कल शाम को अपने घर से बाहर जब चौराहे की तरफ़ टहलने के लिए निकला तो दूधिया रंग की रौशनी में नहाए हुए चौराहे की अलग ही शोभा दिखाई दी। इस ख़ुशरंग नज़ारे को देखकर आपके साथ यह पोस्ट साझा करने का लोभ संवरण न कर सका।
हमारे घर से चंद मीटर दूर ही सिविल लाइंस का स्टार चौराहा है।चौराहे से एक सड़क सीधी रोडवेज और रेलवे स्टेशन की तरफ़ दिल्ली-लखनऊ हाइवे से मिल जाती है।दूसरी सड़क एक शॉर्टकट के रास्ते मुरादाबाद की तरफ़ चली जाती है। तीसरी सड़क ऐतिहासिक गाँधी समाधि होते हुए नगर के भीतर जाती है तथा चौथी सड़क भी डायमंड सिनेमा रोड होते हुए शहर की तरफ़ चली जाती है।
स्टार चौराहे से गाँधी समाधि होते हुए जो सड़क शहर के अंदर जाती है पहले उसे राह-ए-रज़ा (रामपुर रियासत के तत्कालीन नवाब रज़ा अली ख़ान के नाम पर)के नाम से जाना जाता था।अब इसका नाम बदलकर मौलाना मोहम्मद अली जौहर(आज़ादी की लड़ाई में योगदान करने वाले मोहम्मद अली तथा शौकत अली भाईयों में से एक भाई मोहम्मद अली के नाम पर) रोड कर दिया गया है।स्टार चौराहे पर ऊपर दिखाई दे रहा होटल बॉम्बे पैलेस है जो यात्रियों के ठहरने का एक अच्छा स्थान है।स्टार चौराहे पर ही सबसे ऊपर दिखाई दे रहा ईडन पैलेस नाम से एक बड़ा बारात घर है जहाँ आए दिन शादी-पार्टी आदि के आयोजन होते रहते हैं।चौराहे के एक और कुछ और मध्यम स्तर के होटल जैसे होटल डिलाइट तथा होटल लॉर्ड्स आदि स्थित हैं।कुल मिलकर यह एक अच्छा स्थान बन गया है।रात्रि में भव्य रौशनी होने पर यहाँ की शोभा देखते ही बनती है।
कल मैं इवनिंग वॉक के बाद काफ़ी देर तक स्टार चौराहे की शोभा को निहारता रहा और अपने नगर में हो रहे विकास पर गर्व करता रहा।मूड बना तो अपनी ग़ज़ल के कुछ अशआर और बातचीत को मिलाकर फटाफट एक वीडियो भी बनाया जो नीचे साझा कर रहा हूँ।इस वीडियो पर भी चैनल के कॉमेंट बॉक्स में जाकर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजिए 🙏🙏
वह ग़ज़ल यहाँ भी पेश कर रहा हूँ :
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जब घिरा छल फ़रेबों के तूफ़ान में,
मैंने रक्खा यक़ीं अपने ईमान में।
दूसरों को नसीहत से पहले ज़रा,
झांकिए आप अपने गरीबान में।
इतनी जल्दी तो अहबाब मिलते नहीं,
वक़्त लगता है लोगों की पहचान में।
चापलूसों ने उसको न जीने दिया,
साफ़गोई का जज़्बा था नादान में।
है बुराई का पुतला ये माना मगर,
कुछ तो अच्छाईयां भी हैं इंसान में।
ये जो अशआर मैंने सुनाए अभी,
छप चुके हैं मेरे एक दीवान में।
©️ ओंकार सिंह विवेक
(मेरे पहले ग़ज़ल संग्रह 'दर्द का एहसास' से)
Khoobsoorat jankaari aur Sher,wah wah
ReplyDeleteहार्दिक आभार
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