अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कुछ दोहे
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---ओंकार सिंह विवेक
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होता है इस बात पर , हमें गर्व का भान,
भारत ने संसार को , दिया योग का ज्ञान।
आदिकाल में देश के, बालक- वृद्ध-जवान,
गुरुकुल जाकर योग का, लेते थे नित ज्ञान।
जिसने शामिल कर लिया , दिनचर्या में योग,
उससे घबराने लगे , सभी तरह के रोग।
घोर निराशा-क्रोध-भय,उलझन और तनाव,
योग शक्ति से दूर हों , ऐसे सभी दबाव।
तेग बहादुर - सेमुअल , राम और रहमान,
सबके मुख पर योग से , खिलती है मुस्कान।
अगर करेंगे योग का ,प्रतिदिन हम अभ्यास,
भर जाएगा एक दिन , जीवन में उल्लास।
कोरोना के काल में ,करके प्रतिदिन योग,
प्रतिरोधक क्षमता सतत, बढ़ा रहे हैं लोग।
------ ©️ ओंकार सिंह विवेक
Khoobsurat,vah
ReplyDeleteजी थैंक्स
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