October 28, 2022

रचनाकार,दिल्ली १ : एक अनुशासित और समृद्ध साहित्यिक पटल

शुभ प्रभात स्नेही साथियो 🙏🙏🌹🌹

आज एक ऐसे साहित्यिक पटल के बारे में अपने ब्लॉग पर कुछ लिखने का मन हुआ जो अपने अनुशासन के लिए जाना जाता है। जी हां, मैं बात कर रहा हूं 'रचनाकर, दिल्ली १' के नाम से राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त एक बहुत ही समृद्ध साहित्यिक पटल की।इस पटल के प्रशासक/संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण श्रीवास्तव अर्णव जी हैं।मुझे इस पटल से वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती मीना भट्ट सिद्धार्थ जी द्वारा जोड़ा गया था जिसके लिए मैं उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। श्रीमती मीना भट्ट जी की काव्य कृति 'छंदमेध' की समीक्षा हाल ही में आप लोगों ने मेरे ब्लॉग पर पढ़ी थी।इस समीक्षा का वीडियो भी मैंने अपने यू ट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया था।उसे भी सुधी साहित्यकारों द्वारा ख़ूब पसंद किया गया।
रचनाकार साहित्यिक पटल पर पूरे सप्ताह (रविवार को छोड़कर) काव्य की किसी न किसी विधा की कार्यशाला आयोजित की जाती है। विषय काल में हर रचनाकर द्वारा पटल पर विधा विशेष की एक रचना प्रस्तुत की जाती है।प्रस्तुत की गई रचनाओं की समीक्षकों द्वारा समीक्षा की जाती है। समीक्षात्मक टिप्पणियों का संज्ञान लेकर रचनाकार  सृजन में परिमार्जन/परिष्कार करके अपने सृजन की धार को तेज़ करने का अवसर प्राप्त करते हैं। मुझे भी अक्सर इस पटल पर ग़ज़ल विधा की कार्यशाला में समीक्षक का दायित्व निर्वहन करने का अवसर प्राप्त होता रहा है। कार्यशाला के अंत में पटल के निर्णायक मंडल द्वारा सर्वश्रेष्ठ रचनाकर, समीक्षक तथा संचालक को प्रशस्ति देकर प्रोत्साहित भी किया जाता है। यह एक अच्छी परंपरा है। मैं कामना करता हूं कि साहित्य सृजन द्वारा समाज सेवा का यह कार्य पटल पर यों ही अनवरत चलता रहे।रविवार का दिन पटल पर मुक्त दिवस के तौर पर रहता है अर्थात उस दिन किसी भी विधा में रचनाकर द्वारा अपनी रचना पोस्ट करने की स्वतंत्रता रहती है। उस दिन रचनाकर अपनी उपलब्धियों के समाचार,  रचनाओं के यू ट्यूब लिंक आदि भी पटल पर पोस्ट कर सकते हैं। सुधी साहित्यकारों से अनुरोध है कि इस मंच से अवश्य जुड़ें।
इसके अतिरिक्त इस  साहित्यिक समूह द्वारा 'रचनाकार' के नाम से एक ई-मासिक साहित्यिक पत्रिका भी निकाली जाती है जिसमें बहुत ही श्रेष्ठ साहित्यिक सामग्री संग्रहित की जाती है। मैं निश्चित तौर पर यह कह सकता हूं कि यह एक पठनीय और संग्रहणीय पत्रिका है। पत्रिका के अगस्त,२०२२ अंक में मेरे भी एक नवगीत को स्थान दिया गया है जिसके लिए मैं संपादक मंडल का हार्दिक आभार प्रकट करता हूं। मेरे कई साथी साहित्यकारों की रचनाएँ भी इसमें छपी हैं।इससे पहले भी कई बार मेरी रचनाएँ पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी हैं।पत्रिका के अगस्त,२०२२ अंक के कुछ पृष्ठों को अवलोकनार्थ यहां साझा करना प्रासंगिक होगा :
'रचनाकार' की इस साहित्यिक संकल्पना के सूत्रधार पटल प्रशासक/संयोजक श्री अर्णव जी और मूर्धन्य साहित्यकार 
आ० मेहा जी हैं। पत्रिका के इस अंक का सम्पादन आ० नीलम सिंह जी द्वारा किया गया है तथा इसके निरंतर प्रकाशन में प्रधान संपादक आ० संजीत सिंह जी का अमूल्य योगदान रहता है।
मैं इस मंच और पत्रिका की उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करता हूं।

ओंकार सिंह विवेक
ग़ज़लकार/समीक्षक/कंटेंट राइटर




4 comments:

  1. बहुत खूबसूरत धन्यवाद।आभार

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  2. रचनाकार पत्रिका को अपना स्नेह प्रदान करने के लिए हार्दिक आभार

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