October 26, 2022

राष्ट्रीय तूलिका मंच की ग़ज़ल/गीतिका कार्यशाला में

शुभ प्रभात मित्रो 🌹🌹🙏🙏

रविवार दिनांक २३ अक्टूबर,२०२२ को प्रतिष्ठित साहित्यिक ग्रुप राष्ट्रीय तूलिका मंच,एटा द्वारा आयोजित ग़ज़ल/गीतिका विधा की कार्यशाला में मेरे द्वारा दीपावली के अवसर को देखते हुए उसी रंग की एक ग़ज़ल पोस्ट की गई थी। सौभाग्य से पटल के निर्णायक मंडल द्वारा मुझे उस दिन सर्वश्रेष्ठ शब्द शिल्पी चुना गया। मैं पटल के निर्णायक मंडल तथा संस्थापक आदरणीय डॉक्टर राकेश सक्सैना जी का हार्दिक आभार प्रकट करता हूं 🌹🌹🙏🙏

राष्ट्रीय तूलिका मंच एक बहुत ही प्रतिष्ठित साहित्यिक समूह है जिससे देश भर के तमाम मूर्धन्य साहित्यकार जुड़े हुए हैं।श्रेष्ठ काव्य साहित्य में रुचि रखने वाले साथियों से अनुरोध करूंगा कि इस मंच से जुड़कर अपने काव्य सृजन को धार दें। मैं पिछले कई सालों से इस मंच से जुड़ा हुआ हूं। अवसर मिलने पर कभी-कभार पटल पर ग़ज़ल/गीतिका कार्यशाला के दिन अपनी सीमित जानकारी के अनुसार समीक्षक के दायित्व का निर्वहन करने का प्रयास भी करता हूं।यहां रहकर मूर्धन्य साहित्यकारों से बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हो रहा है।पटल के संस्थापक डॉक्टर राकेश सक्सैना जी बहुत अनुशासित ढंग से इसे चला रहे हैं। मैं उनके दीर्घायु होने की कामना करता हूं।
(चित्र में : पटल के संस्थापक आदरणीय डॉक्टर राकेश सक्सैना जी वरिष्ठ साहित्यकार श्रद्धेय बाबा कल्पनेश जी के साथ)

संदर्भित ग़ज़ल आपके रसास्वादन हेतु पुन: प्रस्तुत कर रहा हूं:

ग़ज़ल ----- ओंकार सिंह विवेक
तम को नफ़रत के मिटाओ कि अब दिवाली है,
प्यार  के  दीप  जलाओ  कि  अब  दिवाली  है।

सख़्त राहों  के  सफ़र  से  हैं  जो  भी घबराते,
हौसला  उनका  बढ़ाओ  कि अब  दिवाली है।

वक़्त  गुज़रा  तो  कभी   लौटकर  न  आएगा,
वक़्त को  यूँ  न गँवाओ  कि  अब  दिवाली है।

पेड़-पौधे     ही    तो    पर्यावरण    बचाते   हैं,
इनको  हर ओर लगाओ  कि  अब  दिवाली है।

आपसी   मेल-मुहब्बत   का, भाई   चारे   का,
सबमें  एहसास जगाओ  कि  अब दिवाली है।
                           --- ओंकार सिंह विवेक 
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
राष्ट्रीय तूलिका मंच एटा के पटल से साभार👎
 
 🇮🇳  *राष्ट्रीय तूलिका  मंच*🇮🇳

      🫐23अक्टूबर  2022 🫐
            🌞रविवार 🌞

🇮🇳🪷🇮🇳🪷🇮🇳🪷 🇮🇳🪷🇮🇳
  
   🪴 *सर्वश्रेष्ठ शब्दशिल्पी*

    श्री ओंकार सिंह विवेक 

    🪴 *श्रेष्ठ शब्दशिल्पी* 🪴
  डाॅ0 महेश कुमार मधुकर 

🇮🇳🪷🇮🇳🪷🇮🇳🪷🙏🪷🇮🇳


       💐हार्दिक बधाई 💐

 🇮🇳  *- राष्ट्रीय तूलिका    मंच -* 🇮🇳

🇮🇳🪷🇮🇳🪷🇮🇳🪷🇮🇳🪷🇮🇳
 दैनिक सर्वश्रेष्ठ विवेचक 
श्री मुकुट सक्सेना 
दैनिक श्रेष्ठ विवेचक 
श्री कल्याण गुर्जर कल्याण

विशेष : मेरी इस ग़ज़ल को मेरी धर्मपत्नी श्रीमती रेखा सैनी जी द्वारा अपनी आवाज़ दी गई है । यदि इसे सुनकर कॉमेंट बॉक्स में प्रतिक्रिया देकर तथा चैनल को नि:शुल्क सब्सक्राइब करके हमारा उत्साहवर्धन करेंगे तो हमें हार्दिक प्रसन्नता होगी 👎👎





2 comments:

  1. सुन्दर आलेख और उतनी ही ख़ूबसूरत ग़ज़ल मान्यवर!💐💐

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