September 27, 2024

प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति की विशाल आम सभा मुरादाबाद में संपन्न



संगठन में ही असली शक्ति निहित होती है। जो लोग अनुशासित ढंग से संगठित रहकर अपनी बात रखते हैं उनकी बात हर जगह सुनी जाती है। यह बात सार्थक हुई जब दिनांक 21/09/2024 को प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक कर्मचारी कल्याण समिति मुरादाबाद ने अपनी आम सभा में ऐसी ही अनुशासित संगठन शक्ति का परिचय दिया। समिति के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार तोमर जी तथा महासचिव श्री इरफ़ान आलम जी के कुशल नेतृत्व में समिति के सभी सदस्यों की टीम भावना के चलते मुरादाबाद के मिड टाउन होटल में समिति की एक आम सभा का शानदार आयोजन सफलता के साथ संपन्न हुआ।
समिति की  सामान्य सभा में प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक के चेयरमैन श्री संजीव भारद्वाज जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे ।सभा में मंच पर विशिष्ट अतिथियों के तौर पर श्री गणपति हेगड़े जी (राष्ट्रीय महासचिवNFRRRBS-AIRRBEA),श्री महेन्द्र सिंह जी(राष्ट्रीय अध्यक्ष,NFRRRBS-AIRRBEA),श्री सगुण शुक्ला जी(राष्ट्रीय अध्यक्ष,NFRRBO-AIRRBEA),श्री शिव करण द्विवेदी जी (राष्ट्रीय महासचिव,NFRRBE-AIRRBEA),श्री सुनील बालियान जी (कार्यकारीअध्यक्ष-PUPGBSNKKS),श्री डेविड चौधरी जी (अध्यक्ष-UPGBEU) विराजमान रहे।सभा की अध्यक्षता श्री अनिल कुमार तोमर जी (अध्यक्ष प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति) ने की। 
 
मंच का विधिवत गठन करने के बाद समिति के महासचिव इरफ़ान आलम जी ने पिछली सभा की कार्यवाही की पुष्टि हेतु अपनी विस्तृत आख्या पटल पर रखी।
समिति के कोषाध्यक्ष एच पी शर्मा जी ने आय-व्यय का सम्पूर्ण विवरण (वर्ष 2023-24 की बैलेंस शीट)  सदन के समक्ष प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक के चेयरमैन श्री संजीव भारद्वाज जी ने तो अपने उद्वोधन से मानो महफ़िल ही लूट ली।उन्होंने कहा " रिटायर्ड साथी मुझे बैंक का चेयरमैन न मानते हुए अपना भाई और संरक्षक समझें। मेरे दरवाज़े रिटायर्ड साथियों के लिए हमेशा खुले हैं।वरिष्ठ साथियों के सभी हित लाभ तथा अन्य लंबित मुद्दे आदि त्वरित रूप से निस्तारित करना सदैव मेरी प्राथमिकता रही है।"
सभा को संबोधित करते हुए श्री महेन्द्र सिंह जी(राष्ट्रीय अध्यक्ष,NFRRRBS-AIRRBEA), ने कहा कि हम ग्रामीण बैंक कर्मियों को आज जो कुछ भी मिल रहा है वह सतत संघर्ष का ही परिणाम है। अत: आगे भी हमें संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार तोमर जी ने उन दिनों को याद किया जब ग्रामीण बैंक कर्मियों ने विपरीत परिस्थितियों में काम करते हुए अपने-अपने बैंकों को मज़बूत आधार प्रदान किए। उन्होंने साथियों से अधिक से अधिक संख्या में समिति से जुड़ने की अपील की।
श्री गणपति हेगड़े जी (राष्ट्रीय महासचिवNFRRRBS-AIRRBEA) ने अपने उद्वोधन में बताया कि कैसे अपने अधिकारों को पाने के लिए हम ग्रामीण बैंक कर्मियों को कभी नाबार्ड,कभी वित्त मंत्रालय और कभी न्यायालय के अनगिनत चक्कर काटने पड़े और कई बार बैंक प्रबंध तंत्र की मनमानियों को झेलना पड़ा। उन्होंने देश के प्रथम ग्रामीण बैंक (तत्कालीन प्रथमा बैंक) की स्थापना और उसमें कर्मचारियों द्वारा विगत समय में सहे गए उत्पीड़न की भी चर्चा की।

