वंदना के पश्चात काव्य पाठ करते हुए भाई राजवीर सिंह राज़ ने कहा :
कल मरा मुखिया बड़ा घर में रुदन था,
आज पंचायत बिठाई जा रही है।

है तो जस की तस ही लेकिन आंकड़ों में,
खूब महंगाई घटाई जा रही है।

अपने जदीद शेरों के लिए पहचाने जाने वाले भाई सुरेंद्र अश्क रामपुरी जी ने अपना कलाम कुछ यूं पेश किया :
मौत हक़ है सभी को आएगी,
ज़िंदगी कब तलक बचाएगी।
मौत के साथ चैन आएगा,
ज़िंदगी उम्र भर सताएगी।

कार्यक्रम के अंत में मैंने भी अपने कुछ अशआर पेश किए :
 कैसे कहें कुसूर हवा का नहीं रहा,
अब एक भी दरख़्त पे पत्ता नहीं रहा।

इक दूसरे पे जान छिड़कते थे रात-दिन,
अब भाइयों के बीच में रिश्ता नहीं रहा।

कार्यक्रम के अंत में मेज़बान भाई राजवीर सिंह राज़ ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए शीघ्र ही अगले आयोजन में मिलने की बात कहते हुए सभा-विसर्जन की ।
प्रतुतकर्ता : ओंकार सिंह विवेक 

February 10, 2023

मुरादाबाद मंडल की साहित्यिक विरासत को संरक्षित करते पत्रकार, शोधकर्ता तथा साहित्यकार भाई(डॉo) मनोज रस्तौगी जी

मुरादाबाद मंडल की साहित्यिक विरासत को संरक्षित करते पत्रकार और साहित्यकार भाई(डॉo) मनोज रस्तौगी जी
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बुधवार दिनांक 8 फरवरी,2023 को मुरादाबाद के साहित्यकार/साहित्यिक शोधकर्ता/पत्रकार भाई (डॉo)मनोज रस्तौगी जी का मेरे निवास पर आना हुआ।चाय पर परिवार और बच्चों के कैरियर आदि को लेकर हुई चर्चा के बाद विमर्श साहित्यिक विषयों पर केंद्रित हो गया। उनसे मुरादाबाद मंडल के साहित्यकारों के योगदान और उनकी कृतियों के संरक्षण को लेकर भी व्यापक चर्चा हुई। मुरादाबाद मंडल में ऐसे कई साहित्यकार गुज़रे हैं जिनका समाज के लिए बहुत बड़ा साहित्यिक योगदान रहा है परंतु किन्हीं कारणों वश उनके योगदान का यथोचित मूल्यांकन नहीं हो पाया।इस कारण साहित्य जगत में ऐसे लोगों को वह स्थान नहीं मिल पाया जिसके वे अधिकारी रहे हैं। श्री मनोज जी मंडल के ऐसे गुमनाम साहित्यकारों के साहित्यिक अवदान को सामने लाने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं।मनोज जी को ऐसे साहित्यकारों और उनके परिवारों के बारे में जहां से भी जानकारी उपलब्ध हो जाती है वे परिजनों/साहित्यकारों से भेंट करने पहुंच जाते हैं। साहित्यकारों/परिजनों से साक्षात्कार करते हैं तथा उनके साहित्यिक सृजन को अपने साहित्यिक ब्लॉग और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से सबके सामने लाते हैं। मनोज रस्तौगी जी के  इस जज़्बे और जुनून की जितनी भी तारीफ़ की जाए वह कम है।
साहित्यिक चर्चा के दौरान उन्होंने अपने मिशन की इस कड़ी में मुझसे रामपुर के साहित्यकार स्मृतिशेष लाल किरण जी के बारे में जानकारी की और उनके घर चलने का आग्रह किया।
कुछ ही देर में हम लोग स्मृतिशेष किरण जी के परिजनों के बीच थे।मैंने स्मृतिशेष किरण जी के परिजनों से मनोज जी का परिचय कराया और उनके मिशन के बारे में बताया।परिजन उनसे मिलकर अत्यंत प्रसन्न हुए।मनोज जी ने परिजनों को बताया कि श्री हीरालाल जी ने उन्हें टैगोर शिशु निकेतन रामपुर में पढ़ाया था। जब किरण जी मुरादाबाद जाया करते थे तो साहित्यकार दिग्गज मुरादाबादी के साथ उनके घर ही ठहरा करते थे।यह सुनकर  स्मृतिशेष हीरा लाल किरण जी के परिजनों के ह्रदय उनके प्रति श्रद्धा से भर उठे।
बताता चलूं कि स्मृतिशेष किरण जी से  से मेरा भी बहुत आत्मीय रिश्ता रहा।उनके द्वारा संचालित साहित्यिक मंच गुंजन की गोष्ठियों में मेरा बहुत जाना हुआ करता था।किरण जी नए साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने वाले बहुत ही विनम्र इंसान थे। 
मनोज जी ने काफ़ी देर तक किरण जी के परिजनों से बातचीत की और अपने संस्मरण साझा किए। परिजनों ने उन्हें स्मृतिशेष किरण जी द्वारा रचित पुस्तकें भेंट करते हुए उनका आभार प्रकट किया।
मैनें भी अपने हिंदी देवनागरी में प्रकाशित हुए पहले ग़ज़ल संग्रह "दर्द का एहसास" की कुछ प्रतियां उनके पुस्तकालय/शोधालय हेतु भेंट कीं।
 --- ओंकार सिंह विवेक 

