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ग़ज़ल/कविता/काव्य के बहाने
सभी साहित्य मनीषियों को सादर प्रणाम 🌷🌷🙏🙏******************************************* आज फिर विधा विशेष (ग़ज़ल) के बहाने आपसे से संवाद की ...
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बहुुुत कम लोग ऐसे होते हैैं जिनको अपनी रुचि के अनुुुसार जॉब मिलता है।अक्सर देेखने में आता है कि लोगो को अपनी रुचि से मेल न खाते...
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शुभ प्रभात मित्रो 🌹🌹🙏🙏 संगठन में ही शक्ति निहित होती है यह बात हम बाल्यकाल से ही एक नीति कथा के माध्यम से जानते-पढ़ते और सीखते आ रहे हैं...
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🌹🌼🍀🌲☘️🏵️🌴🥀🌿🌺🌳💐🌼🌹🍀🌲☘️🏵️🌴🥀🌿🌺🌳💐🌼🌹🍀🌲☘️🏵️🌴🥀🌿🌺🌳💐🌼🌹🍀 ३० अक्टूबर,२०२३ को रात लगभग आठ बजे भाई प्रदीप पचौरी जी का ...
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२१-११-२०२०) को 'प्रारब्ध और पुरुषार्थ'(चर्चा अंक- ३८९८) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
Nice BLOg And Great Content thank
ReplyDeleteवाह!!!
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब सृजन।
उम्दा/बेहतरीन ग़ज़ल।
ReplyDeleteवाह!