January 31, 2022

संविधान का मान

कुंडलिया : 
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         ---ओंकार सिंह विवेक
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जागे  सबकी  चेतना,रखें  सभी यह ध्यान,
संविधान का हो नहीं,किंचित भी अपमान।
किंचित भी अपमान,करें सब इसकी पूजा,
इसके  जैसा   श्रेष्ठ, नहीं  दुनिया  में दूजा।
रखना  हमें   सदैव,राष्ट्र के  हित को आगे,
सबके  मन  में  काश!भावना  ऐसी जागे।
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                      --ओंकार सिंह विवेक
चित्र---गूगल से साभार

5 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (02-02-2022) को चर्चा मंच       "बढ़ा धरा का ताप"   (चर्चा अंक-4329)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'    

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  2. वाह!बहुत सुंदर सर।
    सादर

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  3. Jude hmare sath apni kavita ko online profile bnake logo ke beech share kre
    Pub Dials aur agr aap book publish krana chahte hai aaj hi hmare publishing consultant se baat krein Online Book Publishers

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