February 9, 2023

अविस्मरणीय पल

प्रणाम मित्रो 🌹🌹🙏🙏

भारतीय धरोहर संस्था भारत के परंपरागत ज्ञान और वैज्ञानिक ज्ञान आदि पर नवीन शोध तथा संरक्षण को लेकर बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।जिन शोधों और अनुसंधानों का श्रेय लेने की होड़ आज यूरोपीय देशों और अमरीका आदि में लगी हुई है वे भारत भूमि पर प्राचीन काल में ही होते रहे हैं।भारतीय धरोहर संस्था भारतवर्ष की उसी गौरवशाली धरोहर को लोगों के सामने लाने का प्रशंसनीय कार्य कर रही है।इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संस्थान विद्वानों एवं वैद्यों के सान्निध्य में ‘भारतीय धरोहर' पत्रिका का प्रकाशन भी करता है।
सोमवार दिनांक 6 फरवरी,2023 को सपत्नीक भारतीय धरोहर के प्रकृति परीक्षण केंद्र, सेक्टर 34 नोएडा जाना हुआ।केंद्र पर प्रतिदिन योग्य वैद्यों द्वारा साध्य और असाध्य रोगों की आयुर्वेद द्वारा चिकित्सा और परामर्श की उत्तम व्यवस्था है। हमने भी यहां कुछ चिकित्सीय परामर्श किया। यहां प्रतिदिन "पंचकर्म" (आयुर्वेद में बताई गई शरीर शोधन की क्रियायें) आदि की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।केंद्र में कार्यरत श्री प्रवीण शर्मा जी से वर्ष 1980 के आसपास (जब वह रामपुर में अध्ययनरत थे) से मित्रता रही है।काफ़ी दिन बात उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। प्रवीन जी ने केंद्र में कार्यरत स्टाफ से बहुत गर्मजोशी के साथ हमारा परिचय कराया। सभी के आत्मीयता पूर्ण व्यवहार ने बहुत प्रभावित किया।प्रवीन जी और उनके सहकर्मियों से पुराने दिनों को याद करके बहुत देर तक बातें होती रहीं। 

इस अवसर पर सम्पादक-भारतीय धरोहर एवं हिन्दू विश्व पत्रिका श्री विजय शंकर तिवारी जी तथा श्री प्रवीण शर्मा जी को मैंने अपने प्रथम ग़ज़ल संग्रह "दर्द का एहसास" की प्रतियां भी भेंट कीं।
अवसर पर लिए गए छाया चित्र साथ संलग्न हैं 



-------ओंकार सिंह विवेक 
साहित्यकार/समीक्षक/कॉन्टेंट राइटर तथा ब्लॉगर 

February 8, 2023

लो आया मदमाता फागुन

साथियो नमस्कार 🙏🙏🌹🌹

फागुन का महीना प्रारंभ हो गया है। प्रकृति और परिवेश खिला-खिला और मस्ती बढ़ाने वाला हो गया है।इस मौसम की मादकता का कवियों ने भी काव्य की विभिन्न विधाओं में बड़ा मस्त चित्रण किया है।

इस मौसम को लेकर मुझसे भी अनायास एक कुंडलिया छंद का सृजन हो गया जिसे आपके साथ साझा कर रहा हूं। प्रतिक्रिया से अवश्य ही अवगत कराएं 🙏🙏

फागुन माह प्रारंभ होने पर
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 कुंडलिया : ओंकार सिंह विवेक 

