August 17, 2022

सारे जग में भारत की पहचान तिरंगा है

   
   🇹🇯🇹🇯🇹🇯सारे जग में भारत की पहचान तिरंगा है 🇹🇯🇹🇯🇹🇯

  आज़ादी का अमृत महोत्सव : कवि सम्मेलन सह मुशायरा
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                                               --- ओंकार सिंह विवेक

भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पराक्रम और पुरुषार्थ से १५ अगस्त,१९४७ को देश आज़ाद हुआ। आज हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।आज़ादी के बाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में हर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास हुआ है।आज दुनिया का कोई भी देश हमारी उपलब्धि और सामर्थ्य को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता।
१५अगस्त,२०२२ को स्वतंत्रता दीवार की ७५वीं वर्षगांठ पर हर घर तिरंगा और तिरंगा प्रभात फेरियों के साथ ही देश भर में ध्वजारोहण कार्यक्रम पूरे उल्लास के साथ आयोजित किए गए।इसी क्रम में जनपद रामपुर-उ०प्र० के आनंद कॉन्वेंट स्कूल में साहित्यिक संस्था अखिल भारतीय काव्यधारा रामपुर के तत्वावधान में एक शानदार कवि सम्मेलन सह मुशायरा स्कूल के उत्साही युवा प्रबंधक श्री पीयूष कुमार सक्सैना जी के संयोजन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय साहित्यकारों सहित उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड से पधारे अनेक प्रसिद्ध कवियों ने आज़ादी के अमृत महोत्सव की महत्ता को प्रतिपादित करती हुई देश भक्ति से ओतप्रोत रचनाएँ सुनाकर आमंत्रित श्रोताओं की वाही वाही लूटी।
  काव्य पाठ करते हुए अखिल भारतीय काव्य धारा के संस्थापक अध्यक्ष जितेंद्र कमल आनंद जी ने कहा :

  तुममें ही हैं देव असुर सब अब तक विष ही पाया है,
   पा जाओगे अमृत भी तुम जब मंथन हो जाएगा। 
स्कूल के प्रबंधक और कार्यक्रम के संयोजक पीयूष कुमार सक्सैना ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस अवसर की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा सभी से देश के प्रति अपने दायित्वों का भली प्रकार निर्वहन करने की अपील की।
उन्होंने आगे भी इस प्रकार के आयोजनों में अपने भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया।
काव्य पाठ करते हुए रामपुर के कवि  प्रदीप राजपूत माहिर जी ने कहा : 
क़ैद से  निजात  का सब  हिसाब  याद रख,
ज़िन्दाबाद याद  रख  इन्क़िलाब  याद रख।

नौजवान  देश  के  जिस  पे  जाँ  लुटा  गये,
मुल्क के निज़ाम का वो ही ख़्वाब याद रख। 
     
रामपुर के वरिष्ठ साहित्यकार रामकिशोर वर्मा जी ने अपनी सामयिक प्रस्तुति देते हुए कहा : 
       तिरंगा न झुकने दिया, दे दी अपनी जान,
        ओढ़ तिरंगे का कफ़न, और बढ़ा दी शान।

हास्य रस के प्रसिद्ध कवि धीरेंद्र सक्सैना ने कंधे से कंधा मिलाकर चलने के सकारात्मक भाव को अपने चुटीले अंदाज़ पेश किया और बताया कि ऐसा करने से किस प्रकार कभी कभी लेने के देने भी पड़ जाते हैं।
रामपुर की प्रतिभाशाली कवयित्री रागिनी गर्ग चुनमुन ने कुछ इस प्रकार अपने भावों को अभिव्यक्ति दी :

       दुखों से हम थके हारे व्यथा के गीत गाते हैं,
       ग़मों ने खूब तोड़ा है, नहीं पग डगमगाते हैं।
रामपुर के प्रसिद्ध ग़ज़लकार ओंकार सिंह विवेक ने सामयिक रचना पाठ करते हुए कहा :
           वीर  शहीदों   की   गाथा   का  गान  तिरंगा  है,
           हर   भारतवासी   का  गौरव - मान  तिरंगा  है।
           गर्व न हो क्यों हमको आख़िर इस पर बतलाओ,
           सारे   जग   में  भारत   की   पहचान  तिरंगा  है।

रामपुर के प्रतिष्ठित व्यवसायी और सह्रदय कवि रविप्रकाश जी ने प्रेरक सामयिक अभिव्यक्ति दी :
        वीर विनायक, दामोदर, सावरकर जिंदाबाद,
        कष्ट सहा काले पानी का, कोल्हू को पेला था।
        कालकोठरी में यम से वह वीर युद्ध खेला था।
         कौड़ों से पीटे जाते थे,कभी बैंत खाते थे,
         कभी पेट भर जाता अक्सर भूखे सो जाते थे।
 
देर शाम तक चले इस काव्य अनुष्ठान ने श्रोताओं को अंत तक बांधे रखा।कार्यक्रम समापन पर श्री पीयूष सक्सैना जी द्वारा बहुत प्रेम से सबको सुरुचिपूर्ण जलपान कराकर आभार ज्ञापित किया गया।
     प्रस्तुतकर्ता: ओंकार सिंह विवेक 

13 comments:

  1. सुन्दर संयोजन आदरणीय!💐💐💐

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    1. हार्दिक आभार भाई जी।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरुवार 18 अगस्त, 2022 को    "हे मनमोहन देश में, फिर से लो अवतार"  (चर्चा अंक-4525)
       
    पर भी होगी।
    --
    कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

    ReplyDelete
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    1. अतिशय आभार आदरणीय 🙏🙏

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरुवार 18 अगस्त, 2022 को    "हे मनमोहन देश में, फिर से लो अवतार"  (चर्चा अंक-4525)
       
    पर भी होगी।
    --
    कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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  4. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय
    कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. अतिशय आभार।आपको भी अवसर की अशेष शुभकामनाएं 🙏🙏

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  5. बहुत सुन्दर सृजन आदरणीय ! कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ एवं बधाई ।

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    1. हार्दिक आभार आपका।आपको भी अवसर की अशेष शुभकामनाएं।

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  6. वाह!सराहनीय सृजन।
    कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ एवं बधाई ।

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    1. आभार। आपको भी अवसर की अशेष शुभकामनाएं।

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