October 3, 2022

यादों के झरोखों से (कड़ी -२)

नमस्कार मित्रो🌹🌹🙏🙏

यादों के झरोखों से (कड़ी -१) के अंतर्गत मैंने रामपुर के 'पल्लव काव्य मंच' द्वारा कुछ वर्ष पूर्व आयोजित की गई एक काव्य गोष्ठी के संस्मरण आपके साथ साझा किए थे। इस सिलसिले की दूसरी कड़ी में आज प्रस्तुत है २ अक्टूबर,२०१९ को वरिष्ठ नागरिक संघ ,एकता विहार कॉलोनी रामपुर-उ०प्र० द्वारा आयोजित कराई गई एक स्थानीय कवि गोष्ठी का रोचक संस्मरण।

मैं रामपुर नगर की जिस सत्याविहार कॉलोनी में रहता हूं उससे कुछ ही दूरी पर सड़क के दूसरी और एकता विहार कॉलोनी स्थित है।१८ -१९ वर्ष पूर्व जब मैंने अपना घर नहीं बनाया था तब मैं कई साल तक उसी कॉलोनी में श्री वर्मा जी, जो अब नहर विभाग से सेवा निवृत्त हो चुके हैं,के मकान में रहा था।इस तरह मेरा उस कॉलोनी से थोड़ा भावनात्मक जुड़ाव भी रहा है।इस कॉलोनी के लोगों में आपसी मेल जोल और आत्मीयता का जो रिश्ता है वह दिल को बहुत प्रभावित करता है।कॉलोनी के लोग आपसी सहयोग के आधार पर मूलभूत संसाधनों का प्रबंधन करके सभी तीज-त्योहार पूरे आनंद और उत्साह के साथ मनाते हैं।इस कॉलोनी के संभ्रांत वरिष्ठ नागरिकों ने मिलकर 'वरिष्ठ नागरिक संघ' बना रखा है। इस संघ के गठन में श्री सीताराम शर्मा, श्री अनिल कुमार सक्सैना,श्री राजीव कुमार शर्मा और श्री कमल रतन शर्मा जी जी जैसे कई वरिष्ठ भद्रजनों का बहुत बड़ा योगदान है।
जिन लोगों का मैंने ऊपर उल्लेख किया है यदि मैं आपको उनके व्यक्तित्व की खूबियों से परिचित न कराऊं तो यह पोस्ट अधूरी कही जाएगी।
श्री सीताराम शर्मा जी अध्यापन कार्य से जुड़े रहे हैं अत: अनुशासन और प्रबंधन जैसे गुण उनके व्यक्तित्व को सुशोभित करते हैं।बहुत ही मृदुभाषी और मिलनसार हैं। उनका सामाजिक क्षेत्र बहुत व्यापक है। सामाजिक आयोजनों के लंबे अनुभव के कारण उन्हें किसी भी समारोह के प्रबंधन में कभी कोई कठिनाई नहीं होती। श्री सीताराम शर्मा जी के सभी बच्चे सैटल्ड हैं। अब यह दंपति अपने ढंग से  अच्छा जीवन व्यतीत कर रहा है। दंपति के दीर्घ आयु होने की कामना है।
        (श्री सीताराम शर्मा जी और उनकी धर्मपत्नी)

श्री अनिल कुमार सक्सैना जी को मैं अपने बैंक-कार्यकाल से ही जानता हूं। मैं प्रथमा बैंक में कार्यरत था और श्री सक्सैना जी यू पी स्टेट एग्रो कारपोरेशन में कार्यरत थे।उस संस्था का करेंट अकाउंट हमारे बैंक की रामपुर शाखा में था।इस कारण सक्सैना जी का लगभग रोज़ ही बैंक में आना-जाना होता था।सक्सैना जी बहुत ही मस्तमौला स्वभाव के व्यक्ति हैं।उनसे मिलकर हमेशा ही अपनेपन का एहसास होता है।श्री सक्सैना दंपति भी अपने दोनों बच्चों के सैटल होने के बाद आनंददायक जीवन गुज़ार रहा है। ईश्वर आपको लंबी उम्र प्रदान करें।
   (श्री अनिल कुमार सक्सैना जी तथा उनकी धर्मपत्नी)

कॉलोनी के तीसरे वरिष्ठ नागरिक श्री राजीव कुमार शर्मा जी भी सरकारी सेवा में रह चुके हैं। शर्मा जी बेलाग बात कहने और अपने ढंग से जीने में यक़ीन रखने वाले व्यक्ति हैं। अस्वस्थ्य रहने के बावजूद भी हमेशा ऊर्जावान रहते हैं।साहित्य में गहरी रुचि और अपने अलग तेवर के लिए जाने जाते हैं। शर्मा जी भी अपने परिवार के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करते हुए सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ईश्वर इनको शतायु करें।
                        ( श्री राजीव कुमार शर्मा )
श्री कमल रतन शर्मा जी भी अध्यापन कार्य से जुड़े रहे, आप बहुत ही विनम्र स्वभाव के व्यक्ति हैं। आप सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं।साहित्यिक गतिविधियों में रुचि आपको विरासत में मिली है।आपके पिता जी स्मृतिशेष श्री जयकृष्ण रतन जी एक योग्य शिक्षक  होने के साथ-साथ बहुत अच्छे कवि भी थे। श्री कमल रतन जी ने हाल ही में अपने पिता जी की स्मृति में पल्लव काव्य मंच रामपुर के माध्यम से "जे के रतन स्मृति सम्मान" भी शुरू कराया है। श्री कमल रतन जी भी जीवन की इस पारी का भरपूर आनंद ले रहे हैं।ईश्वर आपको भी लंबी आयु प्रदान करें।
      