फागुन आते  ही  खिले,खेत  और  खलिहान।
हवा  सुगंधित  हो   गई, महक  उठे  उद्यान।।
महक   उठे   उद्यान, कोकिला   राग   सुनाए।
लख-लखकर यह दृश्य,सभी के मन हरषाए।।
गाएँ  हम भी फाग ,लगी  है केवल  यह   धुन।
आया  जबसे  द्वार, सखे   मदमाता   फागुन।।
                ----ओंकार सिंह विवेक
       ( सर्वाधिकार सुरक्षित) 
 चित्र गूगल से साभार 

February 5, 2023

काम का भी ठिकाना नहीं है

शुभ प्रभात मित्रो 🌹🌹🙏🙏

आज कई दिन बाद एक ग़ज़ल हुई।एक प्रतिष्ठित साहित्यिक समूह में एक मिसरा दिया गया था जिस पर ग़ज़ल कहनी थी। मैंने भी कोशिश की और शारदे के आशीष से ग़ज़ल हो गई जो आपकी प्रतिक्रिया हेतु साझा कर रहा हूं

मिसरा -- साथ जिसके ज़माना नहीं है
2 12 212 212 2

ग़ज़ल : ओंकार सिंह विवेक
©️
काम  का  भी   ठिकाना  नहीं  है,
और  घर   में  भी  दाना  नहीं  है।

है  यही  दुख  अवध  वासियों को,
राम  का   राज   आना   नहीं  है।  

कह  रही  है  धमक  बादलों  की,
धूप  को   मुँह  दिखाना  नहीं  है।   
©️
जब तलक मश्क़ होगी न जमकर, 
रंग   शेरों    में   आना   नहीं   है।

आज़माइश  में  रखते हो कितनी,
यार    ये     दोस्ताना    नहीं   है।

कह  दिया  माँ ने  बेटे से आख़िर,
छोड़कर   गाँव   जाना  नहीं   है।

गढ़  ही  लेंगे  वो   सौ-सौ  बहाने,
जिनको मिलना-मिलाना  नहीं है।
     ©️-- ओंकार सिंह विवेक

सर्वाधिकार सुरक्षित  : ओंकार सिंह विवेक 

February 3, 2023

प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति की रामपुर में बैठक संपन्न

शुभ प्रभात मित्रो 🌹🌹🙏🙏

संगठन में ही शक्ति निहित होती है यह बात हम बाल्यकाल से ही एक नीति कथा के माध्यम से जानते-पढ़ते और सीखते आ रहे हैं।कथा कुछ इस प्रकार है :
"एक किसान के पुत्र जब युवा हो गए तो उसने उन्हें अपने पास बुलाकर पहले एक-एक लकड़ी अलग-अलग देकर तोड़ने के लिए कहा।सभी बेटों ने अपनी-अपनी लकड़ी को आसानी से तोड़ दिया।बाद में उसने लकड़ियों का गट्ठर बनाकर दिया और उन्हें बारी-बारी से या सामूहिक प्रयास द्वारा उस गट्ठर को तोड़ने के लिए कहा।भरसक प्रयास करके भी वे उस लकड़ी के गट्ठर को नहीं तोड़ पाए।
इसका सार समझाते हुए किसान ने बेटों से कहा कि यदि तुम लोग भी अलग -अलग रहोगे तो कोई भी आसानी से तुम्हें परास्त कर देगा और यदि लकड़ियों के इस गट्ठर की तरह एक साथ रहोगे तो कोई भी कभी नहीं हरा पाएगा।लड़कों को एकता/संगठन का महत्व समझ आ चुका था।"

संगठन के महत्व को बताने के लिए इससे अच्छा कोई और उदाहरण नहीं हो सकता। अपनी एकता और संगठन की शक्ति को प्रदर्शित करते हुए प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति के तत्वावधान में 2 फरवरी ,2023 को रामपुर के मंथन रेस्टोरेंट में समिति की स्थानीय इकाई के कुशल संयोजन में बैंक के सेवानिवृत्त साथियों की एक शानदार बैठक का आयोजन किया गया।

