August 15, 2022

सारे जग में भारत की पहचान तिरंगा है!!!!!🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯

साथियो आज़ादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाए जा रहे देश के ७६वें  स्वतंत्रता दिवस (७५ वीं वर्ष गाँठ) के शुभ अवसर पर आप सभी को सपरिवार हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। वंदे मातरम् का जयघोष करते हुए हमारा देश यों ही दुनिया में अपनी अपनी उपलब्धियों का लोहा मनवाता रहे।लगभग दो सौ साल अंग्रेज़ो  की दासता में रहने के बाद भारतीय वीरों के पुरुषार्थ से हमें जो आज़ादी मिली है आइए उसके संरक्षण का प्रण लें।
अवसर के अनुकूल अपनी कुछ रचनाएँ आपके साथ साझा कर रहा हूं और साथ ही हर घर तिरंगा मुहिम में हिस्सेदारी करते हुए तिरंगे के साथ परिवार सहित जो फोटो लिया है उसे भी साझा करते हुए मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है।
स्वतंत्रता दिवस:कुछ दोहे
🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯
           -------ओंकार सिंह विवेक
 🇹🇯
  आज़ादी  पाना  कहाँ ,था  इतना आसान।
  वीरों ने इसके  लिए, प्राण किए बलिदान।।
 🇹🇯
  लुटा गए जो देश पर,हँसकर अपनी जान।
  हम उनके बलिदान का ,रखें हमेशा मान।।
 🇹🇯
  राष्ट्र  सुरक्षा  में  दिया, अपना  जीवन वार।
  भारत  के  रणबांकुरों,नमन तुम्हें सौ बार।।
 🇹🇯
  जागे  सबकी  चेतना, रखें  सभी यह ध्यान।
  संविधान का हो नहीं,किंचित भी अपमान।।
 🇹🇯
   मन में यह ही कामना, है यह  ही अरमान।
   दुनिया का सिरमौर  हो , मेरा  हिंदुस्तान।।
  🇹🇯
            -----ओंकार सिंह विवेक
                        
आज़ादी का अमृत महोत्सव : दो मुक्तक
********************************
                           1.
वीर  शहीदों   की   गाथा   का  गान   तिरंगा  है।
हर   भारतवासी    का    गौरव-मान   तिरंगा   है,
गर्व न हो क्यों हमको इस  पर आख़िर बतलाओ,
सारे  जग   में   भारत   की   पहचान  तिरंगा  है।

                          2.
सीना दुश्मन  की  सेना  के  आगे अपना  तान रखा,
होठों पर  हर पल आज़ादी का ही पावन गान रखा।
शत-शत  वंदन  करते  हैं हम श्रद्धा से उन वीरों का,
देकर जान जिन्होनें भारत माँ का गौरव-मान रखा।
               ---©️ ओंकार सिंह विवेक
🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯🇹🇯

No comments:

Post a Comment

Featured Post

आज फिर एक नई ग़ज़ल

 एक बार फिर कोलकता के सम्मानित अख़बार/पत्रिका "सदीनामा", ख़ास तौर से शाइर आदरणीय ओमप्रकाश नूर साहब, का बेहद शुक्रिया। सदीनामा निरं...