फागुन आते ही सब पर होली के रंगों की मस्ती छाने लगती है।होली के स्वागत का मूड बनने लगता है।फाग गाने को मन मचलने लगता है। बाज़ारों में रंग,पिचकारी और गुलाल से दुकानें सजी दिखाई देने लगती हैं।होली के स्वागत में मतकटा सम्मेलन और कवि गोष्ठियां आदि प्रारंभ हो जाती हैं।
इसी क्रम में उत्साही युवा पत्रकार भाई गौरव त्रिपाठी ने अपनी हरफनमौला साहित्यिक संस्था के बैनर तले 19फरवरी,2023 को हल्द्वानी के यूरो किड्स स्कूल में एक शानदार कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया।उनके आमंत्रण पर मुझे भी इस भव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में आए सभी मेहमानों का संस्था के पदाधिकारियों द्वारा गुलाल का टीका लगाकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद गौरव त्रिपाठी ने संस्था के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जहां एक ओर संस्था प्रतिष्ठित साहित्यकारों को आमंत्रित करती है वहीं दूसरी ओर नवांकुरों की काव्य प्रतिभा को पहचानकर उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए मंच भी प्रदान करती है। श्री गौरव त्रिपाठी ने बताया कि उनकी संस्था उत्तराखंड में अब तक ऐसे अनेक कार्यक्रम आयोजित करके छुपी हुई प्रतिभाओं को सामने ला चुकी है।
कार्यक्रम में अन्य कवियों के साथ मेरे द्वारा भी अवसर के अनुकूल काव्य पाठ प्रस्तुत किया गया
दीवाली के दीप हों,या होली के रंग।
इनका आकर्षण तभी, जब हों प्रियतम संग।।
होली का त्योहार है,हो कुछ तो हुडदंग।
सबसे यह कहने लगे, नीले पीले रंग।।
ओंकार सिंह विवेक
(मुख्य अतिथि से स्मृति चिह्न प्राप्त करते हुए मैं)
कार्यक्रम में विद्यालय के बाल कवियों द्वारा होली को लेकर अपनी दमदार काव्य प्रतुतियां दी गईं। बाल कवियों की रंग भरी कविताएं सुनकर आमंत्रित श्रोताओं ने जमकर उनका उत्साहवर्धन किया।
काव्यपाठ के बाद बच्चों को स्थानीय विधायक और अन्य मंचासीन अतिथियों द्वारा प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए गए। पुरस्कार पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे।
कार्यक्रम में यों तो सभी कवियों को स्मृति चिह्न प्रदान किए गए परंतु निम्न चार रचनाकारों को विशेष सम्मान प्रदान किए
1. विनोद कुमार पहिलाजानी,गुड़गांव
2. कैलाश जोशी पर्वत,कानपुर
3. डॉo शशि जोशी,रामनगर
4. किरन पंत वर्तिका, हल्द्वानी
कार्यक्रम के अध्यक्ष और मुख्य अतिथियों ने अपने-अपने उद्बोधनों में कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि साहित्य के संरक्षण और संवर्धन के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित होते रहने चाहिए।अंत में संस्था अध्यक्ष गौरव त्रिपाठी ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।
उत्तराखंड के अखबारों में इस कार्यक्रम की बहुत अच्छी कवरेज हुई।एक अख़बार ने मेरी रचना की पंक्तियों को खबर की हैड लाइन बनाया इसके लिए संपादक मंडल का शुक्रिया।
प्रस्तुत कर्ता : ओंकार सिंह विवेक
ग़ज़लकार/समीक्षक/कॉन्टेंट राइटर/ब्लॉगर
(सर्वाधिकार सुरक्षित)