October 13, 2022

करवा चौथ : हमारी संस्कृति और परंपरा को सुदृढ़ करता त्योहार

प्रणाम मित्रो 🌹🌹🙏🙏

आज पति- पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास के रिश्ते को मज़बूत करने वाला त्योहार करवा चौथ है। मुझे यह तो नहीं मालूम कि पति के लिए पत्नी द्वारा इस तरह निर्जल व्रत रखने के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार भी रहा है परंतु यह ज़रूर कह सकता हूं कि ऐसे कितने ही त्योहार हमारी सांस्कृतिक विरासत और परम्पराओं का अभिन्न अंग हैं जो पारस्परिक प्रेम और सद्भाव से जीने का उत्साह  प्रदान करते हैं। मैं समझता हूं कि हमारे जीवन में रच बस चुकी इन सुदृढ़ और सकारात्मक परम्पराओं को किसी वैज्ञानिक कसौटी की आवश्यकता भी नहीं है।

यह पर्व भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में बसे भारतीयों द्वारा भी पूरे हर्ष, उल्लास और उत्साह से मनाया जाता है।भारतीय संस्कृति में प्रेम और आस्था की जड़ें कितनी मज़बूत हैं ,करवा चौथ जैसे तमाम अन्य त्योहार हमें इस बात का बार-बार एहसास कराते हैं।हमें इस बात का गर्व है कि होली,दीपावली, रक्षा बंधन और करवा चौथ जैसे पर्व भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहुंचा चुकी हैं।करवा चौथ का त्योहार परस्पर प्रेम और सहयोग का प्रतीक है।पत्नी का दिन भर इस तरह निर्जल व्रत रखना पति के प्रति उसका नि:स्वार्थ प्रेम और समर्पण दर्शाता है तो वहीं पति द्वारा भी उसे भरोसा दिया जाता है की वह उसे सहयोग करने में कोई कोर कसर बाक़ी नहीं छोड़ेगा।

यही कामना है की हम इसी उत्साह , विश्वास और ऊर्जा के साथ त्योहार मनाते हुए अपने सांस्कृतिक मूल्यों और परम्पराओं का संवर्धन और संरक्षण करते रहें।

लीजिए प्रस्तुत हैं इस अवसर पर सृजित मेरे कुछ दोहे :

दोहे : करवा चौथ

💥
पति की लम्बी आयु की, मन में इच्छा धार,
पत्नी करवा  चौथ का, व्रत रखती हर बार।
💥
छलनी  में  से चाँद का,  करने  को   दीदार,
छत पर सभी सुहागिनें,नभ को रहीं निहार।
💥
पति- पत्नी   में  उम्र भर,बना  रहे  विश्वास,
यह  ही  करवा चौथ का, संदेशा  है  ख़ास।
💥
मित्रो!करवाचौथ  का, यह   पावन  त्योहार,
पति-पत्नी   संबंध  का, है  अटूट   आधार।       
💥
                      --------ओंकार सिंह विवेक
                             (सर्वाधिकार सुरक्षित)

        ( धर्म पत्नी जी के साथ हमारे शहर की दर्शनीय 
           गाँधी समाधि पर  लिया गया फोटो)
 ---- ओंकार सिंह विवेक 

6 comments:


  1. मित्रो!करवाचौथ का, यह पावन त्योहार,
    पति-पत्नी संबंध का, है अटूट आधार।
    बहुत सुंदर, सामयिक अभिव्यक्ति । बधाई और शुभकामनाएं।

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  2. अतिशय आभार आदरणीया।

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  3. भारत की प्राचीन परंपराओं और मूल्यों को पर्व और उत्सव के माध्यम से जिस प्रकार सहेज कर रखा गया है, उसकी कोई मिसाल कहीं और नहीं है। सुंदर पोस्ट!

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