July 19, 2024

उत्तर प्रदेश साहित्य सभा की रामपुर इकाई की बैठक सम्पन्न

अपने सृजनात्मक साहित्य के द्वारा कवि/लेखकगण निरंतर समाज में जागरण का कार्य कर रहे हैं ।साहित्यकार अपने मौलिक चिंतन/सृजन द्वारा ऐसी बात कह देते हैं जो पाठक/श्रोता के मन में गहरे तक उतर जाती है।कभी-कभी उस बात के प्रभाव से किसी व्यक्ति का जीवन तक बदल जाता है।ऐसी तमाम साहित्यिक संस्थाएँ सक्रिय हैं जो अपनी साहित्यिक गतिविधियों से समाज में परिवर्तन की अलख जगा रही हैं। उन्हीं में से एक प्रमुख साहित्यिक संस्था "उत्तर प्रदेश साहित्य सभा (लखनऊ)" भी है।प्रदेश स्तर पर इस संस्था की स्थापना संचालन और प्रचार-प्रसार के साथ डॉo विष्णु सक्सैना, श्री सर्वेश अस्थाना, डॉo सोनरूपा विशाल श्री बलराम श्रीवास्तव तथा श्री गिरधर खरे जी आदि जैसे बड़े नाम जुड़े हुए हैं।
इस संस्था की ज़िला स्तर की इकाईयों के गठन के क्रम में दिनांक 8जुलाई,2023 को सभा के ज़िला रामपुर के संयोजक/प्रधान वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेंद्र अश्क रामपुरी के संयोजकत्व में उत्तर प्रदेश साहित्य सभा की स्थानीय इकाई का निम्नानुसार विधिवत गठन किया गया :
संरक्षक                       ताहिर फ़राज़ साहब
संयोजक /प्रधान           सुरेन्द्र अश्क रामपुरी जी
अध्यक्ष                        ओंकार सिंह विवेक जी
वरिष्ठ उपाध्यक्ष              फैसल मुमताज़ जी
उपाध्यक्ष                       प्रदीप राजपूत माहिर जी 
मंत्री/सचिव                    राजवीर सिंह राज़ जी
कोषाध्यक्ष                    अनमोल रागिनी चुनमुन जी
सह सचिव                     सुमित मीत जी
प्रचार सचिव                   नवीन पांडे जी
संगठन सचिव                 बलवीर सिंह जी
कार्यकारिणी सदस्य         रश्मि चौधरी जी तथा गौरव नायक जी
सभा के गठन के बाद एक साहित्यिक गोष्ठी पूर्व में होली के अवसर पर भी आयोजित की जा चुकी है जिसकी विस्तृत रिपोर्ट भी ब्लॉग पर पोस्ट की गई थी। अब दिनांक 17 जुलाई,2024 को सभा की एक अनौपचारिक सूक्ष्म बैठक मंत्री/सचिव श्री राजवीर सिंह राज़ जी के निवास पर आयोजित की गई।इस बैठक में साहित्यिक विमर्श तथा सूक्ष्म काव्य गोष्ठी के अतिरिक्त भविष्य की योजनाओं को लेकर निम्न प्रस्तावों पर सहमति बनी :
1. साहित्यकार डॉक्टर प्रीति अग्रवाल को सर्व सहमति से उत्तर प्रदेश साहित्य सभा रामपुर इकाई की कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया।
2.सभा की केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रारूप के अनुसार स्थानीय इकाई का लेटर हैड पैड बनवाने पर सहमति हुई।
3. स्वंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में सभा के बैनर तले एक काव्य गोष्ठी/निशस्त कराने तथा निकट भविष्य में सामाजिक कार्यों (वृक्षारोपण आदि) में सहभागिता आदि पर भी सभी ने एक सुर में सहमति व्यक्त की।
 कुछ सदस्यों(अनमोल रागिनी चुनमुन,कोषाध्यक्ष तथा डॉक्टर प्रीति अग्रवाल, सदस्य) को उल्लिखित बिंदुओं पर सहमति व्यक्त करके के उपरांत अपनी अपरिहार्य पारिवारिक व्यस्तता के चलते सभा समापन से पूर्व ही जाना पड़ा।बाद में शेष साथियों द्वारा गोष्ठी/सभा में काव्य पाठ भी किया गया।
वरिष्ठ साथी श्री सुधाकर सिंह जी ने भोले शंकर के काशी नगरी से अकाट्य संबंध को उकेरती हुई अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी :
 वो तो भोला भंडारी हैं, 
असुरों पर भी रिझ जाते हैं।
भस्मासुर जैसे छल-कपटी,
वरदान वहां पा जाते थे।
सभा के प्रचार सचिव श्री नवीन पांडे ने आज के मशीनी युग में लोगों के किताबों से दूर होते जाने को अपनी कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया : 
लाइब्रेरी में रखी किताबें,
अपने हालात से कितनी मायूस हैं अब।
अलमारियों से देखती हैं वो इस उम्मीद के साथ,
कभी तो पड़ेगी उन पर किसी की नज़र।
 सभा के मंत्री/सचिव और गोष्ठी के मेज़बान श्री राजवीर सिंह ने अपनी सस्वर प्रस्तुति से समां बांध दिया :
 राह किनारे लगे वृक्ष पर नई आस के फूल,
पीत वर्ण के सुंदर-सुंदर अमलतास के फूल।
           तपते-तपते अब उकताया है सूरज का रूप,
           छितराए पुष्पों से छनकर झीनी लगती धूप।

स्थानीय सभा के सूत्राधार संयोजक श्री अश्क रामपुरी ने अपनी रिवायती ग़ज़ल बड़े ही ख़ूबसूरत अंदाज़ में पेश की :
 अभी तुम न जाओ ग़ज़ल हो रही है,
 कली खिल रही है,कंवल हो रही है।

  वो ग़म दे रहे हैं ख़ुशी मुझसे लेकर,
    मुहब्बत में रद्दो-बदल हो रही है।
स्थानीय सभा के अध्यक्ष ओंकार सिंह विवेक ने भी अपनी ताज़ा जदीद ग़ज़ल के चंद अशआर पेश किए :
           कहीं उम्मीद से कम हो रही है,
            कहीं बारिश झमाझम हो रही है।

            नहीं है मुद्द'आ जो बहस लाइक़,
            उसी पर बहस हरदम हो रही है।
                  --- ओंकार सिंह विवेक 
अंत में जलपान के बाद सचिव श्री राजवीर सिंह राज़ द्वारा सभी का आभार व्यक्त करते हुए सभा समापन की घोषणा की गई।
       (प्रस्तुति ओंकार : सिंह विवेक) 




No comments:

Post a Comment

Featured Post

आज एक सामयिक नवगीत !

सुप्रभात आदरणीय मित्रो 🌹 🌹 🙏🙏 धीरे-धीरे सर्दी ने अपने तेवर दिखाने प्रारंभ कर दिए हैं। मौसम के अनुसार चिंतन ने उड़ान भरी तो एक नवगीत का स...