December 15, 2025
सर्दी वाले दोहे 🪨🪨
December 10, 2025
भारत विकास परिषद मुख्य शाखा रामपुर का रजत जयंती वर्ष समारोह
December 9, 2025
उत्तर प्रदेश साहित्य सभा रामपुर इकाई की दसवीं काव्य गोष्ठी संपन्न
कोठियों को ज़ुल्म ढाना आ गया
**************************
साहित्यकारों का दायित्व होता है कि वे अपने सृजन से समाज को सार्थक संदेश देते रहें।साहित्यकार किसी आम बात को भी अपने कौशल से इस तरह कहने की सामर्थ्य रखता है कि वह आम बात भी ख़ास बनकर सुनने वालों के दिलों पर गहरा असर छोड़ जाती है।काव्य सृजन के माध्यम से अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करती आ रही साहित्यिक संस्था उत्तर प्रदेश साहित्य सभा की रामपुर इकाई द्वारा अपनी नियमित काव्य गोष्ठियों की श्रृंखला में उपाध्यक्ष प्रदीप राजपूत माहिर के आवास पर दसवीं काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। काव्य गोष्ठी/निशस्त की अध्यक्षता सोहन लाल भारती जी ने की तथा मुख्य अतिथि जावेद रहीम साहब रहे।
स्थानीय इकाई के अध्यक्ष ओंकार सिंह विवेक द्वारा प्रस्तुत की गई सरस्वती वंदना के पश्चात गोष्ठी में अपनी शानदार ग़ज़ल पढ़ते हुए नौजवान ग़ज़लकार गौरव नायक ने कहा--
पहले हम सारी फनकारी समझेंगे,
उसके बाद ही दुनियादारी समझेंगे।
काव्य पाठ करते हुए पतराम सिंह जी ने कहा
दिलों में ख़ामोशी उतरती चली गई,
निगाह से एक रौशनी गुज़रती चली गई।
ओंकार सिंह विवेक ने सामाजिक विषमताओं पर अपनी ग़ज़ल के इस शेर पर ख़ूब दाद पाई
झुग्गियों का हक़ दबाना आ गया,
कोठियों को ज़ुल्म ढाना आ गया।
गोष्ठी के मेज़बान प्रदीप राजपूत माहिर जी की ग़ज़ल का यह शेर भी श्रोताओं द्वारा ख़ूब पसंद किया गया
ग़म है तो फिर ग़म में ख़ुश हैं,
हम चश्मे-पुरनम में ख़ुश हैं।
जनसरोकारों के प्रति सचेत रहने वाले सुधाकर सिंह परिहार ने काव्य पाठ करते हुए कहा
नेता कब नेता से हारा, दल भी दल से नहीं हारते।
कोई हारा कहीं अगर तो, समझो जनता ही हारी है।
संयोजक सुरेन्द्र अश्क रामपुरी ने अपने इस शेर पर दाद वसूली
हौले से ज़मीं को हिला के कह रहा है वो,
आमाल करो नेक वरना मिट ही जाओगे।
जावेद रहीम जी ने अपने ख़यालात का इज़हार करते हुए कहा
कभी फुर्सत से लिखूंगा वो गुज़रे पल,
जिन्हें जी नहीं पाया रह गए वो अधूरे पल।
युवा ग़ज़लकार सुमित सिंह मीत का यह शेर भी ख़ूब सराहा गया
ग़लती करने से बेहतर है देखके औरों को सीखें,
कुछ मौक़ों पर पास हमारे एक ही मौक़ा होता है।
सोहन लाल भारती जी ने अपनी अभिव्यक्ति देते हुए कहा
बना अपने को मोमबत्ती के समान,
जो ख़ुद जले उजाले से भर दे कमरे को।
आमंत्रित श्रोताओं ने कवि/शायरों की धारदार रचनाएं सुनकर बार-बार करतल ध्वनि से उनका उत्साहवर्धन किया।देर रात तक चली कवि गोष्ठी में उपरोक्त के अतिरिक्त विनोद कुमार शर्मा,सलोनी राजपूत आदि भी ख़ास तौर पर मौजूद रहे। गोष्ठी का संचालन ओंकार सिंह विवेक द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में संयोजक सुरेन्द्र अश्क रामपुरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
गोष्ठी की कवरेज के लिए हम सम्मानित समाचार पत्रों का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं 🙏
December 5, 2025
अपनी बात ग़ज़ल के साथ
November 24, 2025
नई ग़ज़ल 🌹🌹🪔🪔
2122 1122 1122 22
वीडियो रील ही घटना की बनाने आई,
भीड़ कब घायलों की जान बचाने आई।
सोचिए कैसे हिरासाँ न हों प्यासी फ़सलें,
मर गई प्यास तो बरसात बुझाने आई।
पेट की आग जो करवा ले वही थोड़ा है,
नाच लड़की कोई रस्सी पे दिखाने आई।
'आदतन बाप ने तो दी न तवज्जोह हरगिज़,
लाल रूठा तो उसे माँ ही मनाने आई।
हौसला देखके मेरा न टिकी इक लम्हा,
मुझपे मुश्किल कोई जब रो'ब जमाने आई।
यूँ तो कितनी ही यहाँ आईं-गईं सरकारें,
मुश्किलें कोई न जनता की घटाने आई।
जब नज़र आया तभी वार उजाले ने किए,
'अक़्ल फिर भी न अँधेरे की ठिकाने आई।
-- ओंकार सिंह विवेक
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
