July 31, 2023

पल्लव काव्य मंच की काव्य गोष्ठी दिनांक 30 जुलाई,2023)

प्रतिष्ठित साहित्यिक ग्रुप "पल्लव काव्य मंच" द्वारा दिनांक ३०/०७/२०२३ रविवार को गणेश धर्मशाला रामपुर में एक शानदार काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।उल्लेखनीय है कि पल्लव काव्य मंच काव्य साहित्य के माध्यम से निरंतर समाज सेवा करता आ रहा है।व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक के माध्यम से भी मंच की साहित्यिक गतिविधियां जारी रहती हैं।वर्ष भर गोष्ठियों के अतिरिक्त मंच द्वारा वर्ष में एक बार एक भव्य कवि सम्मेलन एवं साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें स्थानीय तथा बाहर से आए साहित्यकारों को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया जाता है।
कवि गोष्ठी का शुभारंभ मां शारदे को पुष्प अर्पित करके अनमोल रागिनी गर्ग चुनमुन की सरस्वती वंदना से हुआ।
कवि राजवीर सिंह राज़ ने काव्य पाठ करते हुए अपनी अभिव्यक्ति दी :

जो ये खुशियों के मौसम हैं हसीं दिलकश नज़ारे हैं,
है सच ये हम   ने आँखों में   समंदर भी   उतारे हैं।

कभी तो हम भी देखेंगे झलक झिलमिल सितारों की,
ये  माना आज  कल  तेरी   नज़र  में  चाँद - तारे हैं।

प्रदीप राजपूत माहिर ने कहा :

होने को अब है उनसे जो उलफ़त नयी-नयी
आने को मेरे दिल! है इक आफ़त नयी-नयी 

वो  जो  सियह-निगाह  ज़रा  मुस्कुरा  दिया
लिखने लगा  है दिल  ये  इबारत  नयी-नयी 

ओंकार सिंह विवेक ने अपनी अभिव्यक्ति कुछ यों दी :

ख़ुद  में  जब  विश्वास  ज़रा  पैदा हो जाता है,
पर्वत  जैसा  ग़म  भी  राई-सा  हो  जाता  है।

कम कैसे समझें  हम उसको  एक  फ़रिश्ते से,
मुश्किल में जो आकर साथ खड़ा हो जाता है।

वरिष्ठ कवि शिवकुमार चंदन :

कच्चे घर थे गाँव में ,ठंडी  पेड़ों  की  छाँव  ,
हरियाली चहुँओर थी , मन को  भाते गाँव ।
मन को  भाते  गाँव ,सभी  आनंद  मनाते ,
रामायण   संगीत ,  कीर्तन   मन  हरषाते  ।
भरा प्रेम सदभाव , मीत मन के थे  सच्चे  ,
खेत - बगीचा बाग , गाँव  में घर  थे कच्चे ।

सुरेंद्र अश्क रामपुरी ने कुछ यों अपनी बात कही :
वो जो अम्नो अमां की बात करें
चल उसी रहनुमां की बात करें
जाम लेकर सियासियों ने कहा
आओ अपनी दुकां की बात करें

उपरोक्त कवियों के अलावा डॉक्टर प्रीति अग्रवाल, महाराज किशोर सक्सैना,आशीष पांडे,जितेंद्र नंदा तथा रामसागर शर्मा आदि ने भी अपनी धारदार समसामयिक रचनाओं से अंत तक श्रोताओं को बांधे रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष शिवकुमार चंदन तथा संचालन महासचिव प्रदीप राजपूत माहिर द्वारा किया गया।

प्रस्तुति : ओंकार सिंह विवेक 


No comments:

Post a Comment

Featured Post

आज फिर एक नई ग़ज़ल

 एक बार फिर कोलकता के सम्मानित अख़बार/पत्रिका "सदीनामा", ख़ास तौर से शाइर आदरणीय ओमप्रकाश नूर साहब, का बेहद शुक्रिया। सदीनामा निरं...