May 12, 2023

प्रोत्साहन प्रतिसाद

प्रणाम मित्रो 🌹🌹🙏🙏



रचनाकर दिल्ली १ साहित्यिक पटल से साभार👎👎
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*रचनाकार दिल्ली 1*

*पंजीयन क्रमांक 2434/2018*

*एक कदम साहित्यिक उत्कृष्टता की ओर*

*संवेदना सृजन सम्मान के साथ*

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*पटल परिणाम*

दिनांक -- 9/5/2023

दिन -- मंगलवार
 
मिसरा -- कभी फूल पढ़ना कभी खार पढ़ना

विधा -- गजल

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*दैनिक सम्मान*
1- दैनिक सर्वश्रेष्ठ रचनाकार
आ० ओंकार सिंह विवेक जी

2 - दैनिक सर्वश्रेष्ठ समीक्षक
आ० धर्मराज देशराज जी

3 -- दैनिक सर्वश्रेष्ठ समीक्षक
आ० सरफराज हुसैन फराज जी

4 -- दैनिक सर्वश्रेष्ठ संचालक
आ० प्रभात पटेल जी


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सभी चयनित साहित्यसाधको को हार्दिक बधाई 
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*एक किरण विश्वास की*
*सबके साथ विकास की* 

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प्रशासक मंडल
रचनाकार

इस अनुशासित और स्तरीय साहित्यिक राष्ट्रीय पटल के बारे में पहले भी मैं ब्लॉग पोस्ट साझा कर चुका हूं। काव्य सृजन सीखने और सिखाने के लिए यह बहुत ही अच्छा पटल है।साहित्यकारों से मैं अनुरोध करूंगा कि इस पटल से जुड़कर अवश्य ही लाभान्वित हों। मै आभारी हूं मंच का कि यहां से मुझे अक्सर ही कभी समीक्षक के रूप में और कभी रचनाकार के रूप में प्रोत्साहन प्रतिसाद प्राप्त होता रहता है।
यदि सृजनकार को उसके रचना कर्म के लिए प्रोत्साहन/प्रशस्ति प्राप्त होती है तो उसमें नई ऊर्जा का संचार होने लगता है।उसे कुछ और अच्छा सृजन करने के दायित्व का बोध होने लगता है। सृजन में सुधार के लिए यह सिलसिला बना रहना चाहिए।सीखने और सिखाने की प्रक्रिया जीवन पर्यंत चलती है।हमें जूनियर और सीनियर के आधार पर कोई भेद या ईगो न रखते हुए जिससे जो भी ज्ञानवर्धक जानकारी मिले उसे आभार प्रकट करते हुए ग्रहण करते रहना चाहिए।किसी भी प्रकार की मानसिक संकीर्णता या ईगो हमारी प्रगति के मार्ग के बहुत बड़े बाधक होते हैं।कविता की जहां तक बात है यह व्यक्ति के ह्रदय से स्वत: प्रस्फुटित होने वाला भाव है।कविता को किसी पाठशाला में नहीं सिखाया था सकता।हां उसके शिल्प और कथ्य आदि को लेकर अवश्य कुछ राय/मशवरा दिया जा सकता है ताकि उसमें ओर निखार आ सके।कविता में शिल्प के साथ- साथ लक्षणा/व्यंजना/उपमा और प्रतीकों आदि का प्रयोग धीरे-धीरे अभ्यास और बड़ों के मार्गदर्शन से निखरता रहता है।परंतु कविता के मूल भाव स्वत: ही व्यक्ति के मन में आते हैं।
तो आईए इन्हीं कुछ बातों को ध्यान में रखकर हम अपने सृजन को निखारते हुए साहित्य की सेवा करते रहें।
         --- ओंकार सिंह विवेक 

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