स्वतंत्रता दिवस:कुछ दोहे
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-------ओंकार सिंह विवेक
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आज़ादी पाना कहाँ, था इतना आसान।
वीरों ने इसके लिए, प्राण किए क़ुर्बान।।
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लुटा गए जो देश पर,हँसकर अपनी जान।
हम उनके बलिदान का ,रखें हमेशा मान।।
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राष्ट्र सुरक्षा में दिया, अपना जीवन वार।
भारत के वीरों नमन, तुमको बारंबार।।
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मन में यह ही कामना, यह ही है अरमान।
दुनिया का सिरमौर हो,अपना हिंदुस्तान।।
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-----ओंकार सिंह विवेक
@CR
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (16-08-2020) को "सुधर गया परिवेश" (चर्चा अंक-3795) पर भी होगी।
ReplyDelete--
स्वतन्त्रता दिवस की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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अतिशय आभार आदरणीय
Deleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक आभार आ0
Deleteसमयपरक सुंदर दोहे।
ReplyDeleteजय हिन्द।