भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार और संवर्धन को समर्पित संस्था हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी दिल्ली द्वारा 'हिन्दुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान' एवं 'नाविक के तीर' निःशुल्क पुस्तक प्रकाशन योजना में मेरे दोहों का चयन करने के लिए मैं अकादमी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।
यह संस्था प्रतिवर्ष दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित करके चयनित रचनाकारों को सम्मानित ( कुछ अन्य संस्थाओं की भांति बिना कोई पंजीकरण राशि वसूले) करने के साथ ही पुस्तक की निःशुल्क प्रति भी प्रदान करती है।आज के दौर में, जब चंद लोगों ने साहित्य को व्यवसाय का रूप दे दिया है, संस्था की यह नि:स्वार्थ साहित्य सेवा प्रणम्य है 🙏🙏
कह न सका है आज तक,कोई दोहा-वीर।
दोहों में जो कह गए, बातें संत कबीर।।
©️ ओंकार सिंह विवेक
प्रस्तुति : ओंकार सिंह विवेक
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