कल दिनांक 14 जनवरी,2025 को अखिल भारतीय ब्राह्मण परिवार मिलन रामपुर द्वारा मकर संक्रांति के पावन पर्व पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। माया देवी धर्मशाला में आयोजित इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम हवन कारज संपन्न हुआ। सभा के पदाधिकारियों प्रवीण भांडा तथा सीताराम शर्मा सहित अनेक श्रद्धालुओं द्वारा हवन में आहुतियां डाली गईं।
हवन कराते समय पंडित श्री अतुल मिश्रा जी ने बताया कि मकर संक्रांति से सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करके उत्तरायण हो जाते हैं। धीरे- धीरे सूर्य का ताप बढ़ने लगता है तथा दिन बड़े एवं रातें छोटी होने लगती हैं।इस अवसर पर गुड- तिल के दान तथा खिचड़ी भोज के आयोजन से बहुत पुण्य प्राप्त होता है।
ब्राह्मण परिवार मिलन द्वारा इस अवसर पर एक सूक्ष्म कवि गोष्ठी का भी आयोजन कराया गया जिसमें स्थानीय कवियों ने अपनी समसामयिक रचनाएँ सुनाकर आमंत्रित श्रोताओं की ख़ूब तालियाँ बटोरीं।
मेरे द्वारा कार्यक्रम में प्रस्तुत कुछ दोहे --
समरसता है बांटता, खिचड़ी का यह पर्व।
करें न क्यों संक्रांति पर,हम सब इतना गर्व।।
माह जनवरी आ गया, ठंड हुई विकराल।
ऊपर से करने लगा, सूरज भी हड़ताल।।
©️ ओंकार सिंह विवेक
कवि सुरेंद्र अश्क रामपुरी ने कहा --
दूर से देखो पास मत आना,
मुझको क़स्दन जता के बैठ गए।
विनोद कुमार शर्मा ने अपनी मार्मिक अभिव्यक्ति में कहा --
नहीं बुझ पाएंगे ये आग के वन,
बुझाना हो तो चिंगारी बुझा लो।
राजवीर सिंह राज़ ने आसमान में घुमड़ती बदलियों का चित्रण कुछ इस तरह किया --
नीर भरकर जब घुमड़ती हैं गगन में बदलियाँ,
खेलती हैं बादलों में रक़्स करती बिजलियाँ।
प्रदीप राजपूत ने अपनी अभिव्यक्ति कुछ इस प्रकार दी --
बेचैनी साँसों में पल पल ठीक नहीं,
इतनी भी इस दिल में हलचल ठीक नहीं।
काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे शिव कुमार चन्दन ने अपना दोहा पढ़ा --
गुड़ तिल के लड्डू रखें,घी खिचड़ी का दान।
सत्य सनातन संस्कृति,करती पुण्य महान।।
कार्यक्रम में ब्राह्मण परिवार मिलन परिवार द्वारा निर्धन व्यक्तियों को कंबल वितरण भी किया गया। अंत में सभी ने खिचड़ी भोज का आनंद लिया।सभा के सचिव प्रवीण भांडा द्वारा सबका आभार व्यक्त किया गया।
प्रस्तुति : Poet Onkar Singh 'Vivek'
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