नवगीत गीत से थोड़ी भिन्नता लिए हिंदी साहित्य की एक लोकप्रिय काव्य विधा है। प्रतीकों और बिंबों का सटीक प्रयोग करते हुए सामाजिक विसंगतियों और विद्रूपताओं आदि पर आजकल बहुत ही मार्मिक नवगीतों का सृजन किया जा रहा है।
माहेश्वर तिवारी,डाक्टर श्याम मनोहर सिरोठिया और शिवानंद सिंह सहयोगी जैसे प्रसिद्ध नवगीतकार नई पीढ़ी के नवगीतकारों को प्रोत्साहन देते हुए उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं।
"नवगीत का कार्य कोने में छिपी किसी अनछुई सामाजिक छुईमुई अनुभूति को समाज के समक्ष लाना है|
नवगीत न मांसल सौन्दर्य की कविता है और न संयोग-वियोग की स्मृतियाँ|
नवगीत प्रथम पुरुष के जीवन की उठा-पटक, उत्पीड़न, गरीबी, साधनहीनता के संघर्ष की अभिव्यक्ति है|
नवगीत हृदय प्रधान, छन्दबद्ध, प्रेम और संघर्ष का काव्य है. नवगीत की यह एक विशेषता है कि वह छंदबद्ध होकर भी किसी छंदवाद की लक्ष्मणरेखा के घेरे से नहीं लिपटा है|"
प्रसिद्ध नवगीतकार शिवानंद सिंह सहयोगी
आज आपके समक्ष प्रस्तुत है मेरा हाल ही में कहा गया एक नवगीत। आशा है कि आप इसे पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराते हुए मेरा उत्साहवर्धन करेंगे।
नवगीत : ओंकार सिंह विवेक
🌹
किसको दिल के घाव दिखाए,
नदिया बेचारी।
रात और दिन अपशिष्टों का,
बोझा ढोती है।
तनिक नहीं आभास किसी को,
कितना रोती है।
कृत्य मनुज के हैं अब इसकी,
सांसों पर भारी।
किसको दिल के घाव -----
निर्मल है जल मेरा इसको,
निर्मल रहने दे।
रोक नहीं यों अविरल धारा,
मुझको बहने दे।
नित यह विनती करते-करते ,
मानव से हारी।
किसको दिल के घाव ----
आओ मिलकर इसके सारे,
दुख-संताप हरें।
पल-पल दूषित होती जल की,
धारा स्वच्छ करें।
मान इसे मिल जाए जिसकी,
है यह अधिकारी।
किसको दिल के घाव ----
🌹 ओंकार सिंह विवेक
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (03-09-2022) को "कमल-कुमुद के भिन्न ढंग हैं" (चर्चा अंक-4541) (चर्चा अंक-4534) पर भी होगी।
ReplyDelete--
कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हार्दिक आभार आदरणीय। अवश्य उपस्थित रहूंगा।
Deleteप्रकृति पर्यावरण को समर्पित गीत ,हृदयतल से अशेष बधाई ।शुभकामनाएँ ।
Delete~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ चंदन ,
जी आदरणीय आभार🙏🙏
Deleteबहुत सुन्दर नवगीत ॥
ReplyDeleteअतिशय आभार आपका 🙏🙏
Deleteबहुत सुंदर जानकारी और उतनी ही सुंदर कविता।
ReplyDeleteअतिशय आभार आपका 🌹🌹🙏🙏
Deleteसुंदर नवगीत के लिए आपको बधाइयां। शुभकामनायें।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका।
Deleteसुन्दर,भावों से परिपूर्ण नवगीत। हार्दिक आभार।
ReplyDeleteआभार आदरणीय।
Deleteसुंदर भावों से परिपूर्ण नवगीत। हार्दिक आभार।
ReplyDeleteआभार आदरणीय।
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