भारतीय संस्कृति तथा हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति को पुण्यकारी दिन के रूप में जाना जाता है। मकर संक्रांति पर सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तथा उनकी गति उत्तर दिशा की ओर हो जाती है और मौसम में परिवर्तन का आभास होने लगता है।हिंदू धर्म में इस दिन को पुण्य प्राप्ति, स्नान और दान का दिन माना जाता है।
उत्तर प्रदेश साहित्य सभा की रामपुर इकाई द्वारा मकर संक्रांति के अवसर पर सभा के मंत्री राजवीर सिंह राज़ के निवास पर एक शानदार काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में उपस्थित कवियों ने समसामयिक विषयों पर अपनी सुंदर रचनाएँ सुनाकर देर रात तक समाँ बाँधे रखा।गोष्ठी की अध्यक्षता रामपुर के वरिष्ठ साहित्यकार शिवकुमार चंदन द्वारा की गई।
गोष्ठी में रचना पाठ करते हुए सभा की स्थानीय इकाई के संयोजक सुरेंद्र अश्क रामपुरी ने अपना कलाम कुछ इस तरह पेश किया --
दूर से देखो पास मत आना,
मुझको क़स्दन जता के बैठ गए।
सुधाकर सिंह ने अपनी मार्मिक अभिव्यक्ति में कहा --
हम काश यह दीवार हटा पाते,
जो कहा सुनी थी आपस की
उसका सब रंज मिटा पाते।
सभा के अध्यक्ष ओंकार सिंह विवेक ने आज के इंसान के दोहरे चरित्र पर कटाक्ष करते हुए यह शेर पढ़ा --
जो मुखौटा कहीं उतर जाए,
आज का शख़्स ख़ुद से डर जाए।
उन्होंने मकर संक्रांति पर यह दोहा भी पढ़ा --
समरसता है बांटता, खिचड़ी का यह पर्व।
करें न क्यों संक्रांति पर,हम सब इतना गर्व।।
सभा के मंत्री राजवीर सिंह राज़ ने आसमान में घुमड़ती बदलियों का चित्रण कुछ इस तरह किया --
नीर भरकर जब घुमड़ती हैं गगन में बदलियाँ,
खेलती हैं बादलों में रक़्स करती बिजलियाँ।
सभा के उपाध्यक्ष प्रदीप राजपूत ने अपनी अभिव्यक्ति कुछ इस प्रकार दी --
बेचैनी साँसों में पल पल ठीक नहीं,
इतनी भी इस दिल में हलचल ठीक नहीं।
काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे शिव कुमार चन्दन ने अपना दोहा पढ़ा --
गुड़ तिल के लड्डू रखें,घी खिचड़ी का दान।
सत्य सनातन संस्कृति,करती पुण्य महान।।
गोष्ठी का संचालन प्रदीप माहिर ने किया। साहित्य सभा के अध्यक्ष ओंकार सिंह विवेक ने अंत में सभी का आभार व्यक्त करते हुए सभा समापन की घोषणा की।
उत्तर प्रदेश साहित्य सभा रामपुर इकाई की काव्य गोष्ठी 👈👈
बहुत ही आत्मीय अनुभव रहा! साधुवाद आपको!💐💐
ReplyDeleteअतिशय आभार 🙏
Deleteसमरसता है बांटता, खिचड़ी का यह पर्व।
ReplyDeleteकरें न क्यों संक्रांति पर,हम सब इतना गर्व।।
बहुत सुंदर
आभार आदरणीया 🙏
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शुक्रवार 17 जनवरी 2025 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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हार्दिक आभार 🙏
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