October 4, 2022

पल्लव काव्य मंच का पुस्तक लोकार्पण,कवि सम्मेलन तथा साहित्यकार सम्मान समारोह,२०२२

मित्रो प्रणाम🌹🌹🙏🙏

कवि समाज में जो कुछ घटित हो रहा होता है उसे अपनी सूक्ष्म दृष्टि से देखकर अपने चिंतन की उड़ान के माध्यम से कविता में ढालता है।जब सामाजिक विसंगतियां और विद्रूपताएं उसे उद्वेलित करती हैं तो वह अपने काव्य सृजन द्वारा उन्हें समाप्त करने का संदेश भी देता है। इस प्रकार एक साहित्यकार काव्य सृजन के माध्यम से समाज-निर्माण के कार्य में बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करता है।  इसलिए कवि को केवल युग दृष्टा ही नहीं अपितु युग सृष्टा भी कहा जाता है।

काव्य साहित्य साधना में निमग्न ऐसे ही साहित्यकारों को पल्लव काव्य मंच से जोड़कर रामपुर के वरिष्ठ साहित्यकार श्री शिवकुमार चंदन जी निरंतर हिंदी साहित्य के संवर्धन द्वारा  समाज की सेवा कर रहे हैं। चंदन जी द्वारा संचालित पल्लव काव्य मंच,रामपुर -उ०प्र०द्वारा२ अक्टूबर,२०२२ को गांधी जी तथा लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर माया देवी धर्मशाला, ज्वालानगर रामपुर में पुस्तक लोकार्पण, कवि सम्मेलन तथा साहित्यकार सम्मान समारोह का एक शानदार कार्यक्रम संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में स्थानीय कवियों और आमंत्रित अतिथियों के साथ-साथ बरेली,खटीमा, बिसौली, बहजोई, संभल,गाजियाबाद,अलीगढ़ ,देहरादून और ऋषिकेश आदि सुदूर स्थानों से पधारे साहित्यकारों ने सहभागिता की।
यह विशाल आयोजन दो चरणों में संपन्न हुआ।कार्यक्रम के पहले सत्र में ११बजे से अपराह्न २बजे तक कवि सम्मेलन हुआ । जिसमें मंच व्यवस्था इस प्रकार रही :

अध्यक्ष : वरिष्ठ कवि रणधीर प्रसाद गौड धीर,बरेली 
मुख्य अतिथि: वरिष्ठ कवि बाबा कल्पनेश,ऋषिकेश
विशिष्ठ अतिथिद्वय : वरिष्ठ साहित्यकार रूपकिशोर गुप्ता
                                         बहजोई
                             : वरिष्ठ साहित्यकार गाफिल स्वामी
                                   इगलास,अलीगढ़
इस सत्र का संचालन करने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ।

कवि सम्मेलन में मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत रागिनी गर्ग द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। इसके बाद कवियों द्वारा विधिवत काव्य पाठ किया गया।सभी ने देश-काल के अनुसार अपनी श्रेष्ठ सामयिक प्रस्तुतियों से आमंत्रित श्रोताओं की ख़ूब तालियाँ बटोरीं। 

      काव्य पाठ करते हुए  प्रदीप राजपूत माहिर 

      काव्य पाठ करते हुए रामरतन यादव रतन
भोजन अवकाश के उपरांत दूसरा सत्र विधिवत प्रारंभ हुआ, जिसका कुशल संचालन प्रदीप राजपूत माहिर जी द्वारा किया गया। इस सत्र में सर्वप्रथम मंच के अध्यक्ष श्री शिव कुमार चंदन जी की काव्य कृति 'शारदे स्तवन' का  मंच-अतिथियों
द्वारा लोकार्पण किया गया।
इसके पश्चात डॉक्टर अरुण कुमार,डॉक्टर प्रीति अग्रवाल,श्री रूपकिशोर गुप्ता और श्री अतुल कुमार शर्मा द्वारा पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत की गई।
समीक्षकों द्वारा कवि चंदन की 'शारदे स्तवन' कृति में विद्यमान भक्ति भाव की मुक्त कंठ से प्रशंसा की कई।सभी ने उनकी वंदनाओं में भाव पक्ष को बहुत प्रबल बताया।स्मरण रहे कि श्री चंदन जी की इस कृति में सभी रचनाएं मां सरस्वती को समर्पित हैं।
कार्यक्रम में पटल के संरक्षक वरिष्ठ साहित्यकार डाक्टर रघुवीर शरण शर्मा जी की कृति 'देखें तनिक विचार'  का भी लोकार्पण किया गया।
(मेहमान कवियों श्री बाबा कल्पनेश जी तथा श्री राजेश डोभाल जी के साथ श्री शिवकुमार चंदन जी और मैं) 

कार्यक्रम के अंतिम चरण में इस पटल के विभिन्न विधाओं के समीक्षकों सहित अनेक स्थानीय तथा मेहमान साहित्यकारों को अंग वस्त्र,प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।मुझे भी इस पटल के ग़ज़ल विधा के समीक्षक के रूप में 'कवि जे के रतन स्मृति सम्मान' देकर सम्मानित किया गया, इसके लिए मैं पटल के अध्यक्ष श्री शिवकुमार चंदन जी का हार्दिक आभार प्रकट करता हूं।यह सम्मान आदरणीय श्री कमल रतन जी ने अपने पिता स्मृतिशेष कवि श्री जे के रतन जी की स्मृति में शुरू कराया है।
अंत में मंच के अध्यक्ष श्री शिव कुमार चंदन द्वारा सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की।
पटल के मीडिया प्रभारी प्रिय नवीन पाण्डे द्वारा अखबारों में कार्यक्रम की बहुत सुंदर रिपोर्टिंग की गई जिसके लिए वह अतिरिक्त धन्यवाद और बधाई के पात्र हैं।
कार्यक्रम में मंच के पदाधिकारियों भाई विनोद शर्मा जी, आशीष पांडे जी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री सीताराम शर्मा जी का विशेष सहयोग रहा। पटल के पदाधिकारी डॉक्टर अरविंद गौतम जी,प्रधानाचार्य हामिद इंटर कॉलेज रामपुर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी समारोह में उपस्थित रहे।भोजन व्यवस्था का श्री प्रवीण भांडा जी द्वारा उत्तम प्रबंध किया गया।
         प्रस्तुतकर्ता : ओंकार सिंह विवेक 

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