August 25, 2020

पहले जैसे लोगों के व्यवहार नहीं रहने

चंद अशआर कोरोना काल में बदले चिंतन के परिणामस्वरूप कुछ यों भी हुए)
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सूनी  सड़कें , गलियाँ-ओ- बाज़ार  नहीं  रहने,
और  बहुत  दिन  धुँधले  मंज़र यार नहीं रहने।

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    -----ओंकार सिंह विवेक
       आगे पढ़िए------

2 comments:

  1. बहुत ख़ूब ... अच्छा शेर है ...

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  2. उत्साहवर्धन हेतु आभार मान्यवर

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