March 15, 2025

रंगोत्सव होली पर शानदार काव्य गोष्ठी


 सैंया   जी    ने    घेरकर, डारो   ऐसो   रंग

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फागुन का मस्त महीना है।खेतों में सरसों फूली हुई है। बाग़ों में ख़ुशबूदार पुष्प किलोल कर रहे हैं।आम के पेड़ सुगंधित बौर से लदे हुए हैं।कहने का अर्थ यह है कि प्रकृति का यौवन पूरे शबाब पर है। ऐसे में होली के मस्त त्योहार के आगमन से सभी का मन प्रफुल्लित है और रंग खेलने को उतावला है। रंग-गुलाल की इसी ख़ुमारी में होली की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश साहित्य सभा रामपुर इकाई तथा पल्लव काव्य मंच रामपुर के संयुक्त तत्वावधान में  रंगारंग काव्य गोष्ठी का आयोजन कवि शिव कुमार चन्दन जी के आवास पर किया गया।

काव्य गोष्ठी में कवियों ने रंगों से सराबोर रचनाएँ सुनाकर समां बांध दिया।

कवि ओंकार सिंह विवेक की सरस्वती वंदना से काव्य गोष्ठी का शुभारंभ हुआ --

     हो मेरा चिंतन प्रखर, बढ़े निरंतर ज्ञान।

     हे माँ वीणा वादिनि, दो ऐसा वरदान।।

सरस्वती वंदना के पश्चात काव्य पाठ के लिए आमंत्रित करने पर कवि सोहन लाल भारती ने अपनी काव्य अभिव्यक्ति कुछ इस प्रकार दी :

        माह फागुन का है त्यौहार,

        इसे मनाओ सब मिलकर।

        रंग लगें सबके चेहरों पर,

         सब हो जाएं गुल खिलकर।

कवि सुधाकर सिंह ने अपनी मार्मिक रचना पढ़ी :

         एक चिड़िया मेरे घर के बरामदे में,

          हर वर्ष एक घोंसला बनाती है।

          पता नहीं तिनके कहां से लाती है ?

          सूखी लकड़ियां वह कैसे ढूंढ पाती है।


युवा कवि राजवीर सिंह राज़ ने होली पर अपना माहिया प्रस्तुत करते हुए कहा 

         भंग पीकर आया हूँ,

          खेलन को होरी।

           रँग लेकर आया हूँ।

ओंकार सिंह विवेक ने होली के रंगों की मस्ती में डूबे अपने दोहे प्रस्तुत करते हुए कहा 

          सैंया   जी    ने    घेरकर, डारो   ऐसो   रंग।

          नस नस में सिहरन हुई,भीग गयो हर अंग।।


         कर में पिचकारी लिए, पीकर थोड़ी भंग।

         देवर  जी  डारन  चले, भौजाई  पर रंग।।

कवि शिव कुमार चन्दन ने रचना पाठ करते हुए कहा :

         होरी खेलें नंद लाल,

         संग लिए ग्वाल बाल।

          मारे पिचकारी मले मुख पर गुलाल है।

           बृज युवतिन की है सुधि बिसराय गई,

            प्रेम रंग रँग रयो जसुदा का लाल है।

इनके अतिरिक्त पतराम सिंह,प्रदीप माहिर, सुरेन्द्र अश्क रामपुरी तथा नवीन पांडे आदि ने भी अपनी समसामयिक रचनाओं से मंत्रमुग्ध किया।

गोष्ठी की अध्यक्षता शिव कुमार चन्दन ने तथा संचालन राजवीर सिंह राज़ ने किया।


----साहित्यकार ओंकार सिंह विवेक 

अध्यक्ष उत्तर प्रदेश साहित्य सभा रामपुर इकाई

उपाध्यक्ष पल्लव काव्य मंच रामपुर 


होली है भाई होली है, रंग बिरंगी होली है 🎈🎈👈👈


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