           (बैठक में उपस्थित सेवानिवृत्त साथीगण)      
बैठक में ख़ासी तादाद में रुद्रपुर,बिलासपुर और रामपुर के साथियों द्वारा उत्साहपूर्वक सहभागिता की गई।बैठक में मुरादाबाद से समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार तोमर तथा महासचिव इरफ़ान आलम ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। बैंक के रामपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक विश्नोई जी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहे। सभा को संबोधित करते हुए श्री विश्नोई जी ने कहा कि व्यक्ति के पद और पदस्थान भले ही बदल जाएं परंतु आदमी को कभी नहीं बदलना चाहिए।उन्होंने आश्वस्त किया कि सेवानिवृत्त साथियों का उनके स्तर पर जो भी काम होगा उसका प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाएगा।
         (क्षेत्रीय प्रबंधक विश्नोई जी का संबोधन)
साथियों को संबोधित करते हुए इरफ़ान आलम साहब ने कहा कि सेवानिवृत्त साथियों को जागरूक करने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए।हम संगठित रहकर ही अपने मुद्दों की ओर विभाग के ज़िम्मेदार उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।
उन्होंने साथियों से अपनी वार्षिक सदस्यता राशि को अपडेट रखने और नए साथियों से सदस्यता ग्रहण करने की अपील की।
     (समिति के महासचिव इरफ़ान आलम का संबोधन)

बैठक को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार तोमर ने कहा कि हम सब को चाहिए कि सेवाकाल में पद और विचारों को लेकर रहे मतभेदों को भुलाकर संगठन को मज़बूत बनाएं।इसी में सबकी भलाई है।उन्होंने कुछ सेवानिवृत्त साथियों और दिवंगत साथियों के कोर्ट में चल रहे मुकदमों की  वर्तमान स्थिति से भी अवगत कराया।उन्होंने इस बात पर संतोष प्रकट किया कि बैंक प्रबंधन द्वारा रिटायरीज के लंबित मुद्दों का संज्ञान लेकर निस्तारण किया जा रहा है।  यह संगठन की एकता और शक्ति का परिचायक है।      
     (समिति के अध्यक्ष अनिल तोमर जी का संबोधन साथ में समिति के स्थानीय सचिव ए एम ख़ान)

        (कार्यक्रम के संचालन का अवसर मुझे प्राप्त हुआ) 
बैंक के बहुत वरिष्ठ सेवानिवृत्त साथी रामवीर सिंह यादव ने कहा कि संगठन की शक्ति को बढ़ाने के लिए साथियों को तन मन और धन से आगे आना चाहिए।उन्होंने समिति की आगामी बैठक अपने निवास पर आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा।

   (वरिष्ठ सेवानिवृत्त साथी रामवीर सिंह यादव का संबोधन) 
 कार्यक्रम में अध्यक्ष श्री अनिल कुमार तोमर द्वारा  स्थानीय 
 इकाई के गठन की घोषणा भी की गई।अंत में स्थानीय सचिव ए एम ख़ान और कोषाध्यक्ष फ़कीर चंद द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया।सभा के अंत में दिवंगत साथियों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण करके सभा के विसर्जन की घोषणा की गई।
मैं अपने इस दोहे के साथ वाणी को विराम देता हूं : 
रहे अगर हम संगठित, सुनी जाएगी बात।
वरना  सुधरेंगे  नहीं, मित्रो  कुछ हालात।।
               ----ओंकार सिंह विवेक 




January 30, 2023

पल्लव काव्य मंच के तत्वावधान में पुस्तक विमोचन

दिनांक 29 जनवरी,2023 रविवार को पल्लव काव्य मंच के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी एवम् पुस्तक विमोचन का भव्य आयोजन किया गया। एकता विहार कॉलोनी रामपुर (उत्तर प्रदेश) में कवयित्री आभा सक्सैना जी (आभा कमल) के निवास पर आयोजित समारोह में उनके काव्य संग्रह "रंग-बिरंगे" फूल का लोकार्पण किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पल्लव मंच के अध्यक्ष श्री शिवकुमार चंदन ने की।मुख्य अतिथि स्टेट बैंक के सेवानिवृत सहायक महा प्रबंधक अचल राज पांडे और सेवानिवृत्त अध्यापक व वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश अधीर जी रहे।
मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्प अर्पण के बाद कार्यक्रम के प्रथम चरण में सरस्वती वंदना के पश्चात शहर के प्रमुख कवियों द्वारा काव्य पाठ किया गया।काव्य पाठ करने वाले  कवि/शायरों में 

शिव कुमार चंदन  सुरेश अधीर   आले अहमद सुरूर  
सुरेंद्र अश्क
रागिनी गर्ग   राजवीर सिंह राज़  ओंकार सिंह विवेक  
प्रदीप माहिर   विनोद कुमार शर्मा   राजीव कुमार शर्मा  महाराज किशोर सक्सैना       महेंद्र पांडे   
रामसागर शर्मा       आभा कमल
अशफ़ाक ज़ैदी       तारिफ नियाज़ी    आदि प्रमुख रहे।
.           काव्य पाठ करते हुए प्रदीप राजपूत माहिर जी 

