April 11, 2024

बात सोहार्द और सद्भावना की

नमस्कार मित्रो 🌷🌷🙏🙏

हम जिस मिश्रित सोसाइटी में रहे हैं उसमें सांप्रदायिक सौहार्द और सद्भावना की बहुत ज़रूरत है। त्योहार वे चाहे किसी भी संप्रदाय या समूह के हों,हमें एकता और भाई चारे का ही पाठ पढ़ाते हैं।जब कोई भी त्योहार खुले दिल से सोहार्द पूर्ण वातावरण में मनाया जाता है तो उसका उत्साह दुगना हो जाता है। अत: ज़रूरी है कि त्योहार चाहे होली का हो,ईद का हो या फिर क्रिसमस का सभी मिल-जुलकर मनाएं और बिना संकीर्ण मानसिकता के एक-दूसरे को गले लगाएं तथा परस्पर शुभकामनाएं संप्रेषित करें।
आज ईद का त्योहार है सो प्रसंगवश मुझे अपना एक पुराना शे'र याद आ गया :
      न ख़ुशियाँ ईद की कम हों, न होली-रंग हो फीका,
      रहे भारत के  माथे पर  इसी तहज़ीब  का  टीका।
                               ©️ ओंकार सिंह विवेक 
     

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