May 16, 2023

मातृ दिवस पर काव्यधारा का साहित्यिक आयोजन

आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था रामपुर- उत्तर प्रदेश के बारे में पहले भी मैं कई ब्लॉग पोस्ट्स लिख चुका हूं।यह संस्था पिछले कई वर्ष से अपनी साहित्यिक गतिविधियों के माध्यम से हिंदी भाषा और कविता के संरक्षण,संवर्धन और विकास का कार्य कर रही है।
       संस्था ने अनवरत जारी अपने साहित्यिक क्रियाकलापों की कड़ी में  दिनांक १४-०५-२०२३ को अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस के अवसर पर कवि सम्मेलन /साहित्यकार सम्मान/काव्य संकलन के लोकार्पण समारोह का रामपुर में भव्य आयोजन किया।

 कार्यक्रम में हिंदी की सेवा के लिए चौबीस काव्यकारों को उत्तरीय, सम्मान पत्र एवं माल्यार्पण द्वारा सम्मानित किया गया तथा "गीत गीतिका ग़ज़ल" काव्य संकलन का लोकार्पण भी किया गया।

 इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में काव्यपाठ प्रस्तुत करते हुए  डॉ ० गीता मिश्रा 'गीत' ने देशभक्ति से ओतप्रोत रचना का पाठ किया -
"ओ! देशभक्त दे दे रक्त,
सींच राष्ट्र भूमि को ओ! आर्य पुत्र !"

ग़ज़लकार ओंकार सिंह 'विवेक' (रामपुर) ने वर्तमान राजनीति पर व्यंग्य करते हुए कहा ----
"लुत्फ़ क्या आयेगा शराफत में,
आप अब आ गये सियासत में ।"
सुबोध कुमार शर्मा 'शेरकोटी'  जी की प्रस्तुति -
"यह मेरी माँ का आँचल है,
जहाँ पर प्यार मिलता है ।"

   पुष्पा जोशी 'प्राकाम्य' ने मातृ शक्ति को समर्पित रचना प्रस्तुत की --  
"प्रबल सूर्य के तेज किरण सी है चमकीली माँ, 
माँ एक मूरत है प्यार और ममता की ।"

  कवि राम किशोर वर्मा ने माँ के प्रति अपने उद्गार कुछ यों व्यक्त किए --
"अपनी तो चिंता नहीं, बच्चों की हर बार ।
प्रभु से ही बस लगन थी, कर इनका उद्धार ।।"

  संस्था अध्यक्ष जितेन्द्र कमल आनंद ने  माँ को समर्पित गीत प्रस्तुत किया-
"माँ तो माँ ही होती है,
बच्चों का कल्मष धोती है ।
पूर्व सुलाए वह बच्चों को,
किंतु बाद में वह सोती है।"'
 
 प्रीति चौधरी (गजरौला) ने माँ को समर्पित रचना प्रस्तुत की --
"माँ की ममता प्यार सब,
दुनिया में अनमोल ।
कोई पाया है भला, उसे कभी क्या तोल ।।"
 
  राजीव 'प्रखर' (मुरादाबाद) ने कहा-
"जारी रखने के लिए, प्रेम भरे वह सत्र ।
चल दोनों मिलकर पढ़ें, आज पुराने पत्र ।"

  कमलेश्वर सिंह कमलेश वरिष्ठ कवि (फरीदपुर-बरेली) ने रचना प्रस्तुत की-
"भोर के उगते हुए सूरज,
तुम्हें मेरा नमन ।
न जाने कब कहाँ, 
जिंदगी की शाम हो जाए।'
  इनके अतिरिक्त सत्य पाल सिंह 'सजग', राम रतन यादव, कृष्ण कुमार पाठक, रश्मि चौधरी, राज बाला 'धैर्य', डॉ ० संजीव सारस्वत 'तपन' , फैसल मुमता, सुरेन्द्र अश्क रामपुरी, बलवीर सिंह, धीरेन्द्र सक्सेना, सोहन लाल भारती, महाराज किशोर 'महाराज', नयना कक्कड़ गुप्ता, उदय प्रकाश सक्सेना, शोभित गुप्ता, रमेश चन्द्र जैन 'सेठी', पंकज शर्मा, विवेक बादल बाजपुरी, शिव प्रकाश सक्सेना ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किये रखा ।
   अंत में संस्थापक-अध्यक्ष जितेन्द्र कमल आनंद ने सभी रचनाकारों की प्रशंसा करते हुए आभार ज्ञापित किया ।
   कार्यक्रम संचालन महासचिव राम किशोर वर्मा ने किया।
कार्यक्रम की समाचार पत्रों द्वारा सुंदर कवरेज की गई।
             ---- ओंकार सिंह विवेक 

 

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