श्री सगुण शुक्ला जी(राष्ट्रीय अध्यक्ष,NFRRBO-AIRRBEA) ने अपने ओजस्वी उद्वोधन से साथियों में जोश भर दिया। उन्होंने कहा कि यह हम सब की एकता और सतत संघर्ष का ही परिणाम है कि आज हम राष्ट्रीयकृत बैंकों जैसी ही सुविधाएं लेने की स्थिति में पहुंच गए हैं।उन्होंने आगे भी इसी तरह डटे रहने का आह्वान किया।
श्री शिव करण द्विवेदी जी (राष्ट्रीय महासचिव ,NFRRBE-AIRRBEA) ने सन्देश वाहकों की नियुक्ति एवं राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक गठन आदि को लेकर हर पहलू पर गंभीर चर्चा की।

समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील बालियान जी ने 
संगठन की एकता पर बल देते हुए अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए आगे भी तैयार रहने के लिए कहा।उन्होंने सभी सदस्यों से अपना लंबित वार्षिक सदस्यता शुल्क नियमित करने की भी अपील की।
UPGBEU के ऊर्जावान युवा अध्यक्ष डेविड चौधरी ने समिति के वरिष्ठ साथियों और पदाधिकारियों के कुशल नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे अपने इन वरिष्ठ जनों से अभी बहुत कुछ सीखना है। उन्होंने कहा कि मैं अभिभूत हूं कि आपने मुझे मंच पर महान हस्तियों के साथ बैठाकर इतना सम्मान दिया।

कार्यक्रम में समिति की विभिन्न क्षेत्रीय इकाईयों के उन साथियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने पौधारोपण जैसे सामाजिक सरोकारों को पूर्ण करने में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की। सभा में समिति की सदस्यता ग्रहण करने वाले नए साथियों का माल्यार्पण द्वारा स्वागत भी किया गया।
प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक मुख्य कार्यालय कार्मिक विभाग के पेंशन सेल के अधिकारियों को समिति ने पेंशनर्स के कार्यों के त्वरित निस्तारण पर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में सुदूर क्षेत्रों से आए हुए लगभग 400 से अधिक रिटायर्ड साथियों की उपस्थिति देखकर बाहर से पधारे राष्ट्रीय स्तर के बैंक यूनियंस नेताओं ने बहुत प्रसन्नता व्यक्त की। सभा में सभी विचारणीय बिंदुओं यथा कम्प्यूटर इंक्रीमेंट एरियर भुगतान,पेंशन एरियर भुगतान, अनुकंपा नियुक्ति,सन्देश वाहकों की नियुक्ति एवं राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक गठन आदि को लेकर हर पहलू पर चर्चा हुई और साथियों की शिकायतों और समस्याओं के निराकरण का सार्थक प्रयास किया गया। समिति के पदाधिकारियों द्वारा मंच पर आसीन मेहमानों को स्मृति चिन्ह तथा पुस्तकें भेंट करके सम्मानित किया गया।
सभा के अंत में समिति के उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह जी द्वारा आगंतुकों का आभार व्यक्त किया गया। दिवंगत साथियों की आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट मौन धारण करने के उपरांत सभा समाप्ति की घोषणा की गई।
कार्यक्रम का सफल संचालन इरफ़ान आलम तथा ओंकार सिंह 'विवेक' द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
     प्रस्तुतकर्ता : ओंकार सिंह विवेक 

सम्मानित समाचार पत्रों द्वारा कार्यक्रम की सुंदर कवरेज करने के लिए समिति उनका हृदय से आभार प्रकट करती है।
 ------ ओंकार सिंह विवेक 







September 26, 2024

पल्लव काव्य मंच का छात्र अभिनंदन तथा कवि सम्मेलन संपन्न

हमारे देश के इतिहास की पहिचान है हिन्दी 

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हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत पल्लव काव्य मंच रामपुर(उत्तर प्रदेश) द्वारा श्री हरि सरस्वती शिशु मंदिर जूनियर हाईस्कूल में छात्र अभिनंदन तथा कवि सम्मेलन कार्यक्रम का शानदार आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संयोजन श्री हरि सरस्वती शिशु मंदिर जूनियर हाईस्कूल प्रबंधन समिति के संरक्षक श्री अनिल अग्रवाल जी द्वारा किया गया।


कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के बच्चों द्वारा सस्वर प्रस्तुत की गई सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम के पहले चरण में विद्यालय के 29 छात्र-छात्राओं द्वारा राजभाषा हिन्दी को लेकर अपनी कविताओं तथा वक्तव्यों के माध्यम से बहुत ही प्रभावशाली प्रस्तुतियां दी गईं।मंच पर आसीन अतिथियों द्वारा बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप पल्लव काव्य मंच तथा स्कूल प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।


कार्यक्रम के दूसरे चरण में स्थानीय कवियों ने राजभाषा हिन्दी तथा अन्य समसामयिक विषयों पर अपने सुंदर काव्य पाठ से समां बांध दिया।

काव्य पाठ करते हुए साहित्यकार महाराज किशोर सक्सैना ने अपने चित परिचित अंदाज़ में कुछ इस तरह अभिव्यक्ति दी  --

      मैंने कहा मैं कब हारा/जीवन के हारे हार है 


प्रखर चिंतन के धनी युवा कवि राजवीर सिंह राज़ ने कहा --


  मातु शारदे करता हूं मैं नमन/अपनी भक्ति शक्ति का वरदान दो

ग़ज़लकार ओंकार सिंह विवेक ने हिन्दी की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए अपनी काव्य प्रस्तुति दी --


    हमारे देश के इतिहास की पहिचान है हिन्दी,

    नहीं है झूठ कुछ इसमें हमारी शान है हिन्दी।


कवयित्री पूनम दीक्षित ने हिन्दी भाषा के प्रति अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा --


       सबसे मधुर सबसे सरस हमारी प्यारी हिन्दी 


कवि पतराम सिंह ने मां शारदे की आराधना करते हुए कहा --


       हूं अज्ञानी दो ज्ञान मुझे सब तुम्हें समर्पित करता हूं 


(डॉ)प्रीति अग्रवाल ने कहा --


       जीवन की हर मुश्किल सहकर आगे बढ़ते जाना,

       जो भी रोके उससे लड़कर आगे बढ़ते जाना।

अनमोल रागिनी चुनमुन ने कहा --

        आज झरोखों से यादों के बचपन दौड़ा आया,

        पापा जी ने चांटा मारा मम्मी ने दुलराया।

मंझे हुए ग़ज़लकार सुरेन्द्र अश्क रामपुरी ने फ़रमाया  --


         उल्फतों का नगर नहीं होता,

         अब कोई चारागर नहीं होता।

वरिष्ठ साहित्यकार शिव कुमार चंदन ने कहा --


          कुत्ते पलते हर गली कचरा खाती गाय,

          घी मक्खन दुर्लभ हुए मिले हर जगह चाय।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राज्यपाल पुरस्कार विजेता शिक्षक मुनीश चन्द्र शर्मा ने हिन्दी की दशा और दिशा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए सभी से व्यवहार में अधिकाधिक हिन्दी अपनाने का आग्रह किया।


संयोजक तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनिल कुमार अग्रवाल ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की जयंती पर उनके व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाने के अपने प्रयासों को और अधिक धार देने की आवश्यकता पर बल दिया।


 कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पल्लव काव्य मंच के अध्यक्ष शिव कुमार चंदन द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन पल्लव काव्य मंच के उपाध्यक्ष ग़ज़लकार ओंकार सिंह विवेक द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित उमेश कुमार, विवेक अग्रवाल, केशव गुप्ता, जगन्नाथ चावला, वीर सिंह यादव, अर्जुन यादव तथा राजेश सक्सैना , नवीन पाण्डे आदि प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे।

          ---- ओंकार सिंह विवेक 

कार्यक्रम की सुन्दर कवरेज करने के लिए सम्मानित समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान तथा अमृत विचार आदि का हार्दिक आभार।







September 24, 2024

कहा है जब से उसने साथ हूं मैं

नमस्कार दोस्तो 🌷🌷🙏🙏

आज आकाशवाणी रामपुर (उत्तर प्रदेश) पर काव्य पाठ की रिकॉर्डिंग संपन्न हुई। जिसका प्रसारण आकाशवाणी रामपुर से 23 अक्टूबर,2024 को प्रात: 6:45 बजे 'काव्य प्रभा' कार्यक्रम के अंतर्गत सुना जा सकता है।

