May 21, 2021

अँधेरे से ही तो उजाला है

शुभ प्रभात मित्रों🙏🙏

शीर्षक पढ़कर आपको लगा होगा कि यह कैसी अटपटी-सी 
बात है।यदि हम गहराई से सोचें तो इस कथन के पीछे  छुपी 
सच्चाई समझ में आ जाएगी।जब व्यक्ति अँधेरों में घिरता है
तभी उसे प्रकाश का महत्व समझ आता है और वह दीप जलाने
की बात सोचकर उसके लिए प्रयास करता है।अगर अँधेरा न हो 
तो हम  दीप जलाने की बात क्योंकर सोचेंगे।अतः अँधेरा तो एक प्रकार से हमें दिये जलाने की प्रेरणा देता है,हमें इसका अहसानमंद
होना चाहिए।
यही बात जीवन में आने वाली तमाम विपदाओं और परेशानियों पर भी लागू होती है।हम परेशानियाँ उठाकर ही सुखों का महत्व
समझते हैं।दुःखों की कसौटी पर कसे जाने के उपरांत ही हमें सुखों में आनंद की अनुभूति होती है।
   ---ओंकार सिंह विवेक

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