आज रूस और यूक्रेन युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं।यूक्रेन जो कभी सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था आज रूस से अलग एक छोटा-सा देश है जो अपनी स्वायत्तता और स्वतंत्रता के अधिकार का उपयोग करते हुए नाटो देशों का सदस्य होना चाहता है और ऐसे ही कुछ और स्वतंत्र निर्णय अपने भविष्य को लेकर करना चाहता है जो रूस को नागवार गुज़र रहे हैं।स्थिति यह है कि रूस बेलारूस के साथ मिलकर युद्ध अभ्यास कर रहा है और निरंतर यूक्रेन को परमाणु युद्ध की धमकी दे रहा है।दूसरी तरफ यूक्रेन भीअपनी पूरी सामर्थ्य जुटाकर रूस से मुक़ाबले के लिए कमर कस रहा है।नाटो देश यूक्रेन के साथ आ गए हैं और अमरीकी राष्ट्रपति बाइडन ने तो यहाँ तक कह दिया है कि यदि रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो दुनिया को जल्द ही तीसरे विश्व युद्ध का सामना पड़ेगा क्योंकि यूरोप और अमेरिका यूक्रेन की तरफ से रूस के ख़िलाफ़ मैदान में उतर जाएँगे।
यदि ऐसा हुआ, जो नहीं होना चाहिए,तो दुनिया तबाह होकर रह जायेगी क्योंकि ये परमाणु शक्ति सम्पन्न देश हैं।फ्रांस ने इस संबंध में रूस से कुछ रास्ता निकालने के बारे में वार्ता की भी पर कोई सार्थक परिणाम नहीं रहे।
यही कामना की जा सकती है कि ये सर्वशक्ति सम्पन्न देश अपनी अति महत्वाकांक्षी सोच और अहंकार से बाहर आएँ और विश्वबंधुत्व व इंसानियत के हित को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने दुराग्रह त्यागकर समझौते की राह निकालें।
इंसान का इंसान से हो भाईचारा,
यही पैग़ाम हमारा,यही पैग़ाम हमारा।
जय विश्व बंधुत्व,जय मानवता🙏🙏
---ओंकार सिंह विवेक
चित्र--गूगल से साभार
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