ग़ज़ल**ओंकार सिंह विवेक
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बंद भले ही सरहद पर अब गोलीबारी है,
पर हमसाये की साज़िश वैसे ही जारी है।
जान गए कुछ देर की बारिश से ही लोग यहाँ,
टाउन परिषद की कितनी पुख़्ता तैयारी है।
दस्तावेज़ों में चाहे कुछ भी तहरीर करें,
पर यह सच्चाई है , दुनिया में बेकारी है।
घटना में शामिल लोगों की जानिब से हर पल,
जाँच को भटकाने की पूरी कोशिश जारी है।
जान नही पाए हैं दुनिया वाले ये अब तक,
'कोविड' कोई साज़िश है या फिर बीमारी है।
तंग नज़रिया रखने वाले लोगो , तुम अपनी-
सोच बदलकर देखो, दुनिया बेहद प्यारी है।
©️ ----ओंकार सिंह विवेक
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