सभी साहित्यकारों ने समसामयिक विषयों पर अपनी जीवंत प्रस्तुति देकर देर तक श्रोताओं को बांधे रखा।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में श्रीमती आभा कमल जी के गीत-संग्रह "रंग-बिरंगे" फूल का श्री अचल राज पांडे और अन्य मेहमानों द्वारा विमोचन किया गया। आभा कमल जी द्वारा अपनी विमोचित कृति से कुछ रचनाओं का पाठ भी किया गया।श्री कमल रतन जी ,राजीव शर्मा जी तथा सीताराम शर्मा जी और चंदन जी द्वारा समीक्षित कृति के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए गए। 
श्री अचल राज पांडे,शिवकुमार चंदन और सुरेश अधीर जी ने विमोचित कृति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुस्तक की अधिकांश रचनाएं ह्रदय को छूती हैं।आभा जी ने अपने संघर्षशील जीवन में जो कुछ भोगा और परखा  है उसकी मार्मिक अभिव्यक्ति रचनाओं में देखने को मिलती है।
इस अवसर पर आभा कमल जी के परिजनों और रिश्तेदारों ने उन्हें  शॉल और बुके आदि देकर सम्मनित किया तथा उनका आशीर्वाद ग्रहण किया।
अंत में आभा कमल जी और पल्लव मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री  सीता राम शर्मा जी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।
भाई प्रदीप राजपूत माहिर (महामंत्री पल्लव मंच) के साथ इस भव्य कार्यक्रम के संचालन करने का अवसर मुझे भी प्राप्त हुआ।

प्रस्तुतकर्ता : ओंकार सिंह विवेक 


January 28, 2023

भारत विकास परिषद रामपुर(उoप्रo)ने मनाया गणतंत्र दिवस व वसंतोत्सव

   (परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष श्री जगन्नाथ चावला जी का          उद्बोधन)

"स्वस्थ,समर्थ,संस्कृत भारत" के लक्ष्य वाक्य को चरितार्थ करने का संकल्प लेकर चल रही स्वयंसेवी संस्था भारत विकास परिषद की मुख्य शाखा रामपुर (उत्तर प्रदेश) द्वारा

 राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस,वसंत पंचमी तथा शारदे प्रादुर्भाव दिवस के पावन अवसर पर मुरारी लाल की धर्मशाला,रामपुर में एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस बार कार्यक्रम के शुभारंभ की कमान परिषद की महिला सदस्यों के हाथ में रही। कार्यक्रम के संचालक और स्थानीय इकाई के अध्यक्ष श्री रविंद्र गुप्ता जी के आग्रह पर महिला शक्ति द्वारा ध्वजारोहण,मां सरस्वती की छवि पर पुष्प अर्पण तथा सरस्वती वंदना एवम राष्ट्रीय गान से कार्यक्रम का सुखद शुभारंभ हुआ।
          (माइक पर परिषद अध्यक्ष श्री रविंद्र गुप्ता जी) 
कार्यक्रम में परिषद के सदस्यों द्वारा देश भक्ति गीत और कविताएं आदि प्रस्तुत की गईं। सांकृतिक आयोजन के चरण में बच्चों द्वारा बहुत रुचि ली गई।वक्ताओं ने इस दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी से राष्ट्र की एकता और अखंडता को मज़बूत करने की अपील की।कई वक्ताओं ने भारत के संविधान के निर्माण से लेकर इसमें अब तक हुए संशोधनों को लेकर बहुत महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।श्री रविंद्र गुप्ता जी द्वारा पिछली बैठक की कार्यवाही से अवगत कराते हुए परिषद के आगामी कार्यक्रमों के बारे में महत्पूर्ण सूचना से अवगत कराया।

          (हाथों में तिरंगा लिए महिला शक्ति )
परिषद के प्रांतीय महासचिव श्री गौरव वार्ष्णेय ने परिषद के कोटा अधिवेशन के भव्य आयोजन और उसकी सफलता से सदन को परिचित कराया। उन्होंने स्थानीय इकाई के सदस्यों के बढ़ चढ़कर इसमें भाग लेने पर आभार व्यक्त किया।

परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष श्री चावला जी ने विस्तार से परिषद द्वारा प्रांत में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी और आगामी महिला सम्मेलन के रामपुर में आयोजन पर सबको बधाई दी।
इस पावन अवसर पर परिषद परिवार द्वारा हमारी पुत्री आस्था सैनी को सीoएo बनने पर प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित भी किया गया।परिषद द्वारा आस्था के उत्साहवर्धन हेतु हम हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। 