हाज़िर है मतला' और एक शे'र :
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अलग जीवन  की  रंगत  हो  गई है,
भलों की जब से सुहबत  हो गई है।

कहा है  जब  से  उसने  साथ  हूँ मैं,
हमारी   दूनी   ताक़त   हो   गई  है।
     ©️ ओंकार सिंह विवेक 

( प्रकाशनाधीन ग़ज़ल-संग्रह "कुछ मीठा कुछ खारा से")

September 20, 2024

"रचनाकार दिल्ली-1" : एक समृद्ध साहित्यिक मंच

नमस्कार मित्रो 🌺🌺🙏🙏

धरातल पर सक्रिय साहित्यिक मंचों के साथ सोशल मीडिया पर भी अनेक साहित्यिक समूह सफलता के साथ साहित्य सेवा में लगे हुए हैं।ऐसा ही एक प्रतिष्ठित साहित्यिक समूह है "रचनाकार दिल्ली- 1" जिसके बारे में पहले भी मैं कई बार अपने ब्लॉग पर लिख चुका हूं।
मुझे इस पटल से वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीया मीना भट्ट सिद्धार्थ जी ने कई वर्ष पूर्व जोड़ा था।माह में एक बार मुझे ग़ज़ल समीक्षा हेतु इस पटल पर अवसर मिलता है जिसके लिए मैं पटल संचालक मंडल का आभार व्यक्त करता हूं।इस पटल से अनेक मूर्धन्य साहित्यकारों के साथ-साथ उदीयमान रचनाकार भी जुड़े हुए हैं जो पूरी लगन के साथ विभिन्न काव्य विधाओं की बारीकियां सीख रहे हैं। पटल पर आई रचनाओं का समीक्षा कार्य आम तौर पर दो पालियों में दो समीक्षकों द्वारा किया जाता है।पटल पर इतनी रचनाएँ आती हैं कि एक पाली की समीक्षा करने में ही पसीने छूटने लगते हैं। इससे इस पटल की लोकप्रियता का पता चलता है। बहुत ही अनुशासित ढंग से पटल को चलाने और इसे समृद्ध करने के लिए संचालक मंडल बधाई का पात्र है।
अभी मंगलवार को पटल पर ग़ज़ल विधा दिवस था जिसकी एक पाली की समीक्षा का दायित्व मुझ पर था जिसका अपने ज्ञान और सामर्थ्य के अनुसार मैंने निर्वहन करने का प्रयास किया।
उस दिवस के श्रेष्ठ रचनाकारों की घोषणा पटल द्वारा जिस प्रकार की गई उसे हुबहू पटल से साभार लेकर नीचे प्रस्तुत कर रहा हूं (इससे आपको पटल के श्रेष्ठ स्तर और व्यवस्थित रूप का अनुमान होगा) :
*रचनाकार दिल्ली 1*

*पंजीयन क्रमांक 2434/2018*

*एक कदम साहित्यिक उत्कृष्टता की ओर*

*संवेदना सृजन सम्मान के साथ*

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*पटल परिणाम*

दिनांक -- 17/9/2024

दिन -- मंगलवार

मिसरा -- जह्र की मुझको जरूरत ही सही

विधा -- गजल

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*दैनिक सम्मान*
1- सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान
आ० सुविधा पंडित जी

2- सर्वश्रेष्ठ रचनाकार
आ० राजन तेजी सुदामा जी
 
2- उत्कृष्ट समीक्षा सम्मान
आ० ओंकार सिंह विवेक जी

4- उत्कृष्ट समीक्षा सम्मान
आ० डॉ रफीक नागौरी जी

5 - संचालन कौशल सम्मान
कोई नहीं


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सभी चयनित साहित्यसाधको को हार्दिक बधाई 
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*एक किरण विश्वास की*
*सबके साथ विकास की* 

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प्रबंधन मंडल
रचनाकार
 (रचनाकार दिल्ली -1 व्हाट्सएप ग्रुप से साभार )
मेरी कामना है कि साहित्य के क्षेत्र में यह साहित्यिक मंच यों ही नित नई ऊंचाइयों को छूता रहे

--- प्रस्तुतकर्ता ग़ज़लकार ओंकार सिंह 'विवेक' 


