September 26, 2024

पल्लव काव्य मंच का छात्र अभिनंदन तथा कवि सम्मेलन संपन्न

हमारे देश के इतिहास की पहिचान है हिन्दी 

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हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत पल्लव काव्य मंच रामपुर(उत्तर प्रदेश) द्वारा श्री हरि सरस्वती शिशु मंदिर जूनियर हाईस्कूल में छात्र अभिनंदन तथा कवि सम्मेलन कार्यक्रम का शानदार आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संयोजन श्री हरि सरस्वती शिशु मंदिर जूनियर हाईस्कूल प्रबंधन समिति के संरक्षक श्री अनिल अग्रवाल जी द्वारा किया गया।


कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के बच्चों द्वारा सस्वर प्रस्तुत की गई सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम के पहले चरण में विद्यालय के 29 छात्र-छात्राओं द्वारा राजभाषा हिन्दी को लेकर अपनी कविताओं तथा वक्तव्यों के माध्यम से बहुत ही प्रभावशाली प्रस्तुतियां दी गईं।मंच पर आसीन अतिथियों द्वारा बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप पल्लव काव्य मंच तथा स्कूल प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।


कार्यक्रम के दूसरे चरण में स्थानीय कवियों ने राजभाषा हिन्दी तथा अन्य समसामयिक विषयों पर अपने सुंदर काव्य पाठ से समां बांध दिया।

काव्य पाठ करते हुए साहित्यकार महाराज किशोर सक्सैना ने अपने चित परिचित अंदाज़ में कुछ इस तरह अभिव्यक्ति दी  --

      मैंने कहा मैं कब हारा/जीवन के हारे हार है 


प्रखर चिंतन के धनी युवा कवि राजवीर सिंह राज़ ने कहा --


  मातु शारदे करता हूं मैं नमन/अपनी भक्ति शक्ति का वरदान दो

ग़ज़लकार ओंकार सिंह विवेक ने हिन्दी की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए अपनी काव्य प्रस्तुति दी --


    हमारे देश के इतिहास की पहिचान है हिन्दी,

    नहीं है झूठ कुछ इसमें हमारी शान है हिन्दी।


कवयित्री पूनम दीक्षित ने हिन्दी भाषा के प्रति अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा --


       सबसे मधुर सबसे सरस हमारी प्यारी हिन्दी 


कवि पतराम सिंह ने मां शारदे की आराधना करते हुए कहा --


       हूं अज्ञानी दो ज्ञान मुझे सब तुम्हें समर्पित करता हूं 


(डॉ)प्रीति अग्रवाल ने कहा --


       जीवन की हर मुश्किल सहकर आगे बढ़ते जाना,

       जो भी रोके उससे लड़कर आगे बढ़ते जाना।

अनमोल रागिनी चुनमुन ने कहा --

        आज झरोखों से यादों के बचपन दौड़ा आया,

        पापा जी ने चांटा मारा मम्मी ने दुलराया।

मंझे हुए ग़ज़लकार सुरेन्द्र अश्क रामपुरी ने फ़रमाया  --


         उल्फतों का नगर नहीं होता,

         अब कोई चारागर नहीं होता।

वरिष्ठ साहित्यकार शिव कुमार चंदन ने कहा --


          कुत्ते पलते हर गली कचरा खाती गाय,

          घी मक्खन दुर्लभ हुए मिले हर जगह चाय।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राज्यपाल पुरस्कार विजेता शिक्षक मुनीश चन्द्र शर्मा ने हिन्दी की दशा और दिशा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए सभी से व्यवहार में अधिकाधिक हिन्दी अपनाने का आग्रह किया।


संयोजक तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनिल कुमार अग्रवाल ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की जयंती पर उनके व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाने के अपने प्रयासों को और अधिक धार देने की आवश्यकता पर बल दिया।


 कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पल्लव काव्य मंच के अध्यक्ष शिव कुमार चंदन द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन पल्लव काव्य मंच के उपाध्यक्ष ग़ज़लकार ओंकार सिंह विवेक द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित उमेश कुमार, विवेक अग्रवाल, केशव गुप्ता, जगन्नाथ चावला, वीर सिंह यादव, अर्जुन यादव तथा राजेश सक्सैना , नवीन पाण्डे आदि प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे।

          ---- ओंकार सिंह विवेक 

कार्यक्रम की सुन्दर कवरेज करने के लिए सम्मानित समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान तथा अमृत विचार आदि का हार्दिक आभार।







4 comments:

  1. Sundar aayojan ki sabko badhai

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  2. बहुत सुंदर आयोजन, अनुपम चित्र

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