इस स्नेह हेतु हम परिषद की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष श्री रविंद्र गुप्ता जी,श्रीमती पुष्पा गुप्ता जी,उपाध्यक्ष श्री अभय शंकर अग्रवाल जी एवं डॉक्टर रजनी अग्रवाल जी के विशेष रूप से आभारी हैं
संपूर्ण कार्यक्रम बहुत अनुशासित ढंग से संपन्न हुआ।समापन पर अध्यक्ष श्री रविंद्र गुप्ता जी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
प्रस्तुतकर्ता : ओंकार सिंह विवेक 






January 27, 2023

🏵️एक और भव्य काव्य गोष्ठी व पुस्तक विमोचन समारोह🏵️

प्रणाम मित्रो 🙏🙏🌹🌹

निरंतर साहित्यिक आयोजन होते रहते हैं तो कुछ लिखने और पढ़ने का उत्साह बना रहता है। इधर पिछले कई महीनों से हमारे नगर और आसपास के क्षेत्रों में कई साहित्यिक आयोजन हुए।इनमें सहभागिता करके ऐसा लगा जैसे सृजन की बैटरी फिर से चार्ज हो गई है। वास्तव में ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए।ये आयोजन साहित्यकार और पाठक/श्रोता दोनों को ही चिंतनशील और सृजनशील रखते हैं।
 25 जनवरी,2023 को हमारे नगर रामपुर (उत्तर प्रदेश) में प्रमुख व्यवसाई तथा साहित्यकार रवि प्रकाश जी के गीत संग्रह "भारत ज़िंदाबाद" के विमोचन और कवि गोष्ठी का एक शानदार कार्यक्रम संपन्न हुआ।
    (पुस्तक का विमोचन करते हुए डॉक्टर पंकज दर्पण जी तथा साथ में सामाजिक कार्यकर्ता श्री धवल दीक्षित जी व साहित्यकार शिवकुमार चंदन जी)

देश-प्रेम की भावना से ओतप्रोत गीत-संग्रह का विमोचन रामलीला एवं अग्रलीला निर्देशक तथा "अर्पण-एक साहित्यिक यात्रा" के संस्थापक सदस्य डॉ पंकज दर्पण जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वतंत्रता सेनानी-वंशज एवं सामाजिक कार्यकर्ता धवल दीक्षित जी ने की ।

     (कार्यक्रम में आमंत्रित सम्मानित अतिथिगण)
इस अवसर पर शोधकर्ता एवं समाजसेवी रमेश जैन ने माला व शाल पहनाकर रवि प्रकाश जी का अभिनंदन किया ।
कार्यक्रम में मुरादाबाद से कवि श्रीकृष्ण शुक्ल, राजीव प्रखर, पूजा राणा तथा रामपुर से ओंकार सिंह विवेक, शिव कुमार चंदन, प्रदीप राजपूत माहिर तथा रागिनी अनमोल चुनमुन ने काव्यपाठ प्रस्तुत किया । 


            
              कार्यक्रम में चंद्र प्रकाश शर्मा (मिलक), श्रीमती नीलम गुप्ता, रश्मि चौधरी, डॉ अजय सिंघल (हड्डी रोग विशेषज्ञ), शैलेंद्र विद्यार्थी एडवोकेट, प्रीति अग्रवाल (रज़ा लाइब्रेरी), डॉ रघु प्रकाश, डॉक्टर प्रियल गुप्ता, डॉक्टर रजत प्रकाश, डॉक्टर हर्षिता पूठिया, डॉक्टर अब्दुल रउफ़,अश्क रामपुरी आदि उपस्थित रहे।
         ओंकार सिंह विवेक 





January 25, 2023

वसंत पंचमी 🏵️🏵️ प्यारा वसंत 🏵️🏵️ सरस्वती पूजन🌹🌹🙏🙏



प्यारा वसंत 🏵️🏵️ प्यारा वसंत 🏵️🏵️ प्यारा वसंत👇👇
वसंत का आगमन प्रकृति को जो अदभुत छटा प्रदान करता है उसका चमत्कारिक प्रभाव हर चीज़ में दिखाई देता है। खेत और बाग़ फूलों से खिल उठते हैं। पेड़ों पर नई कोपलें मुस्कुराने लगती हैं।मौसम में आई खुमारी जन मानस में मस्ती के रंग घोल देती है।
वसंत पंचमी को ही विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती का प्रादुर्भाव दिवस माना जाता है। अत: इस दिवस मां सरस्वती का पूजन करते हुए विद्या जयंती भी मनाते हैं। माता सरस्वती जी के हाथ में सुशोभित पुस्तक हमें ज्ञान की प्रेरणा देती है। वीणा हमें कला के पारखी तथा प्रेमी बनने की प्रेरणा देती है।