   (श्री कमल रतन शर्मा जी को सम्मान प्रदान करने का अवसर प्राप्त हुआ)

इन वरिष्ठ जनों के अतिरिक्त भी कॉलोनी के कई लोगों से मेरी घनिष्ठता है। अच्छे ग़ज़लकार भाई प्रदीप राजपूत, अध्यापक और अच्छे कवि भाई विनोद शर्मा जी जैसे मेरे शुभचिंतक  इसी कॉलोनी में निवास करते हैं।
मेरे बैंक में सहकर्मी रहे सुनील कुमार वैश्य,दीपक शुक्ला,राजीव मित्तल,श्रीमती अनीता शर्मा आदि के परिवार भी इसी कॉलोनी में रहते हैं।

एकता विहार कॉलोनी के लोग 'वरिष्ठ नागरिक संघ' के बैनर तले विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं।इसी श्रंखला में २ अक्टूबर ,२०१९ को राष्ट्रीय एकता को लेकर एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया था।जिसके कुछ चित्र नीचे साझा किए जा रहे हैं। 

गोष्ठी की अध्यक्षता पशु चिकित्सा अधिकारी श्रीमती मोनिका शर्मा द्वारा और कुशल संचालन श्री सीताराम शर्मा एवम श्री कमल रतन शर्मा जी द्वारा किया गया था।श्री सीताराम शर्मा जी स्वयं कवि तो नहीं हैं परंतु कविता और शायरी में अच्छी दिलचस्पी रखते हैं।अपने इस शौक़ का वह किसी कार्यक्रम के संचालन में बहुत अच्छा उपयोग करते हैं।
यही खूबी श्री कमल रतन शर्मा जी को भी अन्य लोगों से अलग गरिमा प्रदान करती है।
सब कवियों की पंक्तियां तो इस समय मुझे याद नहीं आ रहीं परंतु कुछ कवियों के रचना पाठ की कुछ पंक्तियां आपके रसास्वादन हेतु यहां प्रस्तुत कर रहा हूं:

कवि गोष्ठी में कवि शिवकुमार चंदन
मन के मयूर झूमें कारे कारे मेघ देख
प्रकृति ने चहुं ओर मधु छंद गाए हैं
हरे भरे तरुवर झूमते पवन संग
नदी,ताल,पोखर के जल मन भाए हैं 

सैयद इफ्तेखार ताहिर, 
अपना गम ख़ुद उठाना पड़ता है,
कौन करता है कुछ किसी के लिए।

अशफ़ाक़ ज़ैदी
दीवानगी ए इश्क़ बड़ा काम कर गई,
कच्चे घड़े पे बैठ के दरिया उतर गई।

ओंकार सिंह विवेक
 न खुशियाँ ईद की कम हों न होली रंग हो फीका,
  रहे भारत के माथे पर इसी तहज़ीब का टीका।

डाक्टर रघुवीर शरण शर्मा,
   ' मेरी बात बुरी लगती हो तो तुम इसे मुझे लौटा दो '

प्रदीप राजपूत 
एक नहीं, सौ बार नहीं,
शायद हमसे प्यार नहीं। 
किसकी ग़ज़लें गाते हो,
मेरे तो अशआर नहीं। 
इनके अतिरिक्त राजीव कुमार शर्मा, विनोद कुमार शर्मा, अनीता शर्मा आदि द्वारा भी कॉलोनी वासियों के सम्मुख  बहुत ही जीवंत काव्य पाठ प्रस्तुत किया गया था। 
इस तरह के आयोजनों का अपना अलग ही आनंद है।मेरी यही कामना है कि यह सिलसिला यूं ही चलता रहे और लोग कविता/शायरी का आनंद लेते हुए एक-दूसरे का हाल-चाल पूछते और जानते रहें।
इन सुखद यादों को आपके साथ साझा करके बहुत अच्छा लगा।
इस सिलसिले की तीसरी कड़ी लेकर शीघ्र ही आपके सम्मुख उपस्थित होऊंगा तब तक के लिए
 नमस्कार🙏🙏



6 comments:

  1. बहुत सुंदर संस्मरण मान्यवर! सारी यादें ताज़ा हो आईं!

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  2. बहुत ही सुन्दर सरस प्रेरणीय वर्णन

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