नया साल- एक कामना
---ओंकार सिंह विवेक
गए साल जैसा नहीं हाल होगा,
तवक़्क़ो है अच्छा नया साल होगा।
न होगा फ़क़त फाइलों-काग़ज़ों में,
हक़ीक़त में भी मुल्क ख़ुशहाल होगा।
बढ़ेगी न केवल अमीरों की दौलत,
ग़रीबों के हिस्से भी कुछ माल होगा।
रहेगा सजा आशियां रौशनी का,
घरौंदा अँधेरे का पामाल होगा।
जगत में सभी और देशों से ऊँचा,
हमारे वतन का ही बस भाल होगा।
--ओंकार सिंह विवेक
सर्वाधिकार सुरक्षित
चित्र-गूगल से साभार
वाह वाह क्या बात है!
ReplyDeleteहार्दिक आभार भाई जी🙏🙏🌷
Deleteवाह वाह क्या बात है!
ReplyDeleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(०१ -०१ -२०२२ ) को
'नए वर्ष की ढेर शुभ-कामनाएँ'( चर्चा अंक-४२९६) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है। सादर
आभार आदरणीया।आपको भी नव वर्ष मंगलमय हो
Deleteवाह!बहुत खूब👌
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteन होगा फ़क़त फाइलों-काग़ज़ों में,
ReplyDeleteहक़ीक़त में भी मुल्क ख़ुशहाल होगा।
बढ़ेगी न केवल अमीरों की दौलत,
ग़रीबों के हिस्से भी कुछ माल होगा।
वाह!,नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीय 🙏
हार्दिक आभार भाई जी
Deleteबहुत बेहतरीन
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आपको सह परिवार जनों के।
ReplyDeleteसद्भावनाओ से सुसज्जित सृजन।
सुंदर।