September 19, 2024

सूरज को भी तेज गँवाना पड़ता है



मित्रो असीम सुप्रभात 🌹🍀🙏🙏
लीजिए पेश है मेरी एक और ग़ज़ल जो प्रकाशन की प्रक्रिया में चल रहे मेरे दूसरे ग़ज़ल संग्रह "कुछ मीठा कुछ खारा" से है :
            ©️ 

            कुहरे -धुंध   के  रोब  में आना  पड़ता है,

            सूरज   को  भी  तेज  गँवाना  पड़ता  है।

 

            इच्छाओं   के  भरमाने   में   मत   आना,

            इस मन को  अक्सर समझाना पड़ता है।

 

             चमकी है  यूँ ही तक़दीर  भला  किसकी,

             महनत  से  उसको  चमकाना पड़ता  है।

 

              बज़्मे- सुख़न में  रंग जमाने की ख़ातिर,

             'आम  नहीं  कुछ ख़ास सुनाना पड़ता है।


             हैराँ  हैं  हम देखके, आज सियासत में,

             मन्दिर-मस्जिद को  लड़वाना पड़ता है।

 

             हाल भले ही ठीक न हो अपने दिल का,

             दुनिया  को  पर  ठीक  बताना पड़ता है।


             ये  सुनकर खिलनी  ही थीं  उनकी बाँछें,

             आगे   रस्ते   में   मयख़ाना   पड़ता  है।

                        ©️ ओंकार सिंह विवेक 

 

तीरगी को मज़ा चखाना है 🌹🌹👈👈

  


September 17, 2024

वृक्षों के संरक्षण और संवर्धन हेतु मार्मिक अपील





नमस्कार मित्रो 🌷🌷🙏🙏
हमें अपने अस्तित्व को बचाने के लिए वृक्षों और वनों का संरक्षण तथा संवर्धन करने की महती आवश्यकता है। इसी को लेकर कुछ दिन पूर्व एक कुंडलिया छंद का सृजन हुआ था जो आज आपकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत है :

आज एक कुंडलिया छंद 

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©️     (चित्र:गूगल से साभार)

देते   हैं   सबको  यहाँ,प्राणवायु   का   दान,

फिर भी वृक्षों  की मनुज,लेता है नित  जान।

लेता  है नित जान, गई  मति  उसकी   मारी,

जो  वृक्षों  पर  आज,चलाता पल-पल आरी।

कहते सत्य 'विवेक', वृक्ष हैं  कब कुछ  लेते,

वे  तो  छाया-वायु,,फूल-फल  सबको   देते।    

                   ©️ ओंकार सिंह विवेक 



जिस्म भी कितना साथ दे आख़िर 👈👈

September 14, 2024

प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक सेवा निवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति के दो प्रमुख आधार स्तंभ

  (प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार तोमर जी एवं महासचिव श्री इरफ़ान आलम जी)

मित्रो संगठन की महत्ता और उसकी शक्ति को हम सब लोग भली भांति जानते है। संगठित रहकर ही हम अपने  अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ सकते हैं, शासन-प्रशासन तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं और अपना शोषण होने से रोक सकते हैं।यह बात तब और महत्वपूर्ण हो जाती है जब हम सेवा से अवकाश ग्रहण कर चुके हों।नौकरी से रिटायरमेंट के बाद व्यक्ति के पास वह अथॉरिटी या एक्जीक्यूटिव पावर्स नहीं रह जातीं जिनके प्रभाव से वह अपनी समस्या का इतनी आसानी से समाधान करा सके। उस समय संगठन की शक्ति और महत्ता का एहसास होता है। प्रसंगवश मुझे किसी शा'इर का यह शे'र याद आ रहा है :
ख़ुदा  ने  आज  तक  उस  क़ौम की  हालत  नहीं  बदली,
न हो जिसको ख़याल आप अपनी हालत के बदलने का।