लीजिए प्रस्तुत हैं अवसर के अनुकूल मेरे कुछ दोहे 

 दोहे वसंत पंचमी
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धीरे-धीरे   शीत  का,होने   को   है  अंत।
आओ मिलकर प्यार से,गाएँ राग वसंत।।

किया प्रकृति का आपने,मनमोहक शृंगार।
हे ऋतुराज! वसंत जी, बार-बार आभार।।

वृद्ध,युवा, बालक सभी,पहिन पीत परिधान।
करते हैं  ऋतुराज  का, उल्लासित हो गान।।

हो   मेरा   चिंतन   प्रखर, बढ़े  निरंतर  ज्ञान।
दो   हे  माता  शारदे!  कुछ  ऐसा   वरदान।।
             ----ओंकार सिंह विवेक 

       (चित्र:गूगल से साभार)

January 21, 2023

सीoएo (चार्टर्ड अकाउंटेंट) : चार चरणों की एक कठिन परीक्षा

प्रणाम मित्रो 🌹🌹🙏🙏

10 जनवरी,2023 को हमारी छोटी पुत्री आस्था सैनी का सीoएo फाइनल का परिणाम घोषित हुआ।आप सब के आशीर्वाद से वह अब चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गई है। पिछले कई वर्षों से मैंने उसको इस कठिन परीक्षा की तैयारी या यों कहूं कि साधना करते हुए देखा है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।उसके धैर्य,लगन, एकाग्रता और कठोर परिश्रम को देखते हुए मेरा सीoएo जैसी कठिन परीक्षा के बारे में थोड़ा विस्तार से कुछ लिखने का मन हुआ। जो बच्चे इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं उन्हें भी इस पोस्ट से कुछ मूलभूत जानकारी मिल जाएगी।

चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षा भारत में आयोजित की जाने वाली दस सबसे कठिन परीक्षाओं(UPSC, IIT-JEE,NEET,GATE NDA - - - etc) में से एक है। इसे पास करने के बाद बच्चों के सामने शानदार कैरियर निर्माण के कई द्वार खुलते हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने में कम से कम साढ़े चार वर्ष का समय तो लगता ही लगता है।सभी ग्रुप्स एक साथ क्लियर न हो पाएँ तो अधिक समय भी लग जाता है।

Chartered Accountants परीक्षा के 4 चरण होते हैं।
1. फाउंडेशन स्टेज जिसे पहले सी पी टी कहा जाता था
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इंटरमीडिएट पास करने के उपरांत चार से पांच माह की तैयारी के उपरांत इस परीक्षा में बैठा जा सकता है। इसमें बैठने के लिए पहले ICAI (Institute of chartered accountants of India),जो एक वैधानिक संस्था है, में पंजीकरण कराकर आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं। यह परीक्षा साल में दो बार मई/जून और नवंबर/दिसंबर में आयोजित की जाती है। फाउंडेशन परीक्षा में चार पेपर होते हैं जिनमें पहले दो सब्जेक्टिव तथा अंतिम दो ऑब्जेक्टिव अर्थात वस्तुनिष्ठ होते हैं।प्रत्येक पेपर में पास होने के लिए 100 में से चालीस अंक और एग्रीगेट 400 में से 200 अंक प्राप्त करने अनिवार्य होते हैं।

2. इंटरमीडिएट स्टेज
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इस परीक्षा में बैठने के लिए फिर से ICAI में शुल्क सहित  आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होती है।स्नातक पास बच्चे बिना foundation परीक्षा पास किए सीधे इस लेवल से प्रवेश कर सकते हैं। लगभग 9 माह की तैयारी के बाद इस परीक्षा में बैठा जा सकता है। फाउंडेशन स्तर के बाद यहां से रास्ता अपेक्षाकृत कठिन होता जाता है अत: बच्चों को अच्छी कोचिंग की आवश्यकता पड़ती है। foundation परीक्षा की ही तरह यह परीक्षा भी प्रत्येक वर्ष दो बार भारत  तथा विदेश के कई केंद्रों पर आयोजित कराई जाती है। सीoएo इंटरमीडिएट परीक्षा के दो ग्रुप्स होते हैं।प्रत्येक ग्रुप में चार पेपर अर्थात दोनों ग्रुप्स में कुल आठ पेपर्स क्लियर करने होते हैं।पास होने के लिए प्रत्येक पेपर में 100 में से चालीस नंबर तथा ग्रुप में एग्रीगेट 50 प्रतिशत नंबर लाने आवश्यक होते हैं।कुछ बच्चे एक ही बार में दोनों ग्रुप्स क्लियर कर लेते हैं।चूंकि यह बहुत कठिन परीक्षा होती है अत: अपने caliber  के हिसाब से कुछ बच्चे बारी-बारी से प्रत्येक ग्रुप की तैयारी करके परीक्षा में बैठते हैं।

