February 8, 2023

लो आया मदमाता फागुन

साथियो नमस्कार 🙏🙏🌹🌹

फागुन का महीना प्रारंभ हो गया है। प्रकृति और परिवेश खिला-खिला और मस्ती बढ़ाने वाला हो गया है।इस मौसम की मादकता का कवियों ने भी काव्य की विभिन्न विधाओं में बड़ा मस्त चित्रण किया है।

इस मौसम को लेकर मुझसे भी अनायास एक कुंडलिया छंद का सृजन हो गया जिसे आपके साथ साझा कर रहा हूं। प्रतिक्रिया से अवश्य ही अवगत कराएं 🙏🙏

फागुन माह प्रारंभ होने पर
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 कुंडलिया : ओंकार सिंह विवेक 

फागुन आते  ही  खिले,खेत  और  खलिहान।
हवा  सुगंधित  हो   गई, महक  उठे  उद्यान।।
महक   उठे   उद्यान, कोकिला   राग   सुनाए।
लख-लखकर यह दृश्य,सभी के मन हरषाए।।
गाएँ  हम भी फाग ,लगी  है केवल  यह   धुन।
आया  जबसे  द्वार, सखे   मदमाता   फागुन।।
                ----ओंकार सिंह विवेक
       ( सर्वाधिकार सुरक्षित) 
 चित्र गूगल से साभार 

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