वास्तव में ईश्वर या भाग्य भी तभी साथ देता है जब हम ख़ुद अपने भले के लिए चिंतित होकर सार्थक तथा संगठित प्रयास करते हैं।जब हमें ख़ुद ही अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए उचित उपायों की चिंता नहीं होगी तो भला कौन हमारी रक्षा करेगा।
यह सब बातें मैंने संगठन की शक्ति को स्पष्ट करने के लिए कहीं।
संगठन की शक्ति को समझने के बाद आईए अब मूल विषय पर आते हैं। रिटायर्ड साथियों के अधिकारों के लिए संघर्षरत प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति एक ऐसा ही संगठन है जो निरंतर अपना विस्तार करते हुए कामयाबी के साथ गतिमान है।संगठन की सफलता में उसके सदस्यों की सक्रियता के साथ-साथ दमदार लीडरशिप की भी बड़ी भूमिका होती है।यदि संगठन की कमान ईमानदार, कर्मठ और समर्पित हाथों में होती है तो संगठन का सभी लोहा मानते हैं अन्यथा ---।
यह गर्व की बात है कि इस संगठन की कमान बहुत ही समर्थ और जुझारू हाथों में है। यही कारण है कि  समिति की धूम राष्ट्रीय स्तर तक है। यों तो संगठन की सफलता में सदस्यों और सभी कार्यकारिणी पदाधिकारियों की महती भूमिका है परंतु आज मैं यहां मुख्य रूप से समिति के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार तोमर जी तथा महासचिव श्री इरफ़ान आलम जी का उल्लेख करना चाहता हूं।
अध्यक्ष श्री अनिल कुमार तोमर जी की बात करूं तो आप बेहद मिलनसार,सौम्य ,मृदुभाषी तथा बैंकिंग मामलों की गहन जानकारी एवं समझ रखने वाले व्यक्ति हैं।विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों से बिना डिगे आपने ईमानदारी के साथ बैंक में अपना सेवा काल पूर्ण किया।आप जैसा ईमानदार,कर्मठ और सक्षम व्यक्ति समिति के अध्यक्ष पद पर शोभायमान है यह सबके लिए गर्व की बात है। समिति के महासचिव श्री इरफ़ान आलम साहब की बात की जाए तो आप भी बहुत विनम्र,व्यवहार कुशल और लीडरशिप के गुणों से संपन्न व्यक्तित्व के स्वामी हैं। आपने भी कामयाबी के साथ बैंक में अपना सेवाकाल पूर्ण किया।आज आप दोनों की जोड़ी अपनी टीम के साथ समिति का निरंतर विस्तार करते हुए जिस सफलता के साथ इसका संचालन कर रही है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है।आपके अथक प्रयासों से समिति की गतिविधियों के विस्तार के क्रम में क्षेत्रीय इकाईयों का भी गठन किया गया है जो बहुत सक्रियता से सांगठनिक क्रिया कलापों के साथ सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी कर रही हैं।समिति के पदाधिकारियों की सक्रियता के कारण इसकी सदस्य संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है जो संगठन के स्थायित्व के लिए शुभ संकेत है।इस समय समिति को भविष्य में नेतृत्व हेतु second line की भी शिद्दत से तलाश है जिसके लिए लीडरशीप के गुणों से संपन्न सक्रिय सदस्यों को आगे आना चाहिए।
दिनांक 21 सितंबर,2024 को मुरादाबाद में  केंद्रीय समिति की आम सभा होना प्रस्तावित है जिसकी तैयारी ज़ोर-शोर से चल रही है।इस सिलसिले में केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों की एक बैठक दिनांक 2 सितंबर,2024 को अध्यक्ष श्री अनिल कुमार तोमर जी के आवास पर आयोजित की गई जिसमें प्रस्तावित आम सभा के सफलता पूर्वक आयोजन के लिए सदस्यों को दायित्व सौंपे गए।अध्यक्ष तथा महासचिव महोदय ने बताया कि समिति की इस बार की आम सभा ख़ास होगी क्योंकि इसमें बैंक यूनियंस के तमाम राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भाग लेंगे। आम सभा में संगठनात्मक गतिविधियों तथा विभिन्न लंबित मुद्दों को लेकर गहन विमर्श होगा।प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक के चेयरमैन श्री संजीव भारद्वाज जी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे।
इस अवसर पर समिति के सभी सदस्यों से अपील की गई कि अपने-अपने क्षेत्रों से आम सभा में अधिक से अधिक संख्या में साथियों के साथ उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दें।
अत सभी साथियों से अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में उक्त कार्यक्रम में पहुंचकर समिति की 
संगठन-शक्ति का एहसास कराएं।
धन्यवाद !

(प्रस्तुति : ओंकार सिंह विवेक) 




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