एक वरिष्ठ साहित्यकार का शानदार काव्य पाठ सुनिए 🌹🌹 👈👈
November 9, 2025
वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेंद्र कुमार सैनी जी द्वारा मेरे ग़ज़ल-संग्रह 'कुछ मीठा कुछ खारा' की समीक्षा
November 4, 2025
उत्तर प्रदेश साहित्य सभा रामपुर इकाई की नौवीं काव्य गोष्ठी संपन्न
अपने सोने को फिर गंगू टूटी खाट बिछाता है
***********************************
दिनांक 2/11/2025 को उत्तर प्रदेश साहित्य सभा रामपुर इकाई की नौवीं काव्य गोष्ठी/निशस्त सभा के सदस्य जावेद रहीम जी के आवास पुराना गंज, घेर बाज़ ख़ां पर आयोजित की गई।गोष्ठी की अध्यक्षता मेज़बान जावेद रहीम जी ने की एवं मुख्य अतिथि सभा की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष ओंकार सिंह विवेक जी रहे।सचिव राजवीर सिंह राज़ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।यह काव्य गोष्ठी दुबई में मुशायरा पढ़कर लौटे राजवीर सिंह राज़ के सम्मान में आयोजित की गई।
राजवीर सिंह राज़ द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना के पश्चात अपने ख़ूबसूरत तरन्नुम में ग़ज़ल पढ़ते हुए अशफ़ाक़ ज़ैदी ने कहा
किसी को याद दुआओं में कौन रखता है,
यक़ीन आज वफ़ाओं में कौन रखता है।
सभा के अध्यक्ष ओंकार सिंह विवेक ने सामाजिक विषमताओं पर अपनी ग़ज़ल का मार्मिक शेर पढ़ते हुए कहा
पांव दबाकर पहले लाला जी को रोज़ सुलाता है,
अपने सोने को फिर गंगू टूटी खाट बिछाता है।
जनसरोकारों के प्रति सचेत रहने वाले सुधाकर सिंह परिहार ने काव्य पाठ करते हुए कहा
गर हम दीवार हटा पाते,जो कहा सुनी थी आपस की,
उसका सब रंज मिटा पाते,ये दूरी अगर घटा पाते।
संयोजक सुरेन्द्र अश्क रामपुरी ने अपने इस शेर पर दाद वसूली
फ़लक सबके नसीबों में कहाँ है,
सितारे रोज़ गिरते हैं ज़मीं पर।
सचिव राजवीर सिंह राज़ के इस शेर को भी ख़ूब पसंद किया गया
पाप मन से गया और तुम रो दिए,
आंसुओं की झड़ी गंगजल बन गई।
गोष्ठी के मेज़बान जावेद रहीम साहब ने अपने ख़यालात का इज़हार करते हुए कहा
संगे मरमर से तराशी रूह जैसे बदन में है,
नूरे-ख़ुदा की झलक जैसे तेरे हुस्न में है।
आमंत्रित श्रोताओं ने कवि/शायरों की धारदार रचनाएं सुनकर बार-बार करतल ध्वनि से उनका उत्साहवर्धन किया।देर रात तक चली कवि गोष्ठी में उपरोक्त के अतिरिक्त अनसब रहीम,इमरान आफताब तथा शाहिद अहमद आदि भी ख़ास तौर पर मौजूद रहे। गोष्ठी का संचालन सुरेन्द्र अश्क रामपुरी द्वारा किया गया।कार्यक्रम के अंत में सभा के अध्यक्ष ओंकार सिंह विवेक ने सभी का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर गोष्ठी के मेज़बान जावेद रहीम साहब ने दुबई से मुशायरा पढ़कर लौटे राजवीर सिंह राज़ का शाल ओढ़ाकर स्वागत किया तथा सभी ने उन्हें बधाई दी।
इस तरह की अनौपचारिक काव्य गोष्ठियों का उद्देश्य केवल कविता पाठ करना ही नहीं होता है।ऐसी गोष्ठियों में पारिवारिक माहौल होता है जहाँ कविगण आपस में हालचाल जानकर एक दूसरे के सुख-दुख में शरीक होने के अवसर भी पा जाते हैं।
--- ओंकार सिंह विवेक
उत्तर प्रदेश साहित्य सभा रामपुर इकाई की काव्य गोष्ठी 🌹🌹🙏🙏
दिनांक 4/11/2025 को गोष्ठी की ख़बर को प्रकाशित करने के लिए हम सम्मानित दैनिक समाचार पत्रों अमृत विचार,अमर उजाला तथा हिन्दुस्तान के प्रतिनिधियों के प्रति हार्दिक आभार प्रकट करते हैं 🙏
Featured Post
सर्दी वाले दोहे 🪨🪨
दोस्तो नमस्कार 🌹🌹🙏🙏 आधा दिसंबर गुज़र चुका है। ठंड धीरे-धीरे अपने तेवर दिखाने लगी है। कुहरे और सूरज दादा में जंग जारी है। कुछ...
-
(प्रथमा यू पी ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार तोमर जी एवं महासचिव श्री इरफ़ान आलम जी) मित्रो संग...
-
बहुुुत कम लोग ऐसे होते हैैं जिनको अपनी रुचि के अनुुुसार जॉब मिलता है।अक्सर देेखने में आता है कि लोगो को अपनी रुचि से मेल न खाते...
-
शुभ प्रभात मित्रो 🌹🌹🙏🙏 संगठन में ही शक्ति निहित होती है यह बात हम बाल्यकाल से ही एक नीति कथा के माध्यम से जानते-पढ़ते और सीखते आ रहे हैं...