यों तो सोशल मीडिया/फेसबुक पर कोरोना काल से पहले भी काफ़ी साहित्यिक ग्रुप्स सक्रिय रहे हैं परंतु कोरोना काल में इनमें अच्छी ख़ासी तेज़ी देखने में आई। महामारी के भयानक दौर में जब सुरक्षा कारणों से ऑफलाइन साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन बंद हुआ तो इस तरह के ऑनलाइन आयोजन ही साहित्यिक गतिविधियों को जारी रखने के सफल माध्यम बने।
इस प्रकार के ऑनलाइन साहित्यिक आयोजनों का नए साहित्यकारों को भी बहुत फ़ायदा हुआ।एक तरफ़ उनकी लेखन प्रतिभा के विकास की नई राह खुली और अच्छे साहित्यकारों ने उनमें छुपी प्रतिभा को पहचानकर उन्हें नोटिस करना प्रारंभ किया तो दूसरी तरफ़ उन्हें सम्मानित भी किया जाने लगा जिससे उन्हें स्तरीय साहित्य सृजन की प्रेरणा मिली।यह सिलसिला आज भी जारी है।इस दौरान मैं भी कई ऑनलाइन साहित्यिक मंचों से जुड़ा।कुछ मंचों पर समीक्षा करने और विषय विशेष पर परिचर्चा में सहभागिता करने का अवसर भी प्राप्त हुआ।इन मंचों पर समीक्षा के दौरान कई खट्टे- मीठे अनुभव भी हुए जिनकी विस्तार से चर्चा फिर कभी सही।
इस क्रम में मुझे एक फेसबुक साहित्यिक समूह बज़्म- ए- अंदाज - ए- बयां से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ जिसके संस्थापक एक युवा अधिवक्ता,पत्रकार और प्रखर साहित्यकार श्री अश्क चिरैयाकोटी जी हैं।यदि अन्य साहित्यिक मंचों से इस मंच की तुलना करूं तो यह मंच मुझे अपेक्षाकृत अधिक व्यवस्थित ,अनुशासित और स्तरीय लगा। इस पटल से यदि सिद्धहस्त साहित्य साधक जुड़े हुए हैं तो कई ऐसे नए रचनाकर भी जुड़े हैं जिनमें सीखने की ललक है और जो अपनी रचनाओं पर आई आलोचनात्मक/समीक्षात्मक टिप्पणियों को बड़ी सहृदयता से लेते हैं जो बहुत अच्छी बात है।अश्क जी ने पटल के प्रबंधन और संचालन के लिए जो टीम चुनी है वह बहुत समर्पित और प्रतिभासंपन्न है ।यही कारण है कि यह ग्रुप दिनों दिन श्रेष्ठ साहित्यिक प्रतिभाओं से समृद्ध होता जा रहा है।इसके लिए संस्थापक महोदय और उनकी टीम बधाई की पात्र है। मुझे यह बताते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है कि इस मंच के प्रबंधन और संचालन कार्य से मेरे शहर रामपुर के दो प्रतिष्ठित और प्रतिभाशाली साहित्यकार रागिनी गर्ग चुनमुन जी और प्रदीप राजपूत माहिर जी भी जुड़े हुए हैं।मुझे इस मंच से जोड़ने का श्रेय भी रागिनी गर्ग चुनमुन जी को ही जाता है।
इस मंच पर विभिन्न काव्यविधाओं में साहित्यिक सृजन की साप्ताहिक/पाक्षिक/मासिक साहित्यिक प्रतियोगिताओं के साथ - साथ एकल काव्य पाठ,मुशायरा/काव्य गोष्ठी और साहित्यकारों के साक्षात्कार आदि कार्यक्रम बड़े व्यवस्थित ढंग से सफलता पूर्वक संचालित किए जा रहे हैं। मंच की ऐसी ही एक प्रतियोगिता में मुझे भी प्रोत्साहन प्रतिसाद प्रदान किया गया जिसके लिए मैं मंच और इसके संस्थापक जी का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूं।
मैं श्री अश्क चिरैयाकोटी जी और उनकी टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं संप्रेषित करता हूं और इस मंच की उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करता हूं।
---ओंकार सिंह विवेक
बहुत-बहुत बधाई आपको आदरणीय! आपका लेखन और काव्य सृजन बहुत शालीन और प्रभावी है।
ReplyDeleteशुक्रिया भाई जी,यह आपकी मुहब्बत है।
Deleteइस अपार स्नेह के लिए सादर आभार आपका आदरणीय
ReplyDelete🙏🙏🌹🌹
Deleteनि:संदेह आप जैसे गीत ग़ज़ल व छंदों के माहिर, सरल- सहज व्यक्तित्व का पटल पर आना ब़ज्मे अंदाजे बयां के लिए सौभाग्य का घोतक है।
Deleteआपसे आत्मीय स्नेहाशीष पाकर अभिभूत हूं 🙏🙏
आपकी सदाशयता को नमन🙏🙏
DeleteBahut khoob
ReplyDeleteधन्यवाद
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