3.तीन साल की आर्टिकलशिप ट्रेनिंग
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इंटरमीडिएट के दोनों ग्रुप्स क्लियर करने के बाद बच्चों को लगभग तीन साल किसी प्रतिष्ठित पंजीकृत सीoएo फर्म में Mandatory training/आर्टिकलशिप करनी होती है।
इस चरण में एक साल की आर्टिकलशिप पूरी करने के उपरांत चार हफ़्ते का इंफॉर्मेशन टैकनोलॉजी एंड सॉफ्ट स्किल्स(ICITSS) का इंटीग्रेटेड कोर्स करना होता है।
सीoएo का आर्टिकलशिप चरण बहुत महत्वपूर्ण होता है।इसमें विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल एक्सपोजर, जी एस टी, टैक्सेशन,ऑडिट तथा अन्य बहुत सी संगत चीज़ों का
ऑन द स्पॉट ज्ञान और प्रशिक्षण प्राप्त होता है।बच्चों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है और साथ-साथ अगले चरण की परीक्षा के लिए कोचिंग भी करनी पड़ती है जो एक साधना से कम नहीं होती।

4. अंतिम चरण सी0ए0 फाइनल परीक्षा
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यह परीक्षा भी इंस्टीट्यूट द्वारा प्रति वर्ष दो बार मई/जून तथा नवंबर/दिसंबर में आयोजित की जाती है।इसमें भी इंटरमीडिएट चरण की तरह ही दो ग्रुप्स और आठ पेपर्स होते हैं।दोनों ग्रुप्स एक साथ या अलग-अलग पास किए जा सकते हैं। प्रत्येक पेपर में चालीस प्रतिशत तथा ग्रुप के सभी पेपर्स में एग्रीगेट पचास प्रतिशत अंक प्राप्त करने ज़रूरी होते हैं।
प्रतिवर्ष आमतौर पर फाइनल का रिजल्ट 5 से 10 प्रतिशत के मध्य रहता है इसीलिए फाइनल परीक्षा को सीoएo का सबसे मुश्किल चरण माना जाता है।
इस पूरे विवरण से स्पष्ट होता है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के लिए बहुत कठिन परीक्षाओं के दौर से गुज़रना पड़ता है।परंतु जिन बच्चों में जज़्बा और जुनून होता है वे नियमित कठिन परिश्रम से चार्टर्ड अकाउंटेंट  बनने का सपना पूरा कर ही लेते हैं। 
सीoएo बनने के बाद बच्चों के सामने स्वतंत्र प्रैक्टिस और सरकारी या प्राइवेट जॉब्स दोनों के ही द्वार खुलते हैं जिनमें से वे अपनी रुचि के अनुसार उचित चुनाव करते हैं।नि:संदेह इस प्रोफेशन में पर्याप्त reputation, job satisfaction और money है।

विशेष** सेंट्रल इंडिया रीजनल कौंसिल ऑफ आई सी ए आई ( CIRC-ICAI ) की मुरादाबाद(उत्तर प्रदेश) शाखा द्वारा मुरादाबाद मंडल में सीoएo फाइनल परीक्षा पास करने वाले बच्चों को अपने केंद्र पर बुलाकर प्रोत्साहन स्वरूप प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर के कुछ छाया चित्र साथ संलग्न हैं जिसमें एक चित्र पुत्री आस्था का भी है जिसमें वह मंच से अपनी सीoएo बनने की यात्रा के अनुभव साझा कर रही है।निश्चित तौर पर हमारे परिवार के लिए ये गौरव के क्षण हैं।
आस्था को भविष्य हेतु आपके आशीर्वाद की अपेक्षा है।





प्रस्तुतकर्ता:ओंकार सिंह विवेक
(साहित्यकार,समीक्षक,स्वतंत्र विचारक,कंटेंट राइटर तथा ब्लॉगर)



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