ग़ज़ल
मन से करिए रोज़ पढ़ाई,
पापा ने यह बात बताई।
पढ़ कर बेटा नाम करेगा,
माँ बापू ने आस लगाई।
टीचर जी ने ख़ूब सराहा,
जब भी देखी साफ़ लिखाई।
अव्वल दर्ज़ा पास हुये तो,
देंगे सारे लोग बधाई।
पढ़-लिखकर औरों को पढ़ायें,
होगी जग में ख़ूब बढ़ाई।
फिर अच्छा है सैर सपाटा,
पहले कर लें आप पढ़ाई।
हमारा बेटा
सबसे न्यारा सबसे प्यारा,
हम दोनों का राजदुलारा।
हम को इससे हैं आशायें,
कर देगा यह नाम हमारा।
दोहे
बच्चों हमको है सदा , ये आशा विश्वास,
बदलोगे तुम लोग ही ,दुनिया का इतिहास।
रखते हो बच्चों अगर ,तुम मंज़िल की चाह,
चुन लो अपने वासते, सच्चाई की राह।
--------------ओंकार सिंह'विवेक'
Beautiful Sir !!
ReplyDeleteBelated thanks
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