October 8, 2022

यादों के झरोखों से (कड़ी - ४)

नमस्कार मित्रो 🙏🙏🌹🌹

आज 'यादों के झरोखों से' की चौथी कड़ी के साथ हाज़िर हूं :
अब तक की कड़ियों में आपने पढ़ा :
कड़ी-१ : कुछ वर्ष पूर्व आयोजित की गई पल्लव काव्य मंच रामपुर की एक काव्य गोष्ठी का रोचक संस्मरण।

कड़ी- २ : एकता विहार कॉलोनी रामपुर के वरिष्ठ नागरिक संघ द्वारा आयोजित कराई गई कवि गोष्ठी का वृतांत।

कड़ी- ३: संस्था तहरीक-ए-अदब रामपुर द्वारा आयोजित कराई गई नशिस्त का आंखों देखा हाल।

अब कड़ी -४ में पढ़िए २५ नवंबर,२०२१ को शहर के प्रतिष्ठित सर्राफ और अच्छे साहित्यकार श्री रवि प्रकाश अग्रवाल द्वारा राजकली देवी शैक्षणिक पुस्तकालय रामपुर-उ०प्र० में आयोजित कराई गई एक काव्य गोष्ठी का वृतांत।

श्री रवि प्रकाश अग्रवाल जी प्रतिष्ठित सर्राफ होने के साथ - साथ समाजसेवी और सुंदर लाल इंटर कॉलेज तथा टैगोर शिशु निकेतन जैसे प्रतिष्ठित विद्यालयों के स्वामी तो हैं ही, एक बढ़िया साहित्यकार भी हैं।अब तक उनकी  गद्य और कविता की कई किताबें आ चुकी हैं। चूंकि रवि प्रकाश जी स्वयं एक साहित्यकार हैं,वे साहित्यकारों के प्रति विशेष स्नेह और सम्मान का भाव रखते हैं।अपने इसी स्नेह को प्रदर्शित करते हुए उन्होंने २५ नवंबर,२०२१ को राजकली देवी पुस्तकालय में एक शानदार काव्य गोष्ठी का आयोजन कराया था। उस अवसर के कुछ छाया चित्र नीचे साझा किए जा रहे हैं:
काव्य गोष्ठी में श्री रवि प्रकाश अग्रवाल जी सहित श्री जितेंद्र कमल आनंद, सुरेश अधीर, रामकिशोर वर्मा , ओंकार सिंह विवेक, शिवकुमार चंदन, डॉक्टर अब्दुल रऊफ,रागिनी गर्ग,प्रदीप राजपूत,सचिन सिंह सार्थक आदि कवियों ने सहभागिता की थी।
रामपुर की संभावनाशील कवयित्री रागिनी गर्ग जी को इस अवसर पर उनके स्तरीय छंदबद्ध सृजन से प्रभावित होकर विशिष्ट सम्मान प्रदान किया गया था।इस कार्यक्रम में काव्य पाठ के अतिरिक्त पुरानी यादों को ताज़ा करते हुए शहर में वर्तमान साहित्यिक गतिविधियों को और अधिक गति प्रदान करने के बारे में विमर्श भी हुआ था।रज़ा लाइब्रेरी में कार्यरत श्री अब्दुल रऊफ साहब, जिन्होंने हिंदी भाषा में पी एच डी की है,ने कहा कि उनका प्रयास है कि वह अधिक से अधिक हिंदी रचनाकारों को जोड़कर इस दिशा में कुछ ठोस काम कर सकें।सभी इस बात से सहमत थे कि साहित्य और समाज सेवा की दृष्टि से ऐसी गतिविधियां जारी रहनी चाहिए।
गोष्ठी में आए कुछ साहित्यकारों के सृजन और चिंतन से परिचित कराने के लिए उनकी रचनाओं की कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत कर रहा हूं:
रवि प्रकाश अग्रवाल
आई हैं तैयार हो के सिंह पे सवार हो के
          करती प्रहार माँ कटार-संग लाई हैं
लाई हैं अचूक शक्ति दानव-संहार हेतु 
          देवी की भुजाऍं यह अष्ट-वर‌दाई हैं 
वरदाई हैं भरेंगी भारत में नव-नाद
          सिंह‌नाद-जैसी ध्वनियाँ ही आज छाई हैं 
छाई हैं दसों दिशाऍं आज वीर भावना में
          घड़ि‌याँ पराजय की शत्रुओं की आई हैं

ओंकार सिंह विवेक
     खिले से चौक-चौबारे नहीं हैं,
     नगर में अब वो नज़्ज़ारे नहीं हैं।

      तलब है कामयाबी की सभी को,
       हमीं इस दौड़ में न्यारे नहीं हैं।

प्रदीप राजपूत माहिर
खुद की ख़ातिर ज़रा जो सोच लिया,
हरेक शख़्श कहे है बहुत ख़राब हैं हम।

रागिनी गर्ग
बूढ़ा माली‌ सोचता, कहाँ हुई है भूल।
बाग‌ लगाया आम का, कैसे उगा बबूल।।

शिवकुमार चंदन

पवन वसंती मधुगंधा सी,वही जा रही निर्जन में
मुग्ध हो रही है अलबेली,बेसुध मेघों के गर्जन में
हिमगिरि,निर्झर उच्च शिखर संग नेह जताती जी भर
कहीं न ठहरी रही लजाती,सुख बरसाती धरती पर
पंछी  भौंरे  गुंजन  करते ,झूम रहे  हैं  उपवन में
पवन वसंती मधुगंधा सी,वही जा रही निर्जन में

जितेंद्र कमल आनंद 
हम जिये हैं सदा ही तुम्हारे लिए 
 दर्द की दाह से हो गये दृग सजल

 अंत में श्री रवि प्रकाश जी द्वारा सभी का आभार प्रकट करते हुए शीघ्र ही इसी प्रकार के आयोजन में फिर से मिलने की बात कहते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।
कार्यक्रम का संचालन श्री रवि प्रकाश जी द्वारा किया गया। भाजपा की नेत्री श्रीमती नीलम गुप्ता जी भी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं।
कार्यक्रम के अंत में उत्तम जलपान की व्यवस्था भी की गई थी।श्री रवि प्रकाश जी की धर्म पत्नी तथा उनके पुत्र एवम् पुत्रवधु द्वारा आग्रहपूर्वक सभी को जलपान कराया गया।
एक मशहूर शायर, जिनका इस वक्त नाम याद नहीं आ रहा,के इस शेर के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं:
          कितने हसीन लोग थे जो मिल के एक बार,
           आँखों में जज़्ब हो गए दिल में समा गए।

जय हिंद, जय भारत 🌹🌹🙏🙏


विशेष : यदि आप किसी कारणवश पिछली कड़ियां न पढ़ पाए हों तो ब्लॉग पोस्ट्स को स्क्रॉल करके अपनी पसंद की कड़ी को शीर्षक में ढूंढकर पढ़ सकते हैं।
ओंकार सिंह विवेक 

10 comments:

  1. अति उत्तम

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    1. हार्दिक आभार आपका 🌹🌹🙏🙏

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  2. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (9-10-22} को "सोने में मत समय गँवाओ"(चर्चा अंक-4576) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
    ------------
    कामिनी सिन्हा

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    Replies
    1. हार्दिक आभार आपका। अवश्य हाज़िर रहूंगा।

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